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Autism & Multiple Disability: स्वालीनता एवं बहु - विकलांगता (बहु - दिव्यांगता)

by Susheel Kumar

यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Santaptbhumi Berunda Rachna - Arnayam Ka Rakshak: संतप्तभूमि बेरुंडा रचना: एर्यनम का रक्षक

by Bhanupratap Yadav 'Shubharambh'

रामायण काल की एक घटना जो इतिहास के पन्नों से मिट चुकी है, जिसने क्रूरता और षड्यंत्र की सारी सीमाएँ लांघकर रच दिया था एक रक्त रंजित इतिहास। यह कहानी है इतिहास के अंधकार में खो चुके एक विशाल साम्राज्य की। एक घटना और जिसके पीछे छिपा हुआ है भयावह रहस्य जो आने वाले समय में शापित भूमि एर्यनम को फिर से पुनर्जीवित कर देने वाला था। इस सन्तप्तभूमि के उद्धार हेतु अवतरित हुआ वह योद्धा, जो कहलाया एर्यनम का रक्षक। जागृत हो चुके हैं ग्यारह हज़ार वर्षों तक मृत पड़े दानवीय योद्धा। तो क्या प्रारंभ हो चुका है एक और विध्वंस? लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न क्या एर्यनम का रक्षक कर पायेगा इन सभी दुष्टों का संहार और बचा पायेगा अपनी मातृभूमि को? एक महागाथा, संतप्तभूमि बेरुंडा रचना (चतुर्थांश) की पहली कड़ी- एर्यनम का रक्षक (विलुप्त एर्यनम साम्राज्य की महागाथा)

Yojana August 2023

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Samaj Ka Bodh 1 class 11 - NCERT - 23: समाज का बोध ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समाज का बोध कक्षा 11 वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में हम सामाजिक संरचना, सामाजिक स्तरीकरण एवं सामाजिक प्रक्रियाओं की अवधारणाओं को जानकर इस संबंध को बेहतर तरीके से समझने का प्रयास करेंगे। हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि व्यक्ति समूहों की सामाजिक संरचना में कहाँ स्थान पाते हैं और वे किस तरह कार्य करते और सामाजिक प्रक्रियाओें को प्रवर्तित करते हैं। वे किस प्रकार सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष करते हैं? वे भिन्न प्रकार के समाज में सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष भिन्न प्रकार से क्यों करते हैं? समाजशास्त्र के मूल प्रश्नों के उपागम को आगे बढ़ाते हुए पहली पाठ्यपुस्तक में हमने इन प्रक्रियाओं को उनके स्वाभाविक और अपरिवर्तनीय रूप में नहीं देखा पर उन्हें सामाजिक रूप में बनते हुए देखा। हम उदारवादियों की इस व्याख्या को स्वीकार नहीं करते कि मानव स्वभाव से ही प्रतियोगी और संघर्ष प्रवृत्ति का होता है।

Aanchal Paravarish Margadarshika - Magazine: आँचल परवरिश मार्गदर्शिका - पत्रिका

by Rahul Mehta

आँचल परवरिश मार्गदर्शिका इस किताब का लेखन राहुल मेहता इन्होने किया है और सृजन फाउंडेशन ने इस किताब का प्रकाशन किया है. इस किताब मे लेखक ने छोटी-छोटी घटनाओं का उपयोग परिचर्चा प्रारंभ करने के लिए किया है. यह न सिर्फ पाठकों को चिंतन के लिए प्रेरित करती है बल्कि अनेक जटिल मुद्दों को सरलता से स्पष्ट करती है. इस मार्गदर्शिका में बच्चों के विभिन्न व्यवहारों को सुधारने के विधियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में उल्लेख है. इसमें बच्चों के परवरिश से संबंधित अनेक विषयों को समाहित किया गया है और इसे एक बहुत ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है.

Antra Bhag 1 class 11 - NCERT: अंतरा भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतरा भाग 1 कक्षा 11 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । यह पाठ्यपुस्तक 11वीं कक्षा में ऐच्छिक हिंदी पढ़नेवाले विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है । इसमें साहित्य की विविध विधाओं संबंधी नौ गद्य रचनाएँ तथा दस कवियों की कविताएँ संकलित हैं । पाठों का चयन इस प्रकार किया गया है कि रचनाओं के माध्यम से हिंदी गद्य और कविता का विकास-क्रम रेखांकित किया जा सके। साथ ही बदलते हुए सामाजिक भावबोध को भी इन रचनाओं के माध्यम से देखा जा सकता है ।

Antral Bhag 1 class 11 - NCERT: अंतराल भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतराल भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल तीन पाठ हैं - मोहन राकेश द्वारा रचित एकांकी ‘अंडे के छिलके’, सुविख्यात चित्रकार मकबूल फ़ि‌दा हुसैन की आत्मकथा ‘हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी’ के दो छोटे अंश तथा विष्णु प्रभाकर द्वारा रचित शरतचंद्र के जीवन पर आधारित जीवनी ‘आवारा मसीहा’ का प्रथम पर्व ‘दिशाहारा’। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Arthashastra mein Sankhiki class 11 - NCERT: अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल नौ पाठ हैं, साथ ही साथ परिशिष्ट का भाग भी किताब के अंत में दिया है। अर्थशास्त्र में व्यक्ति और समाज अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तथा समाज के विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपभोग हेतु वितरित करने के लिए इसका चुनाव कैसे करे कि वैकल्पिक प्रयोग वाले अल्प संसाधनों का प्रयोग विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में हो सके, यह अर्थशास्त्र में अध्ययन किया है।

Azadi Ke Baad Ka Swarnim Bharat Bhag 2 class 12 - RBSE Board: आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत (भाग- 2) कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में आझादी मिलने के बाद भारत में हुए बदलाव के बारे में सहज और सुबोध भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास किया है। इस पुस्तक में देश की गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन से जूझ रहे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजीव गांधीजी ने दिए हुए अनमोल योगदान के बारे में बताया गया है। भारतीय राजनीति की प्रमुख प्रवृत्तियों एवं उपलब्धियों का ऐसा ज्ञान है जिस पर प्रत्येक भारतीय को नाज होना स्वाभाविक है।

Bal Mahabharat Katha class 7 - NCERT: बाल महाभारत कथा कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल महाभारत कथा-कक्षा 7 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक - महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है। व्यास जी ने महाभारत की यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को कंठस्थ कराई थी और बाद में अपने दूसरे शिष्यों को । मानव-जाति में महाभारत की कथा का प्रसार महर्षि वैशंपायन के द्वारा हुआ। वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे। ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया। इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे। सूत जी ने समस्त ऋषियों की एक सभा बुलाई। महर्षि शौनक इस सभा के अध्यक्ष हुए। एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।

Bharat Bhautik Paryavaran Class 11 - RBSE Board

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत भौतिक पर्यावरण कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, इस पाठ्यपुस्तक में चार खंड और दिए गए है। पाठ्यपुस्तक में खंड 1 प्रस्तावना में स्थिति-विश्व में भारत का स्थान एवं आंतरिक संबंध, खंड 2 - भूआकृति विज्ञान में संरचना एवं उच्चावच; भूआकृतिक विभाजन; अपवाह तंत्र; जल विभाजक संकल्पना; हिमालय और प्रायद्वीपीय, खंड 3 - जलवायु, वनस्पति एवं मृदा में मौसम एवं जलवायु - तापमान, वायुदाब, पवन और वर्षा का स्थानिक एवं कालिक वितरण; भारतीय मानसूनः क्रियाविधि, आरंभ एवं परिवर्तिता - स्थानिक एवं कालिक; जलवायु प्रकार; प्राकृतिक वनस्पति-वनों के प्रकार एवं वितरण, वन्य जीवन संरक्षरण, जीव मंडल निचय, मृदा-प्रमुख प्रकार एवं विभाजन, मृदा अवकर्षण एवं संरक्षण और खंड 4 - प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ: कारण, परिणाम तथा प्रबंध में बाढ़ तथा सूखा; भूकंप तथा सुनामी; चक्रवात; भू-स्खलन आदी के विषय पर चर्चा की गई है।

Bharat Ka Itihas Part 1 class 12 - RBSE Board: भारत का इतिहास भाग 1 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत का इतिहास इस पाठ्यपुस्तक मे भारत के ऐतिहासिक व राष्ट्रीय गौरव, भारतीय इतिहास व संस्कृति के वैभवशाली अतीत, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक, कलात्मक एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों, महान् शासकों व महापुरुषों का तथ्यात्मक विवरण, मौर्य और गुप्त वंश के शासकों की गौरवमयी उप्लाब्धीया, राजस्थान के स्वाधीनता आन्दोलन का विवरण देते हुए किसान एवं जनजातीय आन्दोलनों के माध्यम से आम आदमी के संघर्ष को निकट से दिखाया है।

Bharat Ka Itihas Part 2 class 12 - RBSE Board: भारत का इतिहास भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत का इतिहास इस पाठ्यपुस्तक मे भारत के ऐतिहासिक व राष्ट्रीय गौरव, भारतीय इतिहास व संस्कृति के वैभवशाली अतीत, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक, कलात्मक एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों, महान् शासकों व महापुरुषों का तथ्यात्मक विवरण, मौर्य और गुप्त वंश के शासकों की गौरवमयी उप्लाब्धीया, राजस्थान के स्वाधीनता आन्दोलन का विवरण देते हुए किसान एवं जनजातीय आन्दोलनों के माध्यम से आम आदमी के संघर्ष को निकट से दिखाया है।

Bharat Ki Khoj class 8 - NCERT: भारत की खोज कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत की खोज-जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक भारत की खोज का संक्षिप्त रूप,कक्षा 8 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए परिषद् उनके प्राचार्यों एवं उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। परिषद् माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देती है। व्यवस्थागत सुधारों और अपने प्रकाशनों में निरंतर निखार लाने के प्रति समर्पित एन.सी.ई.आर.टी. टिप्पणियों एवं सुझावों का स्वागत करेगी जिनसे भावी संशोधनों में मदद ली जा सके।

Bharat Me Manavadhikar Evam Usaki Prasangikata: भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता

by Anay Kumar Jaiswal

प्रस्तुत शोध प्रबंध भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता की समीक्षा एवं विश्लेषण का प्रमुख उद्देश्य है। शिक्षा के माध्यम से सभी नागरिकों को सामाजिक चेतना के लिए जागरूक करना तथा नागरिकों के अधिकार की जानकारी प्राप्त करना तथा उनका अर्थात् अधिकारों को विश्लेषण करना। भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करने में मानवाधिकार की प्रासंगिकता का आकलन करना, मानवाधिकार के माध्यम से भारतीयों को अपने अधिकारों का ज्ञान बोध कराना।

Bharateey itihaas ke kuch vishay Bhag 1 Class 12 NCERT: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एनसीईआरटी.

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में ऐतिहासिक काल के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृती, उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति, धार्मिक जीवन, रीति-रिवाज, अर्थव्यवस्थाओं के विषय और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में बताया गया है।

Bhartiya Kala Bhag 2 class 12 - RBSE Board: भारतीय कला भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारतीय कला भाग 2 कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में तीन इकाइयों में विभक्त कर अध्ययन सुलभ बनाते हुए विभिन्न कला खण्डों में भारतीय कला इतिहास के क्रमिक विकास को प्रस्तुत कर खण्ड – 'अ' में मध्यकालीन लघु चित्र शैलियों के उद्भव विकास और कलागत विषयवस्तु को अध्ययन की दृष्टि से शामिल किया गया है, वहीं खण्ड- 'ब' में स्वतन्त्रता आन्दोलन और स्वतन्त्रता पश्चात के कला रूपों को आधुनिक भारतीय चित्रकला की अध्ययन वस्तु बनाया है । चूंकि पुस्तक का प्रस्तुतीकरण काल क्रमानुसार है, अतः खण्ड - 'स' में मध्यकालीन मूर्तन एवं मंदिर स्थापत्य के विषय संदर्भ में भारतीय एवं राजस्थानी मूर्तिशिल्पों के साथ - साथ आधुनिक मूर्तिकला का विश्लेषणात्मक अध्ययन भी प्रस्तुत किया गया है । पुस्तक में यथास्थान चित्र, मानचित्र व रेखाचित्र आदि का समावेश अध्ययन के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगा ।

Bhautiki Bhag 1 class 11 - NCERT: भौतिकी भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 1 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhoutiki Bhag 1 class 12 - NCERT: भौतिकी भाग 1 कक्षा 12 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhoutiki Bhag 2 class 12 - NCERT: भौतिकी भाग 2 कक्षा 12 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 2 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhugol class 12 - RBSE Board: भूगोल कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भूगोल कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों को मानव भूगोल के विभिन्न पहलुओं की स्पष्ट जानकारी मिले, इसलिए इस पुस्तक को दो खण्डों में विभाजित किया गया है। प्रथम खण्ड-अ का नाम 'मानव भूगोल के मूल तत्व' है। इसमें मानव भूगोल के इतिहास, जनजातियों, विश्व जनसंख्या, मानव प्रवास, अधिवास, व्यवसाय परिवहन व व्यापार के साथ-साथ पर्यावरणीय समस्याओं से सम्बन्धित पहलूओं की जानकारी हेतु 6 इकाईयों के 12 अध्याय है। इस खण्ड में मानवीय पक्षों का वर्णन वैश्विक सन्दर्भ में किया गया है। खण्ड–ब का नाम 'भारत जनसंख्या एवं अर्थव्यवस्था' रखा गया है। इस खण्ड की 4 इकाईयों के 10 अध्यायों में भौगोलिक पक्षों की जानकारी भारतीय सन्दर्भ में प्रदान की गई है। अंतिम इकाई के 3 अध्याय राजस्थान राज्य की भौगोलिक सन्दर्भ की जानकारियों पर वर्णित है ।

Bhugol Me Prayogatmak Karya Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग - 2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग – 2 कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है । इस पाठ्यक्रम में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है ।

Computer Aur Sanchaar Prodhogiki Bhag 1 class 11 - NCERT Board: कम्प्यूटर और संचार प्रौद्योगिकी भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कम्प्यूटर और संचार प्रौद्योगिकी भाग 1 कक्षा 11 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में छ: विषय-वस्तुओं/ यूनिटों के अंतर्गत चौदह अध्याय हैं, अर्थात् कम्प्यूटर तथा संचार प्रौद्योगिकी (Computer and Communication Technology - CCT) के संसार में स्वागत; कार्यस्थल उत्पादकता उपकरण संचार अवधारणाएं एवं कुशलताएँ; वेब प्रकाशन प्रौद्योगिकी; सामूहिक कार्य (टीमवर्क) तथा वेब आधारित सहयोग उपकरण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ। यह पुस्तक निष्ठापूर्वक तैयार की गई है और पाठ्यपुस्तक विकास समूह, स्कूलों के अध्यापक, विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और सरकारी, गैर-सरकारी तथा निजी संस्थाओं / संगठनों के तकनीकी विशेषज्ञ के सतत प्रयासों का परिणाम है । छात्र उच्च माध्यमिक स्तर के बाद भी कम्प्यूटर के बारे में अध्ययन जारी रख सकते हैं और नहीं भी, किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि वे सीसीटी के पीछे निहित तर्क को किसी भी अन्य शाखा में उपयोगी पाएँगे, चाहे वह प्रशासन हो, सामाजिक विज्ञान हो, पर्यावरण, अभियांत्रिक (इंजीनियरिंग), प्रौद्योगिकी, जैविकी, चिकित्सा या ज्ञान की कोई भी अन्य शाखा हो ।

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