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Samaj Shastra class 12 - RBSE Board: समाजशास्त्र कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

समाजशास्त्र इस पाठ्यपुस्तक में भारतीय समाज में परिवर्तन एवं चुनौतियाँ, पश्चिमौकरण, आधुनिकीकरण, संस्कृतीकरण एवं धर्मनिरपेक्षीकरण को सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाओं के रूप में अध्ययन किया गया तथा पंचायती राज, राजनैतिक दल एवं दबाब समूह को सामाजिक परिवर्तन के उपकरण के रूप में देखा गया। अत : राजस्थान में जो आन्दोलन हुए उनमें से किसान, जनजाति एवं पर्यावरण आन्दोलन का राष्ट्रीय महत्त्व है । इन आन्दोलनों के प्रमुख मुद्दे, उद्देश्य, सम्बंधित घटनाक्रम एवं प्रभाव को भी प्रासंगिकता को दृष्टि से प्रस्तुत किया है ।

Samajik Aur Rajnitik Jeevan 2 class 7 - NCERT: सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन 2 कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन माध्यमिक शाला स्तर पर समाज विज्ञान के पाठ्यक्रम में पुराने चले आ रहे विषय, नागरिक शास्त्र की जगह लेने वाला एक नया विषय है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 में यह ज़ोर देकर कहा गया है कि नागरिक शास्त्र को छोड़ देना ज़रूरी है और उसकी जगह लेने वाले नए विषय में सरकारी संस्थाओं और उनके कार्यों को दिए जाने वाले महत्त्व को संतुलित किया जाना चाहिए। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है; इस विषय में आज के भारत के सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक जीवन के मुद्दों को केंद्र में रखा जाएगा।

Samajik Aur Rajnitik Jeevan class 8 - NCERT: सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए पाठ्यपुस्तक, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक विकास समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद्, सामाजिक विज्ञान सलाहकार समूह के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हरि वासुदेवन, पाठ्यपुस्तक समिति की मुख्य सलाहकार शारदा बालगोपालन और सलाहकार दिप्ता भोग की विशेष आभारी हैं। इस पाठ्यपुस्तक के निर्माण में कई शिक्षकों ने योगदान दिया। इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री और सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। हम माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मोरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति ( मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देते हैं।

Samajik Vigyan Hamare Ateet Bhag 3 class 8 - NCERT: सामाजिक विज्ञान हमारे अतीत 3 कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तक, यह पुस्तक बहुत सारे इतिहासकारों, शिक्षाविदों और शिक्षकों की सामूहिक कोशिशों का फल है। इन अध्यायों के लेखन और संशोधन में कई माह लगे हैं। ये अध्याय कार्यशालाओं में हुई चर्चाओं और ई-मेल पर हुए विचारों के आदान-प्रदान से उपजे हैं। इस प्रक्रिया में प्रत्येक सदस्य ने प्रकारांतर से अपनी क्षमता के अनुरूप योगदान दिया है। बहुत सारे व्यक्तियों और संस्थानों ने इस किताब को तैयार करने में मदद दी। प्रोफेसर मुजफ्फर आलम और डॉ. कुमकुम रॉय ने इसके मसविदे पढ़े और बदलाव के लिए कई अहम सुझाव दिए। किताब में दिए गए चित्रों के लिए हमने कई संस्थाओं के संग्रहों का इस्तेमाल किया। दिल्ली शहर और 1857 की घटनाओं के बहुत सारे चित्र अल्काज़ी फ़ाउंडेशन फ़ॉर दि आर्ट्स से लिए गए हैं। ब्रिटिश राज के बारे में लिखी गयी उन्नीसवीं सदी की बहुत सारी सचित्र पुस्तकें इंडिया इंटरनैशनल सेंटर के बहुमूल्य इंडिया कलेक्शन का हिस्सा थीं।

Samajik Vigyan Sansadhan Avam Vikas class 8 - NCERT: सामाजिक विज्ञान संसाधन एवं विकास कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए भूगोल की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हरि वासुदेवन और इस पाठ्यपुस्तक समिति की मुख्य सलाहकार विभा पार्थसारथी की विशेष आभारी है। इस पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान दिया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री और सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। हम माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देते हैं।

Sanshipt Budhcharit class 8 - NCERT: संक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

संक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक। यह पुस्तक विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा - 2000 और इस रूपरेखा के अनुरूप तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। एन.सी.ई.आर.टी. की कार्यकारिणी समिति की दिनांक 19 जुलाई 2004 को आयोजित बैठक में पाठ्यपुस्तकों की गुणवत्ता से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकों की शीघ्र ही समीक्षा की जाए। इस निर्णय का अनुपालन करते हुए एन.सी.ई.आर.टी. ने सभी पाठ्यपुस्तकों के परीक्षण के लिए 23 त्वरित समीक्षा समितियों का गठन किया। इन समितियों ने संकल्पनात्मक, तथ्यात्मक तथा भाषा संबंधी विविध अशुद्धियों की पहचान की। समीक्षा की इस प्रक्रिया में पहले किए गए पाठ्यपुस्तकों के मूल्यांकन को भी ध्यान में रखा गया। यह प्रक्रिया अब पूर्ण हो चुकी है और पाई गई अशुद्धियों का सुधार कर दिया गया है। हमें आशा है कि पुस्तक का यह संशोधित संस्करण शिक्षण व अधिगम का प्रभावी माध्यम सिद्ध होगा। इस पुस्तक की गुणवत्ता में और अधिक सुधार के लिए हमें आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

Saryu Hindi Saahity class 12 - RBSE Board: सरयू हिन्दी साहित्य कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सरयू इस पाठ्यपुस्तक मे सामाजिक, नैतिक, बौद्धिक स्तर के अनुरूप साहित्य रचनाओं के माध्यम से उनके हिंदी भाषा ज्ञान, अर्थ ग्रहण एवं अभिव्यक्ति क्षमता के उत्कर्ष के सार्थक उद्देश्य तथा गद्य खण्ड में विभिन्न कालखंडों के हिंदी के प्रतिनिधि एवं स्तरीय गद्यकारों की सुबोध, रुचिकर एवं प्रेरणास्पद रचनाएँ संकलित हैं। पद्य खंड में हिंदी काव्य के कथ्यगत एवं अनुभूतिपरक परि प्रतिनिधि कवियों की सरस, सुबोध, प्रेरक एवं जीवन के विविध पहलुओं की अर्थ गंभीर अभिव्यंजना करने वाली विशिष्ट कविताओं को संगृहीत किया गया है।

Sharireek Shiksha class 12 - RBSE Board: शारीरिक शिक्षा कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक शिक्षा विषय को 12वीं कक्षा में विषय के रूप में लागू किया गया है। बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति ने उच्च माध्यमिक स्तर पर नवीन पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक का लेखन किया गया है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु सारांश में दिये गये हैं एवं उनकी भाषा सरल व रुचिकर है।

Srajana Hindi class 12 - RBSE Board: सर्जना हिंदी कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सर्जना इस पाठ्यपुस्तक मे काव्य खंड के अन्तर्गत संतों की वाणी श्रेष्ठ जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती हैं। रहीम के पदों द्वारा लोक-व्यवहार की शिक्षा दी गई है। राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत भूषण के कवित्त प्रेरणादायी हैं। गद्य भाग में विभिन्न विधाओं से परिचित कराते है।

Suchna Praudyogiki Aur Programming Bhag 2 class 12 - RBSE Board: सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग भाग 2 कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग की आवश्यक अवधारणाओं को शामिल किया गया हैं। इस पुस्तक का समग्र उद्देश्य आपको विभिन्न डेटा स्ट्रक्चर, C++, DBMS और उसके अनुप्रयोगो के बारे मे परिचय कराना है । इस पुस्तक की सामग्री हाल ही में संशोधित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के पाठ्यक्रम के अनुसार है। इस पुस्तक मे 15 अध्याय शामिल हैं और प्रत्येक अध्याय का अपना एक महत्व है ।

sushant Test

by Sushant Bankar

Test

Vasant Bhag 2 class 7 - NCERT: वसंत भाग 2 कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की कई सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को विद्यार्थी के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। इस नाते पाठ्यसामग्री का चयन और अभ्यासों में विद्यार्थी के भाषायी विकास की समग्रता को ध्यान में रखा गया है। कई प्रश्न-अभ्यास भाषा शिक्षण की परिचित परिधि से बाहर जाकर प्रकृति, समाज, विज्ञान, इतिहास आदि में विद्यार्थी की जिज्ञासा को नए आयाम देते हैं। पाठ केंद्रित प्रश्नों को क्रमशः विस्तार देते हुए पाठ के आसपास के ज्ञान-क्षेत्रों को भी दूसरे प्रश्न-समूहों में साथ रखने का प्रयास किया गया है। भाषा की बात करते हुए ऐसे शब्दों और प्रयोगों पर विद्यार्थी का ध्यान दिलाया गया है जिन्हें समाज की जीवंतता को साहित्यिक कृतियों में समेटते हुए साहित्यकार अपनी कृति में रखना आवश्यक समझते हैं और अकसर ऐसे आंचलिक शब्द और वाक्य प्रयोग आज के शहरी जीवन में अपेक्षाकृत कम सुनाई पड़ते हैं।

Vasant Bhag 3 class 8 - NCERT: वसंत भाग 3 कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। इस पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। हम माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देते हैं।

Vigyan class 7 - NCERT: विज्ञान कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विज्ञान कक्षा 7 के लिए यह पाठ्यपुस्तक युवा दिमागों को स्पष्ट समझ रखने में मदद करेगी कि पोषक तत्व क्या हैं और वे पौधों और जानवरों में क्यों महत्वपूर्ण हैं। छात्रों को एसिड, लवण और क्षार के बारे में एक संक्षिप्त विचार मिलता है और यह भी कि रासायनिक प्रतिक्रियाएं कैसे होती हैं। 7 वीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाया गया, इस पुस्तक में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा उल्लिखित किया गया है।

Vyavsay Adhyayan class 11 - NCERT: व्यवसाय अध्ययन कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यवसाय अध्ययन 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उद्धरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वें व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास करें कि व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान वे पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, व्यवसायोन्मुख दूरदर्शन कार्यक्रमों और इन्टरनेट के द्वारा आधुनिक जानकारी प्राप्त करेंगे। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Vyavsay Adhyayan class 12 - RBSE Board: व्यवसाय अध्ययन कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

व्यवसाय अध्ययन कक्षा-12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गयी पाठ्य पुस्तक प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है। पुस्तक लेखन के समय हमारे केन्द्र में मुख्य रूप से वे विद्यार्थी रहे हैं जो वाणिज्यिक दृष्टिकोण से व्यावसायिक घटनाओं के संबंध में अवधारणात्मक समझ विकसित करने हेतु अध्ययन कर रहे हैं।

Samaj Ka Bodh 1 class 11 - NCERT - 23: समाज का बोध ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समाज का बोध कक्षा 11 वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में हम सामाजिक संरचना, सामाजिक स्तरीकरण एवं सामाजिक प्रक्रियाओं की अवधारणाओं को जानकर इस संबंध को बेहतर तरीके से समझने का प्रयास करेंगे। हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि व्यक्ति समूहों की सामाजिक संरचना में कहाँ स्थान पाते हैं और वे किस तरह कार्य करते और सामाजिक प्रक्रियाओें को प्रवर्तित करते हैं। वे किस प्रकार सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष करते हैं? वे भिन्न प्रकार के समाज में सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष भिन्न प्रकार से क्यों करते हैं? समाजशास्त्र के मूल प्रश्नों के उपागम को आगे बढ़ाते हुए पहली पाठ्यपुस्तक में हमने इन प्रक्रियाओं को उनके स्वाभाविक और अपरिवर्तनीय रूप में नहीं देखा पर उन्हें सामाजिक रूप में बनते हुए देखा। हम उदारवादियों की इस व्याख्या को स्वीकार नहीं करते कि मानव स्वभाव से ही प्रतियोगी और संघर्ष प्रवृत्ति का होता है।

Autism & Multiple Disability: स्वालीनता एवं बहु - विकलांगता (बहु - दिव्यांगता)

by Susheel Kumar

यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Yojana August 2023

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

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