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Bharat Evam Vishva Ka Bhugol-civil Service

by Majid Hussain

जब हम इस पुस्तक का सूक्ष्म अध्ययन करने की कोशिश करते हैं,तो पाते हैं कि इसमें अपने देश भारत के अतिरिक्त विश्व के विविध पहलुओं को समाहित कर उसकी विश्लेषणात्मक रूप से चर्चा की गयी है जिन्हें सिविल सेवा एवं हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस में पूर्णतया स्थान दिया गया है।इसके प्रत्येक अध्याय में निहित विषय वस्तु को और अधिक पठनीय एवं ग्राह्य बनाने हेतु यथासम्भव मानचित्रों / चार्टों /तालिकाओं का उपयोग किया गया है ताकि अभ्यर्थियों / पाठकों को इस विषय को पढ़ने में आनंद की अनुभूति हो, क्योंकि मानचित्र भूगोल की आत्मा होती है तथा इसके बिना कोई भी भौगोलिक अध्ययन अधूरा है।

EHI04 Rajnaitik Vichar Aur Sansthayen (4)

by Ignou

This book is a 4th Part of the EHI04 with emphasis on these topics. Chapter 12 - Mugal samprabhuta kee sankalpana, Chapter 13 - Mugal shaasak varg, Chapter 14- Mugal prashaasan: kendreey, praanteey aur sthaaneey & Chapter 15-Mugal prashaasan : manasab aur jaageer

Adhigam Ke Lie Maargadarshan-1 NES-103 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 1 में मानव जीवन में अधिगम का महत्वपूर्ण स्थान है और इसका योगदान औपचारिक शिक्षा अनुभवो से कही बढकर है। इस खंड में हम उस अधिगम प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है जो घर एवं विघालय में होती है। अधिगम एक सतत प्रक्रिया है तथा इस प्रक्रिया से गुजरते हुए जब बच्चे जटील समस्याओं का सामना करते है, तब उनके अधिगम को सुगम कैसे बनाया जाए इस बारे में विचार किया गया है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 1 Sthapana Ke Liye Takneek – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 1 स्थापना के लिए तकनीक - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेशियों में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह पहला खंड "स्थापना के लिए टेक्नोलॉजी" शीर्षक वाला खंड है। सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचे तथा तकनीकी जरूरतों को के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 2 Karyakram Nirman – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 2 कार्यक्रम निर्माण - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह दूसरा खंड "कार्यक्रम निर्माण" शीर्षक वाला खंड है। इस पाठ्यक्रम में कार्यक्रमों की योजाना और विशेषज्ञों की भूमिका और बाहरी स्रोत जैसे अहम पक्षों पर प्रकाश डाला गया है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 3 Nirman ki Takniki – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो का संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 4 Dirghakalin Kshamata – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 4 दीर्घकालीन क्षमता - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह चौथा खंड "दीर्घकालीन क्षमता शीर्षक वाला खंड है। इसमें व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालीन क्षमता विकास के बारे में चर्चा की गयी है।

MASO 102 Samajshastriy Siddhant - IGNOU: MASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

MASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस किताब में सत्ताईस परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही इसकी प्रकृति, निर्माण, प्रमुख प्रकारों तथा महत्त्व को स्पष्ट करना भी इस इकाई का उद्देश्य है। आशा है कि इस किताब में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की प्रकृति अथवा इसकी विशेषताओं की व्याख्या कर पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का निर्माण समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के प्रकारों की व्याख्या कर पाएँगे; तथा समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के महत्त्व को स्पष्टतया समझ पाएँगे।

NES-101- Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 3 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 3 इनमें शारीरिक एवं गामक विकास, संज्ञानात्मक एवं भाषा विकास तथा सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर चर्चा की गई है। इकाई 6 शारीरिक एवं गामक विकास पर है, इसमें शारीरक विकास की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया गया है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास से संबंधित इकाई 7 में विकास की अवस्थाओं के बारे में पियाजे ने जिन आधारभूत मान्यताओं की स्थापना की थी, उन पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इकाई 8 में बच्चों के सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर विचार किया गया है। यह दृष्टान्तों के प्रस्तुतीकरण द्वारा उनमें अन्तर्सम्बन्धों पर प्रकाश डालता है। प्रस्तुत किए गए दृष्टान्त के विश्लेषण से बच्चों में सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास के लक्षणों को समझने के लिए रोचक सहायता मिलती है। इन क्षेत्रों में विकास के प्रतिमान पर विस्तृत विचार किया गया है।

NES-103 - Adhigam Ke Lie Maargadarshan-2 -IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 2 में चार इकाई दि गई है, अधिगम प्रक्रिया सुगम बनाना अभिभावकों एवं शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण कार्य है। अधिगम की क्षमता मूलतः तीन महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है: खुद सीखने वाला, अधिगम-सामग्री तथा अधिगम विधियाँ। यह आवश्यक है कि हम सीखने वालों की अभिवृत्तियों तथा योग्यताओं, क्षमताओं तथा अक्षमताओं की पहचान करें। इस खंड में छात्रों की अधिगम संबंधी कुछ समस्याओं जैसे, अवधान, अभिप्रेरणा और अभिरुचि आदि की चर्चा करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें बच्चों की योग्यताओं तथा आवश्यकताओं को पहचानने एवं उनका मूल्यांकन करने तथा अधिगम की स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-1 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे बच्चों को प्यार, दुलार, स्नेह, मान्यता की आवश्यकता होती है। इन आवश्कताओं की पूर्ति बच्चों में सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना विकसित करती है। जब इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो बच्चों में असुरक्षा की भावना जागृत होती हैं एवं बच्चा परिवेश से समायोजन करने के कौशल नहीं सीख पाता है। इस खंड में हम बच्चों की सामान्य आवश्यकताओं एवं विभिन्न संवेगात्मक एवं आचरण संबंधी समस्याओं के बारे में अध्ययन करेंगे।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-2 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में ‘बच्चो के सामाजिक-संवेगात्मक विकास में मार्गदर्शन’ में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे वाक् दोष, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं लड़कियों की सामाजिक और संवेगात्मक समस्याएँ आदी के बारे में जानकारी दि गई है। बच्चों के सामाजिक एवं संवेगात्मक समस्याओं का विश्लेषण, उनकी आत्मधारणा, अभिभावकों की प्रवृत्ति और सामाजिक पूर्वाग्रह का अध्ययन भी किया गया है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 1 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक - एक अध्ययन खंड 1 इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बच्चो के शारीरिक, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं संवेगात्मक पहलुओं से संबंधित आवश्यताओं और समस्याओं को शिक्षक तथा अभिभावक को समझने की आवश्यताओं का विवेचन किया गया है। इसमें शैक्षिक निर्देशन संबंधित अनेक उन किर्याकलापों की चर्चा भी की गई है। जो बच्चो को घर तथा स्कूल में समायोजन के अवसर प्रदान करते है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 2 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 2 बच्चे के विकास के सिद्धान्त एवं कारक पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बालक की सामान्य तस्वीर प्रस्तुत करती है तथा विकास के विभिन्न पक्षों, यथा- संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषिक, शारीरिक एवं गतिक विकास पर प्रकाश डालती है। इस खंड में मानव जीवन से सम्बधीत विकास की अवधारणा का भी संक्षिप्त विवेचन किया गया है।

sanvrddhi aur vikaas ko sugam banaana-1 NES-102 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 102 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों के शारीरिक, बोद्धिक, सामाजिक और संवेगात्मक विकास को सुगम बनाने का प्रयत्न किया है। खंड 1 ‘विकास को प्रभावित करने वाले कारक’ इस पाठ्यक्रम में सामकलित व्यक्तित्व विकास की अवधारणा की प्रस्तावना, एकीकृत व्यक्तित्व की विशेषताएँ और इन कार्यकलापों का परिचय दिया है। इस खंड 1 में विकास संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा की गई।

Sanvruddhi Aur Vikas Ko Sugam Banana-2 NES-102 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 102 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में बच्चो के विकास को प्रभावित करने वाली समस्याओं के विषयों पर चर्चा की गई है। इस खंड में शिक्षक एवं माता-पिता के रूप में बच्चो की विशेष क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए बच्चो के विकास में वह किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकते है इस पर प्रभाव डाला गया है। उनकी योग्यताओं के प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन के तरीके और उपाय भी सुझाए गए है। बच्चो के विकास में होने वाले विभिन्न प्रकार के खेलो से संबंधित कार्यकलापों इस खंड में बताया गया है।

Adhunik Vishva Itihas (1500-2000) For Civil Services (Main) Exams - Ranchi University, N.P.U.

by Hukam Jain Krishn Mature

JPM History of Modern World (Aadhunik Vishwa ka itihas) 1500 se 2000 Tak for Civil Services (Main) Exams. & Other Allied. Tests and University Exams.

Rajneeti Vigyan B.A. First Year Sem-I - M.P. University

by Pukharaj Jain

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus for B.A. First Year Sem-I from M.P. University in hindi.

Rajneeti Vigyan B.A. Second Year M.P. University

by Pukharaj Jain

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus for B.A. Second Year from M.P. University in hindi.

Rajneeti Vigyan B.A (Hons.) Sem-I -Ranchi University, N.P.U

by Pukhraj Jain

Rajneeti Vigyan text book for B.A (Hons.) Sem-I from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Bharat Me Manavadhikar Evam Usaki Prasangikata: भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता

by Anay Kumar Jaiswal

प्रस्तुत शोध प्रबंध भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता की समीक्षा एवं विश्लेषण का प्रमुख उद्देश्य है। शिक्षा के माध्यम से सभी नागरिकों को सामाजिक चेतना के लिए जागरूक करना तथा नागरिकों के अधिकार की जानकारी प्राप्त करना तथा उनका अर्थात् अधिकारों को विश्लेषण करना। भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करने में मानवाधिकार की प्रासंगिकता का आकलन करना, मानवाधिकार के माध्यम से भारतीयों को अपने अधिकारों का ज्ञान बोध कराना।

Rajneeti Vigyan B.A (CBCS) Sem-I Ranchi University, N.P.U

by J. C. Jauhari Prof. Jeevan Mahata

Rajneeti Vigyan text book for B.A (CBCS) Sem-I from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Rajneeti Vigyan B.A (CBCS) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by J. C. Johari

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Rajneeti Vigyan B.A (CBCS) Sem-III -Ranchi University, N.P.U

by J. C. Johari Rashmi Sharma

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A Sem-III from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Punar Milan

by Penny Jordan

Jab ek vivah samaroh mein Bel ne apne purva pati Luke ko pass bethe dekha, toh woh samaj gayi ki ab dhamaka hona tay hai. Use ab bhi is baat par yakin tha ki wahi uske jeevan ka ekmatra sachcha prem hai- aur yah unke purva bhavavesh ki chingari ko dobara sulgaane ke liye bilkul upyukt mauka tha...

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