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Hindi Semester 2 class 4 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 2 कक्षा 4 - जीएसटीबी

by Shree Prajaapati Shree Naayak Shree Paramaar Shree Kaapadee Shree Gohil Shree Phakeer

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક ધોરણ 4 હિન્દી દ્વિતીય સત્ર નું છે જેમાં 8 પાઠ આપેલ છે અને 2 પુનરાવતન આપેલ છે.

Hindi Semester 1 & 2 class 5 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 1 और 2 कक्षा 5 - जीएसटीबी

by Gstb

प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक को गुणवत्तायुक्त तथा छात्रभोग्य बनाने के लिए भरसक प्रयत्न किया गया है। अपने चतुरंगी स्वरूप के कारण छात्रों को विशेष तौर पर रसप्रद लगे, ऐसा लक्ष्य की रखा गया है। सेमिस्टर 1 और २ दोनों साथ में है १६ पाठ दिये गे हैय और ४ पुनरावर्तन दिये गये है.

Indian Art and Culture: भारतीय कला एवं संस्कृति

by Nitin Sindhania

Nitin Singhania holds a Bachelor’s and Master’s Degree in Economics from Presidency College, Kolkata. He is also a Chartered Accountant and Company Secretary. He worked in Coal India Ltd before joining the Indian Administrative Services (IAS) in 2013 in the West Bengal cadre. He has a deep interest and expertise in Indian Art and Culture and is known for guiding students in this area. Presently he is posted as Sub-Divisional Officer in Purba Bardhaman district of West Bengal. Earlier, he has worked as the Assistant Secretary, Ministry of Home Affairs, Government of India and as Assistant Collector in Burdwan, West Bengal. His bestselling title Indian Art and Culture is a favourite among students preparing for the Civil Services Examination.

Indian Politics Thinker: भारतीय राजनीति विचारक

by नेशनल पेपरबैक्स ओम् गाबा

भारतीय राजनीति-चिंतन की परंपरा पश्चिमी परंपरा से भी पुरानी है, और इसमें बहुत सारे ओजस्वी विचार भरे हैं। परंतु इसके अध्ययन को यथोचित महत्त्व नहीं मिल पाया है। देखा जाए तो आधुनिक युग में पश्चिमी सभ्यता के अभ्युदय के कारण साधारणतः पाश्चात्य राजनीति-चिंतन को ही भूमंडलीय बौद्धिक परंपरा के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत किया गया है; भारतीय राजनीति-चिंतन को छिटपुट अध्ययन का विषय बना कर छोड़ दिया गया है। वस्तुतः भारतीय चिंतन की प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक धाराओं में राजनीति की बहुत सारी समस्याओं पर इतने सुलझे हुए विचार व्यक्त किए गए हैं जो भूमंडलीय बौद्धिक परंपरा का महत्त्वपूर्ण अंग बनने की क्षमता रखते हैं, परंतु मुख्यतः हमारी उदासीनता के कारण इस क्षमता को सार्थक करने का विशेष प्रयत्न नहीं हुआ है। ‘भारतीय राजनीति-विचारक’ का प्रस्तुत संस्करण पिछले सब संस्करणों का उन्नत रूप है। आशा है, इस रूप में प्रस्तुत कृति अपने पाठक-वर्ग को न केवल भारतीय राजनीति-चिंतन की समृद्ध परंपरा से परिचित कराएगी बल्कि उन्हें मानव-समाज की समस्याओं के बारे में स्वयं चिंतन करने की प्रेरणा देगी।

India's Foreign Policy Challenge and Strategy: भारत की विदेश नीति चुनौती और रणनीति

by Rajiv Sikri Chinmay Dharkhan

पुस्तक एक रणनीतिक और नीति-उन्मुख दृष्टिकोण से भारत की वर्तमान और बढ़ती विदेशी नीति चुनौतियों की जांच करती है। यह देश के विदेश नीति निर्माण को निर्धारित करने वाले दीर्घकालिक कारकों और रुझानों का विश्लेषण करता है। यदि यह जटिल और तेजी से विकसित होने वाली 21 वीं सदी की दुनिया में एक प्रमुख खिलाड़ी बनना है, तो लेखक भारत के दृष्टिकोण का पुन: मूल्यांकन करने का आग्रह करता है।

Jeet Aapki

by Shiv Khera

An easy-to-read, practical, common-sense guide that will take you from ancient wisdom to modern-day thinking, You Can Win helps you establish new goals, develop a new sense of purpose, and generate new ideas about yourself and your future. It guarantees, as the title suggests, a lifetime of success. The book enables you to translate positive thinking into attitude, ambition and action to give you the winning edge. · Build confidence by mastering the seven steps to positive thinking · Be successful by turning weaknesses into strengths · Gain credibility by doing the right things for the right reasons · Take charge by controlling things instead of letting them control you · Build trust by developing mutual respect with people around you · Accomplish more by removing the barriers to effectiveness

Siddharth: सिद्धार्थ

by Hermann Hesse

1946 में साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक हरमन हेस का यह विश्वप्रसिद्ध उपन्यास है। अनेक भाषाओं में अनूदित इस छोटे-से उपन्यास का विश्व साहित्य में बहुत बड़ा दर्जा है। खुद को खोजने की अन्तरयात्रा की यह कहानी भारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। कहानी है गौतम बुद्ध के ज़माने में सिद्धार्थ नामक युवक की जो ज्ञानोदय की तलाश में अपने घर-बार को छोड़कर निकल जाता है। इस यात्रा के दौरान सिद्धार्थ को किस प्रकार के अलग-अलग अनुभव होते हैं यही सब इस उपन्यास में दर्शाया गया है। मूलतः जर्मन भाषा में लिखा यह उपन्यास 1960 के दशक में बहुत लोकप्रिय हुआ।

Awara Masiha - Novel: आवारा मसीहा - उपन्यास

by Vishnu Prabhakar

‘आवारा मसीहा’ यह किताब लेखक विष्णु प्रभाकरजी ने मार्च 1974 में प्रकाशित की। इस पुस्तक में शरतचन्द्र चटर्जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। ‘आवारा मसीहा’ यह किताब का अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक में उनके अपने चरित्र के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली कुछ और कथाएँ बताई गई है। शरतचन्द्र भारत के सर्वप्रिय उपन्यासकार थे। उन्हें बंगाल में जितनी ख्याति और लोकप्रियता मिली, उतनी ही हिन्दी में तथा गुजराती, मलयालम तथा अन्य भाषाओं में भी मिली। उनकी रचनाओं की विशिष्टता के कारण उनको देशभर से बहुत प्यार मिला।

Clinical Acupressure: क्लीनिकल एक्यूप्रेशर

by Sudhir Somaiya

क्लीनिकल एक्यूप्रेशर ये किताब हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब मे योग और आयुर्वेद द्वारा समस्त रोगों की चिकित्सा प्राण तत्व के संतुलन की अवधारणा पर आधारित है, तथा यही आधार प्राचीन चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर का भी है । यह किताब हमारे प्रेरणा स्त्रोत समस्त योगाचार्य, आयुर्वेदाचार्यों एवं एक्यूप्रेशर संशोधकों को समर्पित है ।

Crystal Lodge - Novel: क्रिस्टल लॉज - उपन्यास

by Surender Mohan Pathak

मुकेश माथुर एक स्वतंत्र आपराधिक वकील हैं। कमलेश दीक्षित पर उनके लॉजिस्टिक्स अभय सिंह राजपुरिया, क्रिस्टल लॉज के मालिक की हत्या का आरोप है। मुकेश ने कमलेश दीक्षित का बचाव करने का फैसला किया। उसकी जांच उसे कई अन्य संदिग्धों तक ले जाती है, जिन्हें पुलिस ने आसानी से अनदेखा करने के लिए चुना है। दीक्षित के खिलाफ सभी सबूतों के बावजूद, वह निर्दोष की दलील दे रहा है। क्या मुकेश माथुर दीक्षित का बचाव करने में सक्षम होंगे? पुलिस उसे पकड़ने के लिए इतनी उत्सुक क्यों है?

EHI04 Rajnaitik Vichar Aur Sansthayen (4)

by Ignou

This book is a 4th Part of the EHI04 with emphasis on these topics. Chapter 12 - Mugal samprabhuta kee sankalpana, Chapter 13 - Mugal shaasak varg, Chapter 14- Mugal prashaasan: kendreey, praanteey aur sthaaneey & Chapter 15-Mugal prashaasan : manasab aur jaageer

Hindi class 8 - S.C.E.R.T - Kerala Board: हिंदी कक्षा 8 - एस.सी.ई.आर.टी. - केरला बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Kerala

हिंदी कक्षा 8वी यह पाठ्यपुस्तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, केरल (शिक्षा विभाग, केरल सरकार) ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पाँच इकाई दि गई है। इस पाठ्यपुस्तक में साहित्यिक विधाएँ- कहानियाँ, कविताएँ, एकांकी, लेख आदि सम्मिलित हैं, इन्हींके साथ दैनिक व्यवहार में आनेवाली कुछ व्यावहारिक विधाएँ भी हैं। इनमें से गुज़रकर हिंदी भाषा और साहित्य के बुनियादी अंशों को समझाने की भरसक कोशिश की गई है।

Hindi class 9 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: हिंदी कक्षा 9 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

हिंदी पाठ्यपुस्तक कक्षा 9वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में भाषा शिक्षण के नए संदर्भो को सामने रखकर लिखा गया है। पुस्तक में एक ओर जहाँ वैश्विक समाज के दृष्टिकोण में आए बदलाव को ध्यान में रखकर विषयवस्तु का चयन किया गया है, वहीं दूसरी ओर भाषा के बदलते स्वरूप से परिचित कराने हेतु भक्तिकालीन साहित्य से लेकर आधुनिक साहित्य को यथा संभव स्थान दिया गया है। पाठ्यपुस्तक की रचना 'थीम' आधारित की गई है, इसलिए इसमें सात थीम शामिल हैं- 1 : प्रेरक प्रसंग; 2 : स्थानीय परिवेश; कला और संस्कृति; 3 : समसामयिक मुद्दे; 4 : छत्तीसगढी भाषा व साहित्य; 5 : पर्यावरण एवं प्रकृति; 6 : विज्ञान एवं तकनीकी; 7: विविध। दी गई सातों 'थीम' की विषयवस्तु का संबंध बच्चे के सामाजिक संदर्भ, सामाजिक चेतना, पर्यावरणीय चेतना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, परिवेशीय ज्ञान, छत्तीसगढ़ी व हिंदी भाषा साहित्य को समझने व उस पर तार्किक विश्लेषण कर समझ विकसित करने से है।

Samajik Vidnyan class 9 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान कक्षा 9 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

Samajik Vidnyan text book for 9th standard from Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad, Raipur, C.G. in Hindi.

Shri Ramcharitmanas (Sundarkand) - Ranchi University N.P.U: श्रीरामचरितमानस : पंचम सोपान (सुन्दरकांड) - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by Yogendra Singh

श्रीरामचरितमानस : पंचम सोपान (सुन्दरकांड) इस किताब में सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने सुन्दरकांड की रचना करके रामकथा के अन्तर्गत हनुमान को लक्ष्मण के साथ सह नायकत्व का स्थान प्रदान किया । तुलसी ने पूरी कथा के अन्तर्गत हनुमान के शौर्य, उनकी बुद्धिमत्ता एवं वाग्मिता के ऊपर श्रीराम के माहात्म्य को स्थापित करने की चेष्टा की है । हनुमान कथा के ही समानान्तर इस कांड में उन्होंने विभीषण के महनीय चरित्र की उद्भावना करके आश्रयविहीन शरणागत की पूर्णरक्षा के जिस संकल्प को यहाँ स्थापित किया है, इसी सम्पूर्ण सुन्दरकांड के विवेचन तथ्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है ।

Adhigam Ke Lie Maargadarshan-1 NES-103 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 1 में मानव जीवन में अधिगम का महत्वपूर्ण स्थान है और इसका योगदान औपचारिक शिक्षा अनुभवो से कही बढकर है। इस खंड में हम उस अधिगम प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है जो घर एवं विघालय में होती है। अधिगम एक सतत प्रक्रिया है तथा इस प्रक्रिया से गुजरते हुए जब बच्चे जटील समस्याओं का सामना करते है, तब उनके अधिगम को सुगम कैसे बनाया जाए इस बारे में विचार किया गया है।

Hindi class 10 - GSTB: हिंदी कक्षा 10 - जीएसटीबी

by Gstb

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક ધોરણ 10 ના હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે જેમાં ૨૩ પાઠ આપેલ છે.

Hindi class 11 - GSTB: हिन्दी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

આ પુસ્તક ધોરણ 11 નું હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે .

Hindi class 11 - GSTB: हिंदी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

साधो, देखो जग बौराना प्रस्तुत पद में कबीर ने अपने युग में व्याप्त हिन्दू-मुस्लिम धर्म की विसंगतियों तथा अन्तर्विरोधों, धार्मिक संकीर्णताओं, बह्यांडम्बरो आदि का खुलकर विरोध करते हुए धर्म के ठेकेदारों को आत्मज्ञान प्राप्ति की नसीहत दे रहे हैं | बापू की कुटिया में प्रस्तुत पाठ ‘बापू की कुतिया’ में लेखक को गांधीजी के जीवन-काल में उनसे न मिल पाने का रंज है तो दूसरी और उनकी अनुपस्थिति में कुटिया की हर वस्तु को आत्मसात करने का सुअवसर पाकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं पुरानी चीजों के पक्ष में | प्रस्तुत कविता में सच के साथ मनुष्यता को बचाये रखने के लिए निरंतर संघर्ष करता मिलता है | चन्द्रशेखर आज़ाद प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चन्द्रशेखर आज़ाद से जुडी हुई स्मृतियों के माध्यम से उनके जीवन व्यक्तित्व तथा उनकी निडरता पर ट्टष्टिपाट किया है शिक्षक के नाम पत्र यह पत्र अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा है- जिसमें अध्यापक के द्रारा किसी विधार्थी को ईमानदारी, विवेकशील, परिकश्रमी, धैर्यवान, आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ अपने विचार स्वयं बनाने पर बल दिया गया है |भारतमाता की जय प्रस्तुत लेख में अनपढ़ ग्रामीण लोग ‘भारतमाता की जय’ का नारा तो लगाते हैं किन्तु भारतमाता के सच्चे स्वरूप तथा उनकी वत्सलता से अनजान हैं |परशुराम – लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत अंश ‘रामचरितमानस’ के ‘बालकांड’ से लिया गया है | रामचन्द्र द्रारा शिवजी के धनुष तोड़े जाने पर परशुरामजी के क्रोध का वर्णन है पंचलाइट ‘पंचलाइट’ रेणुजी की गिनीचुनी प्रसिद्ध कहानियाँ में से एक है | पंच के न्याय दंड-जुरमाना, नयी चीज के आनेपर धर्म-ध्यान और कीर्तन के माध्यम से ग्रामजीवन का बखूबी चित्रण हुआ है; गाँव के अनपढ़ लोगों में अज्ञान जातिगत देष को उजागर किया है चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती यहाँ संकलित कविता ‘चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती’ में गाँव की अनपद लड़कियों और सामान्य-जन को नायकत्व प्रदान किया गया है |अजन्ता प्रस्तुत प्रवास वर्णन में अजन्ता की गुफाओं का परिचय मिलता है नीति के दोहे यहाँ ‘नीति के दोहों’ में आचरण की शुद्धता पर बल दिया है | जीवन का सत्य उजागर करनेवाले इन संकलित दोनों में शक्ति की महता, मैत्री, संगति का फल, वाणी का प्रभाव, योग्यता, बड़े-छोटे का भेद दरिद्रता, कृपण, जिहवा की विशेषता, एवं उदारता का मार्मिक चित्रण है | दु:ख, कदम मिलाकर चलना होगा , नन्हा–सा पौधा,बाज़ लोग, कल्पना-शक्ति,गज़ल, पहली चूक,डंका,दो लघु-कथाएँ .वगेरे पाठ भी सुन्दर तरीकेसे प्रस्तुत किये गये है.

Hindi class 9 - GSTB: हिंदी वर्ग 9 - जीएसटीबी

by Gstb

भाषाकीय नये अभ्यासक्रम का एक उदेश्य यह है, कि इस स्तर के छात्र व्यवहारिक भाषा का उपयोग करने के साथ-साथ अपनी भाषा-अभिव्यक्ति को विशेष प्रभावशाली बनाएँ । साहित्यिक स्वरूप एवं सर्जनात्मक भाषा का परिचय के साथ-साथ हिन्दी भाषा की खुबियों को समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक को रुचिकर, उपयोगी एवं क्षतिरहित बनाने का पूरा प्रयास मंडल द्वारा किया गया है, प्रस्तुत प्रार्थना मे 'सत्यं शिवं सुंदरम्' की भावना के साथ दीन-दुखियों की रक्षा करना, मानवता की उपासना करना, भेदभावों को दूर करना, बैरभाव से मुक्त हो कर विश्वबन्धुत्व की स्थापना करना-जैसे वैश्विक मूल्यों को हस्तान्तरण करने की प्रेरणा देनेवाली यह प्रार्थना मराठी से अनुदित है । प्रस्तुत निबंध में द्विवेदीजी ने यह समझाया है कि तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त अनाचार केवल बाहरी स्तर पर है ; वास्तव में आज भी लोगो में मानवीय मूल्यो के प्रति आस्था कायम है । अपने जीवन में घटित कुछ घटनाओं के द्वारा बताया है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए अपितु हमें जीवन के प्रति आस्थावान बने रहना चाहिए । प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में २४ प्रकरण है पूरक वांचन और स्वाध्याय भी दिये गे है.

NES-101- Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 3 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 3 इनमें शारीरिक एवं गामक विकास, संज्ञानात्मक एवं भाषा विकास तथा सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर चर्चा की गई है। इकाई 6 शारीरिक एवं गामक विकास पर है, इसमें शारीरक विकास की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया गया है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास से संबंधित इकाई 7 में विकास की अवस्थाओं के बारे में पियाजे ने जिन आधारभूत मान्यताओं की स्थापना की थी, उन पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इकाई 8 में बच्चों के सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर विचार किया गया है। यह दृष्टान्तों के प्रस्तुतीकरण द्वारा उनमें अन्तर्सम्बन्धों पर प्रकाश डालता है। प्रस्तुत किए गए दृष्टान्त के विश्लेषण से बच्चों में सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास के लक्षणों को समझने के लिए रोचक सहायता मिलती है। इन क्षेत्रों में विकास के प्रतिमान पर विस्तृत विचार किया गया है।

NES-103 - Adhigam Ke Lie Maargadarshan-2 -IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 2 में चार इकाई दि गई है, अधिगम प्रक्रिया सुगम बनाना अभिभावकों एवं शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण कार्य है। अधिगम की क्षमता मूलतः तीन महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है: खुद सीखने वाला, अधिगम-सामग्री तथा अधिगम विधियाँ। यह आवश्यक है कि हम सीखने वालों की अभिवृत्तियों तथा योग्यताओं, क्षमताओं तथा अक्षमताओं की पहचान करें। इस खंड में छात्रों की अधिगम संबंधी कुछ समस्याओं जैसे, अवधान, अभिप्रेरणा और अभिरुचि आदि की चर्चा करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें बच्चों की योग्यताओं तथा आवश्यकताओं को पहचानने एवं उनका मूल्यांकन करने तथा अधिगम की स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-1 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे बच्चों को प्यार, दुलार, स्नेह, मान्यता की आवश्यकता होती है। इन आवश्कताओं की पूर्ति बच्चों में सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना विकसित करती है। जब इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो बच्चों में असुरक्षा की भावना जागृत होती हैं एवं बच्चा परिवेश से समायोजन करने के कौशल नहीं सीख पाता है। इस खंड में हम बच्चों की सामान्य आवश्यकताओं एवं विभिन्न संवेगात्मक एवं आचरण संबंधी समस्याओं के बारे में अध्ययन करेंगे।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-2 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में ‘बच्चो के सामाजिक-संवेगात्मक विकास में मार्गदर्शन’ में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे वाक् दोष, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं लड़कियों की सामाजिक और संवेगात्मक समस्याएँ आदी के बारे में जानकारी दि गई है। बच्चों के सामाजिक एवं संवेगात्मक समस्याओं का विश्लेषण, उनकी आत्मधारणा, अभिभावकों की प्रवृत्ति और सामाजिक पूर्वाग्रह का अध्ययन भी किया गया है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 1 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक - एक अध्ययन खंड 1 इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बच्चो के शारीरिक, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं संवेगात्मक पहलुओं से संबंधित आवश्यताओं और समस्याओं को शिक्षक तथा अभिभावक को समझने की आवश्यताओं का विवेचन किया गया है। इसमें शैक्षिक निर्देशन संबंधित अनेक उन किर्याकलापों की चर्चा भी की गई है। जो बच्चो को घर तथा स्कूल में समायोजन के अवसर प्रदान करते है।

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