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UGC Net Itihas Prashna (Hindi)

by Kumar Nalin Kumar Ashutosh Naveen Kumar Vineet Kumar

यूजीसी नेट इतिहास प्रश्न इस किताब को हिंदी भाषा में अरिहंत पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया गया है, नवीन पाठ्यक्रम की दृष्टीकोन को ध्यान में रखते हुए जूनियर रिसर्च फैलोशिप तथा लैक्चरशिप हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा के अनुरूप 3 मॉडल पेपर्स को स्थान दिया गया है । इस पाठपुस्तक में संशोधित पैटर्न के अनुसार सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्यायवार विवरण तथा वर्तमान परीक्षा-पद्धती के अनुरूप वस्तुनिष्ठ प्रश्नो, कथन-कारण, सुमेलन, युग्म, क्रम आदि से सम्बन्धित प्रश्नों का भरपूर समावेश किया गया है ।

UGC Net Itihas Prashan (Hindi): यूजीसी नेट इतिहास प्रश्न

by Kumar Nalin Kumar Ashutosh Naveen Kumar Vineet Kumar

यूजीसी नेट इतिहास प्रश्न इस किताब को हिंदी भाषा में अरिहंत पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया गया है, नवीन पाठ्यक्रम की दृष्टीकोन को ध्यान में रखते हुए जूनियर रिसर्च फैलोशिप तथा लैक्चरशिप हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा के अनुरूप 3 मॉडल पेपर्स को स्थान दिया गया है । इस पाठपुस्तक में संशोधित पैटर्न के अनुसार सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्यायवार विवरण तथा वर्तमान परीक्षा-पद्धती के अनुरूप वस्तुनिष्ठ प्रश्नो, कथन-कारण, सुमेलन, युग्म, क्रम आदि से सम्बन्धित प्रश्नों का भरपूर समावेश किया गया है ।

Udyamita Vikas (Foundation course) B.A. B.Sc. B.Com. B.H.Sc. First Year SEM-I and SEM-II - M.P. University

by Madhya Pradesh Hindi Granth Academy Bhopal

Udyamita Vikas (Foundation course) text book for B.A., B.Sc., B.Com., B.H.Sc. First Year SEM-I and SEM-II According to the Latest Syllabus based on syllabus from Madhya Pradesh Hindi Granth Academy Bhopal in Hindi.

Tum Meri Jaan Razia B - Novel: तुम मेरी जान रजिया बी - उपन्यास

by Shri. Piyush Mishra

पीयूष मिश्रा लिखित तुम मेरी जान हो रजिया बी इस किताब मे लेखक और रजिया बी इनका कोठे के भीतर का अनुभव लेखक ने बताया है

Tulsidas: तुलसीदास

by Aacharya Shukla

तुलसीदास यह पुस्तक हिंदी भाषा में श्री प्रकाशन ने प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में गोस्वामीजी का जीवनचरित भी गौण रूप में सम्मिलित किया गया है। यह पुस्तक अपने विशुद्ध आलोचनात्मक रूप में पाठकों के सामने रखी जाती है। इस पुस्तक में गोस्वामीजी के महत्त्व के साक्षात्कार और उनकी विशेषताओं के प्रदर्शन का लघु प्रयत्न समझाया गया है। इस प्रयत्न में कहाँ तक सफलता हुई है, इसका निर्णय तो गोस्वामीजी की कृतियों से परिचित और प्रभावित सहृदय समाज ही कर सकता है। किताब में तुलसी की भक्तिपद्धति और काव्यपद्धति को समझाया है ।

Tulnatmak Rajniti Ki Rooprekha

by O. P Guaba

‘तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखा’ का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर के छात्र-छात्राओं को तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण की इन नवीनतम प्रवृत्तियों से परिचित कराना है। इसके अंतर्गत तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के सैद्धांतिक ढांचे की व्याख्या करते हुए उदारवादी, समाजवादी और विकासशील देशों की राजनीतिक प्रणालियों का सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसमें तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के स्वरूप और विकास की चर्चा करते हुए संस्थात्मक उपागम और प्रणाली-विश्लेषण की व्याख्या की गई है। राजनीतिक अर्थ-व्यवस्था उपागम का वेिचन करते हुए उदारवादी और मार्क्सवादी दष्टिकोणों को स्पष्ट किया गया है। उदारवादी प्रणालियों में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली और अमरीकी अध्यक्षीय प्रणाली के राजनीतिक ढांचों का विवरण देते हुए इनके सामाजिक-आर्थिक आधार की जांच की गई है। समाजवादी प्रणालियों में राजनीतिक प्रक्रिया के विशेष लक्षणों की पहचान करके सोवियत संघ के पतन के कारणों पर प्रकाश डाला गया है। सोवियत संघ और जनवादी चीन के विकास-मार्गों की विस्तृत समीक्षा की गई है। विकासशील देशों में राजनीतिक अस्थिरता के कारणों और परिणामों पर विचार किया गया है; एकदलीय प्रणाली के उदय और ह्रास की जांच की गई है; अल्पविकास की प्रकृति और कारणों के बारे में उदारवादी और मार्क्सवादी विश्लेषण का सारांश दिया गया है; नव-उपनिवेशवाद के समकालीन रूपों का सर्वेक्षण किया गया है; और संजातीय तनावों के विश्लेषण के लिए विकास दृष्टिकोण और पराश्रितता-दृष्टिकोण की मान्यताओं का विवेचन किया गया है। अंत में ‘पारिभाषिक शब्दावली’ के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या की गई है। शासन-प्रणालियों के विवरण को यथासंभव संक्षेप में देकर यथार्थ राजनीति के सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Tellings and Texts: Music, Literature And Performance In North India

by Francesca Orsini Katherine Butler Schofield

Examining materials from early modern and contemporary North India and Pakistan, Tellings and Texts brings together seventeen first-rate papers on the relations between written and oral texts, their performance, and the musical traditions these performances have entailed. The contributions from some of the best scholars in the field cover a wide range of literary genres and social and cultural contexts across the region. The texts and practices are contextualized in relation to the broader social and political background in which they emerged, showing how religious affiliations, caste dynamics and political concerns played a role in shaping social identities as well as aesthetic sensibilities. By doing so this book sheds light into theoretical issues of more general significance, such as textual versus oral norms; the features of oral performance and improvisation; the role of the text in performance; the aesthetics and social dimension of performance; the significance of space in performance history and important considerations on repertoires of story-telling. The book also contains links to audio files of some of the works discussed in the text. Tellings and Texts is essential reading for anyone with an interest in South Asian culture and, more generally, in the theory and practice of oral literature, performance and story-telling.

Teen Talaq: Aastha ki C haan-Been

by Salman Khurshid

Triple talaq, or talaq-e-bidat, is one of the most debated issues not only in India but also in other countries having a sizeable Muslim population. Muslim men have regularly misused this provision to divorce their wives instantly by simply uttering 'talaq' thrice. The Supreme Court of India, in the landmark judgement Shayara Bano v. Union of India, finally topic but presents it simply, without much jargon. Explaining the reasons behind the court's decision, he goes on to discuss other aspects of this practice, such as why it is wrong; why this practice has thrived; what the previous judicial pronouncements on it were; what the Quran and Muslim religious leaders say about it; and what the comparative practices in other countries are. This is the Hindi translation of the English edition.

Swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) B.A. Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Nalin Sharma Keshri Kumar

swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) textbook for B.A. Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University In Hindi and Sanskrit.

Sutradhar: सूत्रधार

by Sanjeev

अपनी रचनात्मक ज़मीन और लेखकीय दायित्व की तलाश करते हुए एक ईमानदार लेखक प्रायः स्वयं को भी रचने की कोशिश करता है। अनुपस्थित रहकर भी वह उसमें उपस्थित रहता है; और सहज ही उसे देश-काल को लाँघ जाता है जो आकर उसे देता रहा है। समकालीन कलाकरों में संजीव की मौजूदगी को कुछ तरह देखा जाता है। आकस्मिक नहीं कि हिंदी की यथार्थ कथा-परम्परा को उन्होंने लगातार आगे बढ़ाया है।

sushant Test

by Sushant Bankar

Test

Suchna Praudyogiki Aur Programming Bhag 2 class 12 - RBSE Board: सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग भाग 2 कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग की आवश्यक अवधारणाओं को शामिल किया गया हैं। इस पुस्तक का समग्र उद्देश्य आपको विभिन्न डेटा स्ट्रक्चर, C++, DBMS और उसके अनुप्रयोगो के बारे मे परिचय कराना है । इस पुस्तक की सामग्री हाल ही में संशोधित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के पाठ्यक्रम के अनुसार है। इस पुस्तक मे 15 अध्याय शामिल हैं और प्रत्येक अध्याय का अपना एक महत्व है ।

Srijan Bhag-1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: सृजन भाग-1 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सृजन भाग- 1 कक्षा 11 के लिए सृजनात्मक लेखन और अनुवाद की पाठ्यपुस्तक का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में चार इकाइयाँ हैं। प्रत्येक इकाई में हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में समानांतर सामग्री दी गई है। दोनों ही भाषाओं में स्वतंत्र रूप से अध्यायों को लिखा गया है।

Srajana Hindi class 12 - RBSE Board: सर्जना हिंदी कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सर्जना इस पाठ्यपुस्तक मे काव्य खंड के अन्तर्गत संतों की वाणी श्रेष्ठ जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती हैं। रहीम के पदों द्वारा लोक-व्यवहार की शिक्षा दी गई है। राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत भूषण के कवित्त प्रेरणादायी हैं। गद्य भाग में विभिन्न विधाओं से परिचित कराते है।

Siddharth: सिद्धार्थ

by Hermann Hesse

1946 में साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक हरमन हेस का यह विश्वप्रसिद्ध उपन्यास है। अनेक भाषाओं में अनूदित इस छोटे-से उपन्यास का विश्व साहित्य में बहुत बड़ा दर्जा है। खुद को खोजने की अन्तरयात्रा की यह कहानी भारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। कहानी है गौतम बुद्ध के ज़माने में सिद्धार्थ नामक युवक की जो ज्ञानोदय की तलाश में अपने घर-बार को छोड़कर निकल जाता है। इस यात्रा के दौरान सिद्धार्थ को किस प्रकार के अलग-अलग अनुभव होते हैं यही सब इस उपन्यास में दर्शाया गया है। मूलतः जर्मन भाषा में लिखा यह उपन्यास 1960 के दशक में बहुत लोकप्रिय हुआ।

Shri Ramcharitmanas (Sundarkand) - Ranchi University N.P.U: श्रीरामचरितमानस : पंचम सोपान (सुन्दरकांड) - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by Yogendra Singh

श्रीरामचरितमानस : पंचम सोपान (सुन्दरकांड) इस किताब में सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने सुन्दरकांड की रचना करके रामकथा के अन्तर्गत हनुमान को लक्ष्मण के साथ सह नायकत्व का स्थान प्रदान किया । तुलसी ने पूरी कथा के अन्तर्गत हनुमान के शौर्य, उनकी बुद्धिमत्ता एवं वाग्मिता के ऊपर श्रीराम के माहात्म्य को स्थापित करने की चेष्टा की है । हनुमान कथा के ही समानान्तर इस कांड में उन्होंने विभीषण के महनीय चरित्र की उद्भावना करके आश्रयविहीन शरणागत की पूर्णरक्षा के जिस संकल्प को यहाँ स्थापित किया है, इसी सम्पूर्ण सुन्दरकांड के विवेचन तथ्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है ।

Sharireek Shiksha class 12 - RBSE Board: शारीरिक शिक्षा कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक शिक्षा विषय को 12वीं कक्षा में विषय के रूप में लागू किया गया है। बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति ने उच्च माध्यमिक स्तर पर नवीन पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक का लेखन किया गया है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु सारांश में दिये गये हैं एवं उनकी भाषा सरल व रुचिकर है।

Sawdhan Neeche Aag Hai: सावधान नीचे आग है

by Sanjeev

चन्दनपुर के नीचे आग धधक रही है । लोगों में आग है, उनकी नसों के बिलकुल करीब...आग ही आग...लाल-सुर्ख. ..तपती हुई... । यह आग हो सकता है कि कभी किसी बड़े परिवर्तन का सूत्रपात करे लेकिन अभी तो वह सिर्फ लोगों को जला रही है । तिल-तिल करके जल रहे हैं वे, अपनी छोटी-छोटी अपूर्ण इच्छाओं के साथ । जिन्दगी बीभत्सता की हद तक सड़ी हुई...नर्क. .. । दलालों, सूदखोरों और गुंडों के बीच पिसते, कोयले की गर्द फाँकते, चन्दनपुर के खदान मजूदूर यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बजाय उनकी औरतों को ही पहले काम क्यों दिया जाता है । ' 'सच तो यह है कि जिनके हाथ में कानून और पावर है, सब चोर हैं । मेहनत, ईमानदारी की कोई कदर नहीं । जो लूट रहा है, लूट रहा है, जो बिला रहा है, बिला रहा है.. .यह समूचा इलाका ही बैठ जाएगा एक दिन जल-जल कर' ' -मेवा के इस कथन में आक्रोश के साथ लाचारी है, खीज है । संजीव की कहानियों में शुगरकोटेड यथार्थ नहीं होता और न ही मनोरंजन । समाज के जिस वर्ग की जिंदगी के बारे में वे लिखते हैं, उसकी पीड़ाओं की तह तक उतर जाते हैं । अब तक दर्जनों चर्चित कहानियों के लेखक संजीव के इस उपन्यास में विषय की गहराई, उसकी समझ और पकड़, शैली और शिल्प के अतिरिक्त जो प्रतिबद्धता है, हर पाठक को उसका कायल होना पड़ेगा ।

Saryu Hindi Saahity class 12 - RBSE Board: सरयू हिन्दी साहित्य कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सरयू इस पाठ्यपुस्तक मे सामाजिक, नैतिक, बौद्धिक स्तर के अनुरूप साहित्य रचनाओं के माध्यम से उनके हिंदी भाषा ज्ञान, अर्थ ग्रहण एवं अभिव्यक्ति क्षमता के उत्कर्ष के सार्थक उद्देश्य तथा गद्य खण्ड में विभिन्न कालखंडों के हिंदी के प्रतिनिधि एवं स्तरीय गद्यकारों की सुबोध, रुचिकर एवं प्रेरणास्पद रचनाएँ संकलित हैं। पद्य खंड में हिंदी काव्य के कथ्यगत एवं अनुभूतिपरक परि प्रतिनिधि कवियों की सरस, सुबोध, प्रेरक एवं जीवन के विविध पहलुओं की अर्थ गंभीर अभिव्यंजना करने वाली विशिष्ट कविताओं को संगृहीत किया गया है।

Sarkas: सर्कस

by Sanjeev

प्रतिपल कुछ टूट रहा है, मगर उसी तरह कुछ जुड़ भी रहा है क्या? अगर कुछ जुड़ रहा हो तो वह क्या और कितना है?

Sanvruddhi Aur Vikas Ko Sugam Banana-2 NES-102 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 102 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में बच्चो के विकास को प्रभावित करने वाली समस्याओं के विषयों पर चर्चा की गई है। इस खंड में शिक्षक एवं माता-पिता के रूप में बच्चो की विशेष क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए बच्चो के विकास में वह किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकते है इस पर प्रभाव डाला गया है। उनकी योग्यताओं के प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन के तरीके और उपाय भी सुझाए गए है। बच्चो के विकास में होने वाले विभिन्न प्रकार के खेलो से संबंधित कार्यकलापों इस खंड में बताया गया है।

sanvrddhi aur vikaas ko sugam banaana-1 NES-102 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 102 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों के शारीरिक, बोद्धिक, सामाजिक और संवेगात्मक विकास को सुगम बनाने का प्रयत्न किया है। खंड 1 ‘विकास को प्रभावित करने वाले कारक’ इस पाठ्यक्रम में सामकलित व्यक्तित्व विकास की अवधारणा की प्रस्तावना, एकीकृत व्यक्तित्व की विशेषताएँ और इन कार्यकलापों का परिचय दिया है। इस खंड 1 में विकास संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा की गई।

Sanshipt Budhcharit class 8 - NCERT: संक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

संक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक। यह पुस्तक विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा - 2000 और इस रूपरेखा के अनुरूप तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। एन.सी.ई.आर.टी. की कार्यकारिणी समिति की दिनांक 19 जुलाई 2004 को आयोजित बैठक में पाठ्यपुस्तकों की गुणवत्ता से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकों की शीघ्र ही समीक्षा की जाए। इस निर्णय का अनुपालन करते हुए एन.सी.ई.आर.टी. ने सभी पाठ्यपुस्तकों के परीक्षण के लिए 23 त्वरित समीक्षा समितियों का गठन किया। इन समितियों ने संकल्पनात्मक, तथ्यात्मक तथा भाषा संबंधी विविध अशुद्धियों की पहचान की। समीक्षा की इस प्रक्रिया में पहले किए गए पाठ्यपुस्तकों के मूल्यांकन को भी ध्यान में रखा गया। यह प्रक्रिया अब पूर्ण हो चुकी है और पाई गई अशुद्धियों का सुधार कर दिया गया है। हमें आशा है कि पुस्तक का यह संशोधित संस्करण शिक्षण व अधिगम का प्रभावी माध्यम सिद्ध होगा। इस पुस्तक की गुणवत्ता में और अधिक सुधार के लिए हमें आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

Sanjeev Ki Katha-Yatra Teesra Parav: संजीव की कथा-यात्राः तीसरा पड़ाव

by Sanjeev

महाकाल और महाकाली मेरे लिए आस्तिकता के पर्याय नहीं, समय और शक्ति की द्वंद्वात्मकता के प्रतीक हैं, आततायियों के विनाश के बाद सूजन की ओर लौट चलने की अनुप्रेरणा ही मेरे लिए जीवन संघर्षों का सार है।

Sanjeev Ki Katha-Yatra Pahala Parav: संजीव की कथा-यात्रा पहला पड़ाव

by Sanjeev

प्रस्तुत कहानियाँ तीस वर्षों के आज़ाद भारतीय मानस के कैनवस पर उभरे आर्थिक, नैतिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक यथार्थ की शिनाख्त हैं। सच समझना बड़ा दुष्कर है, बोलना और भी दुष्कर और सच को झेलना सबसे दुष्कर। कहानी मेरे लिए मौज-मस्ती का अंग नहीं है जो गुदगुदा सके। जहाँ ज़ख्म और फफोले हैं, वहाँ सोच को भटकाना मैं जघन्य अपराध मानता हूँ अतः उस तरह के अफ़ीम के व्यापारियों से हमारी राह अलग है। अगर ज़ख्म रिसते हैं तो इस हक़ीक़त को छुपाना, कराह और आक्रोश के कण्ठस्वर को रोकना, आत्मघात और कायरता है। इसीलिए निदान के लिए सभी तरह के तर्कसंगत प्रयासों को जुबान देना मैंने अपना फ़र्ज़ समझा है।

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