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Tulnatmak Rajniti Ki Rooprekha

by O. P Guaba

‘तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखा’ का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर के छात्र-छात्राओं को तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण की इन नवीनतम प्रवृत्तियों से परिचित कराना है। इसके अंतर्गत तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के सैद्धांतिक ढांचे की व्याख्या करते हुए उदारवादी, समाजवादी और विकासशील देशों की राजनीतिक प्रणालियों का सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसमें तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के स्वरूप और विकास की चर्चा करते हुए संस्थात्मक उपागम और प्रणाली-विश्लेषण की व्याख्या की गई है। राजनीतिक अर्थ-व्यवस्था उपागम का वेिचन करते हुए उदारवादी और मार्क्सवादी दष्टिकोणों को स्पष्ट किया गया है। उदारवादी प्रणालियों में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली और अमरीकी अध्यक्षीय प्रणाली के राजनीतिक ढांचों का विवरण देते हुए इनके सामाजिक-आर्थिक आधार की जांच की गई है। समाजवादी प्रणालियों में राजनीतिक प्रक्रिया के विशेष लक्षणों की पहचान करके सोवियत संघ के पतन के कारणों पर प्रकाश डाला गया है। सोवियत संघ और जनवादी चीन के विकास-मार्गों की विस्तृत समीक्षा की गई है। विकासशील देशों में राजनीतिक अस्थिरता के कारणों और परिणामों पर विचार किया गया है; एकदलीय प्रणाली के उदय और ह्रास की जांच की गई है; अल्पविकास की प्रकृति और कारणों के बारे में उदारवादी और मार्क्सवादी विश्लेषण का सारांश दिया गया है; नव-उपनिवेशवाद के समकालीन रूपों का सर्वेक्षण किया गया है; और संजातीय तनावों के विश्लेषण के लिए विकास दृष्टिकोण और पराश्रितता-दृष्टिकोण की मान्यताओं का विवेचन किया गया है। अंत में ‘पारिभाषिक शब्दावली’ के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या की गई है। शासन-प्रणालियों के विवरण को यथासंभव संक्षेप में देकर यथार्थ राजनीति के सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Hindi class 10 - GSTB: हिंदी कक्षा 10 - जीएसटीबी

by Gstb

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક ધોરણ 10 ના હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે જેમાં ૨૩ પાઠ આપેલ છે.

Hindi class 11 - GSTB: हिन्दी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

આ પુસ્તક ધોરણ 11 નું હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે .

Hindi class 11 - GSTB: हिंदी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

साधो, देखो जग बौराना प्रस्तुत पद में कबीर ने अपने युग में व्याप्त हिन्दू-मुस्लिम धर्म की विसंगतियों तथा अन्तर्विरोधों, धार्मिक संकीर्णताओं, बह्यांडम्बरो आदि का खुलकर विरोध करते हुए धर्म के ठेकेदारों को आत्मज्ञान प्राप्ति की नसीहत दे रहे हैं | बापू की कुटिया में प्रस्तुत पाठ ‘बापू की कुतिया’ में लेखक को गांधीजी के जीवन-काल में उनसे न मिल पाने का रंज है तो दूसरी और उनकी अनुपस्थिति में कुटिया की हर वस्तु को आत्मसात करने का सुअवसर पाकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं पुरानी चीजों के पक्ष में | प्रस्तुत कविता में सच के साथ मनुष्यता को बचाये रखने के लिए निरंतर संघर्ष करता मिलता है | चन्द्रशेखर आज़ाद प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चन्द्रशेखर आज़ाद से जुडी हुई स्मृतियों के माध्यम से उनके जीवन व्यक्तित्व तथा उनकी निडरता पर ट्टष्टिपाट किया है शिक्षक के नाम पत्र यह पत्र अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा है- जिसमें अध्यापक के द्रारा किसी विधार्थी को ईमानदारी, विवेकशील, परिकश्रमी, धैर्यवान, आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ अपने विचार स्वयं बनाने पर बल दिया गया है |भारतमाता की जय प्रस्तुत लेख में अनपढ़ ग्रामीण लोग ‘भारतमाता की जय’ का नारा तो लगाते हैं किन्तु भारतमाता के सच्चे स्वरूप तथा उनकी वत्सलता से अनजान हैं |परशुराम – लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत अंश ‘रामचरितमानस’ के ‘बालकांड’ से लिया गया है | रामचन्द्र द्रारा शिवजी के धनुष तोड़े जाने पर परशुरामजी के क्रोध का वर्णन है पंचलाइट ‘पंचलाइट’ रेणुजी की गिनीचुनी प्रसिद्ध कहानियाँ में से एक है | पंच के न्याय दंड-जुरमाना, नयी चीज के आनेपर धर्म-ध्यान और कीर्तन के माध्यम से ग्रामजीवन का बखूबी चित्रण हुआ है; गाँव के अनपढ़ लोगों में अज्ञान जातिगत देष को उजागर किया है चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती यहाँ संकलित कविता ‘चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती’ में गाँव की अनपद लड़कियों और सामान्य-जन को नायकत्व प्रदान किया गया है |अजन्ता प्रस्तुत प्रवास वर्णन में अजन्ता की गुफाओं का परिचय मिलता है नीति के दोहे यहाँ ‘नीति के दोहों’ में आचरण की शुद्धता पर बल दिया है | जीवन का सत्य उजागर करनेवाले इन संकलित दोनों में शक्ति की महता, मैत्री, संगति का फल, वाणी का प्रभाव, योग्यता, बड़े-छोटे का भेद दरिद्रता, कृपण, जिहवा की विशेषता, एवं उदारता का मार्मिक चित्रण है | दु:ख, कदम मिलाकर चलना होगा , नन्हा–सा पौधा,बाज़ लोग, कल्पना-शक्ति,गज़ल, पहली चूक,डंका,दो लघु-कथाएँ .वगेरे पाठ भी सुन्दर तरीकेसे प्रस्तुत किये गये है.

Hindi class 9 - GSTB: हिंदी वर्ग 9 - जीएसटीबी

by Gstb

भाषाकीय नये अभ्यासक्रम का एक उदेश्य यह है, कि इस स्तर के छात्र व्यवहारिक भाषा का उपयोग करने के साथ-साथ अपनी भाषा-अभिव्यक्ति को विशेष प्रभावशाली बनाएँ । साहित्यिक स्वरूप एवं सर्जनात्मक भाषा का परिचय के साथ-साथ हिन्दी भाषा की खुबियों को समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक को रुचिकर, उपयोगी एवं क्षतिरहित बनाने का पूरा प्रयास मंडल द्वारा किया गया है, प्रस्तुत प्रार्थना मे 'सत्यं शिवं सुंदरम्' की भावना के साथ दीन-दुखियों की रक्षा करना, मानवता की उपासना करना, भेदभावों को दूर करना, बैरभाव से मुक्त हो कर विश्वबन्धुत्व की स्थापना करना-जैसे वैश्विक मूल्यों को हस्तान्तरण करने की प्रेरणा देनेवाली यह प्रार्थना मराठी से अनुदित है । प्रस्तुत निबंध में द्विवेदीजी ने यह समझाया है कि तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त अनाचार केवल बाहरी स्तर पर है ; वास्तव में आज भी लोगो में मानवीय मूल्यो के प्रति आस्था कायम है । अपने जीवन में घटित कुछ घटनाओं के द्वारा बताया है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए अपितु हमें जीवन के प्रति आस्थावान बने रहना चाहिए । प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में २४ प्रकरण है पूरक वांचन और स्वाध्याय भी दिये गे है.

Hindi Semester 1 class 6 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 1 कक्षा 6 - जीएसटीबी

by Gstb

આ પુસ્તક ધોરણ ૬ નું હિન્દી (સેમિસ્ટર ૧) વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે .

Hindi Semester 1 class 7 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 1 कक्षा 7 - जीएसटीबी

by Gstb

हिंदी कक्षा ७ पाठ्यपुस्तक में पाठ 1 चित्र द्वारा अवलोकन करना है, पाठ २ में रामनेश त्रिपाठी की कविता का सुन्दर वर्णन मिलता हैय चित्र क साथ और पाठ 3 कुत्तेकी वफ़ादारी प्रस्तुत कहानी मे अपने स्वामी के प्रति जानवर की वफादारी को उजागर किया गया है. पाठ ४ कथनी और करनी कथनी और करनी मै अंतर के ऐसे कई उदाहरण रोज देखने को मिलते है । जो प्रस्तुत किये गे है, ५ पाठ में हिन्द देश के निवासी विविधता मे एकता हमारे देश की विशेषता है । साथ हि विकास और शक्ति की परिचायक भी है ।पाठ ६ में डो. विक्रम साराभाई हमारे जीवन को सुविधापुर्ण बनाने मै वैज्ञानिको का प्रमुख योगदान रहा है । प्रस्तुत इकाई हमे विक्रम साराभाई जैसे अद्भुत व्यक्तित्व से परिचित कराती है, पाठ ७ ढुंढते रह जाओगे पहेलियो को सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया गया है, पाठ ८ दोहा अष्टक दोहे हिन्दी भाषा साहित्य की अनमोल नीधि है प्रस्तुत ईकाइ मै कबीर, तुलसीदास और रहिम के चुने गए ऐसे ही दोहे संकलित है । पुनरावर्तन १ और पुनरावर्तन २ दिया गया है.

Hindi Semester 1 class 8 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 1 कक्षा 8 - जीएसटीबी

by Gstb

बच्चों में सृजनशीलता, विचारशक्ति, तर्कशक्ति और पृथककरण करने की क्षमता (कौशल) विकसित हो यही नए पाठ्यक्रम के मुख्यतः उद्देश्य है। प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में 1. तेरी है जमीं प्रस्तुत कविता एक प्रार्थना गीत है । 2. ईदगाह प्रेमचंद की अमर कहानी है इसमें दादी के प्रति प्रेम तथा उपयोगी चीज खरीदने की विवेकपूर्ण बुद्धिमता प्रकट होती है । पाठकगण बालक हामिद के त्याग, सद्भाव और विवेक को देखकर भावविभोर हो जाते हैं । 3. अंतरिक्ष परी सुनीता विलियम्स प्रस्तुत पाठ में अंतरिक्षयात्रियों की जानकारी के साथ - साथ अंतरिक्ष परी सुनीता विलियम्स के जीवन , शिक्षा , अंतरिक्षयात्रा के लिए परीक्षण , प्रशिक्षण , अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन , सुनीता के अंतरिक्ष रिकार्ड , अहमदाबाद में सुनीता के आगमन और छात्रों को प्रेरणा , लड़कियों और महिलाओं के लिए गौरव , प्रोत्साहन तथा अंतरिक्षयात्रा में उनके द्वारा की गई खोजों के बारे में बताया गया है । 4. उठो , धरा के अमर सपूतों प्रस्तुत काव्य में प्रकृति के तत्त्वों से प्रेरणा लेकर अपने ज्ञान का उपयोग कर देश के सपूतों को नवनिर्माण करने का संदेश दिया है ।5. सवाल बालमन के, जवाब डॉ. कलाम के प्रश्नोत्तर शैली में प्रस्तुत यह साक्षात्कार डॉ . अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम से बच्चों की बातचीत पर आधारित है । 6. भरत कालिदास द्वारा लिखित मूल नाटक अभिज्ञानशाकुंतलम् ' का हिन्दी में अनुवाद राजा लक्ष्मण सिंह ने किया था । प्रस्तुत पाठ उसी नाटक का एक अंश है ।7. सोच अपनी - अपनी किसी विषय के पक्ष और विपक्ष में तर्क - वितर्क सहित अपने विचारों की अभिव्यक्ति ही वाद - विवाद ' है । वाद - विवाद , मौखिक भावाभिव्यक्ति का अत्यंत प्रभावशाली तथा महत्त्वपूर्ण रूप है एक वक्ता पक्ष में अपने विचार रखता है , तो दूसरा वक्ता विपक्ष में । इस प्रकार वक्ताओं को अपनी बात की पुष्टि तथआ विपक्षी के कथन के खंडन का अवसर मिलता है , 8. माँ! कह एक कहानी मारनेवाले से बचानेवाला बड़ा होता है , यह उक्ति चरितार्थ हुई है , गौतम बुद्ध के जीवन से । संवाद शैली की इस कविता में गौतम बुद्ध के बचपन की एक घटना का उल्लेख है , जिसमें उनका पुत्र राहुल माँ यशोधरा से राजकुमार सिद्धार्थ की उसी कहानी को दोहराने का आग्रह करता है , जिससे उपर्युक्त उक्ति परिभाषित हुई थी । 9. ममता जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित इस कहानी की नायिका ममता है । पुनरावर्तन 1 और २ भी दिये गए है.

Hindi Semester 2 class 6 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 2 कक्षा 6 - जीएसटीबी

by Gstb

अजमाइश के बाद गुजरात राज्य की सारी पाठशालाओ के लिए सन्‌ 2012 में तैयार की गई पाठयपुस्तक का यह पुन: मुदण है । कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तको को क्षतिरहित बनाने का प्रयास किया गया है इतनी शक्ति हमें देना दाता यह एक प्रार्थना काव्य है । काव्य में ईश्वर से प्रार्थना की गई है कि किसी भी परिस्थिति में किसीसे कोई भूल न हो । अनूठे इन्सान इस इकाई में दो प्रसंग हैं । प्रथम प्रसंग फ्रांस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट के बचपन पर आधारित है । जो हमें सत्य एवं प्रामाणिकता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है । जबकि दूसरे प्रसंग में केरल की देशभक्त लड़की कौमुदी के 'सच्चे दान' का निरूपण है । ज़रा मुस्कराइए जीवन में हास्य का बहुत ही महत्त्व है । हास्य जीवन के दुःख को भुलाकर नई उमंग भर देता है । हँसने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है पुस्तक - हमारी मित्र जीवन में पत्रों का विशेष महत्त्व है । पत्रों के माध्यम से मानवीय सम्बन्धों में एक ताज़गी, नयापन व जीवन्तता बनी रहती है । जय विज्ञान की इस इकाई में जय जवान, जय किसान के साथ विज्ञान की जय बताई गई है । वैज्ञानिक खोजों की वजह से जो उपकरण बने हैं उनका सारे विश्व पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है । उन प्रभावों के कारण आज सारा विश्व विभिन्न प्रकार से सुख सुविधाओं का अनुभव कर रहा है । न्याय इस कहानी में चातुर्य की बात है यह भी एक परीक्षा सुरेन्द्र अंचल प्रस्तुत एकांकी के रचनाकार प्रसिद्ध साहित्यकार श्री सुरेन्द्र अंचल जी हैं । अंचल जी ने अनेक एकांकी, कविता, रेडियो रूपक, कहानी आदि की रचना की है । अंत में पुनरावर्तन है

Hindi Semester 2 class 7 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 2 कक्षा 7 - जीएसटीबी

by Gstb

पाठ 1 बेटी- पढ़ना लिखना, तरक्की करना एवं दुनिया में उजियारा फैलाने में नारी कभी पीछे नहीं रही । वह खुद स्वाभिमान से जी कर स्वनिर्भर बन सकती है[प्रस्तुत पाठ में संजय गया है, 2 हम भी बनें महान प्रस्तुत इकाई में स्वामी विवेकानंद, गोपालकृष्ण गोखले, सचिन तेंदुलकर और हजरत अली के जीवन से जुड़े कुछ प्रसंग दिए गए हैं, जिनमें उनकी महानता के कुछ बुनियादी गुण दृष्टव्य होते हैं । यही गुण हमारे जीवन के लिए प्रेरणा पीयूष हैं । ऐसे गुणों को अपनाकर हम भी महान बन सकते हैं । 3 सच्चा हीरा प्रस्तुत कहानी में व्यक्ति के ज्ञान के साथ साथ उसके कर्म को भी महत्व दिया गया है । अच्छा ज्ञान, अच्छी बात है लेकिन वह आचरण में नहीं है तो, निरर्थक है । इस बात को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है । 4 देश के नाम संदेश इसमें देशवासियों के मन में देशाभिमान की भावना उत्पन्न हो, ऐसी सीख भी है । 5 धरती की शान पंडित भरत व्यास जी हमारे जाने माने गीतकार थे यह गीत सन् १९५८ में आई हिन्दी फिल्म गाँव गौरी से लिया गया है । 6 मालवजी फौज़दार प्रस्तुत एकांकी में एक छोटे बालक मालवजी फौजदार की निर्भयता, प्रतिज्ञापालन, कर्तव्य भावना और मातृप्रेम प्रस्तुत किया गया है 7 बढ़े कहानी मनुष्य कहानी प्रिय है । कहानी बनाना दिलचश्प और चुनौतीपूर्ण कार्य है । छात्र में कहानी निर्माण के प्रति रुचि उत्पन्न हो इसलिए यहाँ वैविध्यपूर्ण अभ्यास दिए गए हैं । कहानी विकास और विस्तार की प्रवृतियाँ कहानी लेखन की ओर नई दिशा देंगी । 8 मुस्कान के मोती हास्य मनुष्य को जीवन शक्ति प्रदान करता है, उसे दीर्घायु बनाता है । हँसी क्रोध, चिन्ता और क्षोभ को भगा देती है । साथ ही वह सुख और स्वास्थ्य की चाबी है । ‘मुस्कान के मोती' के रूप में यहाँ ऐसे ही कुछ चुटकुले दिए गए हैं । 9 समय-सारिणी समय का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है । समय के सदुपयोग के लिए जीवन में किसी भी काम का व्यवस्थित आयोजन करना अत्यंत आवश्यक है 10 अंदाज अपना-अपना किसी भी विषय के सम्बन्ध में तर्कपूर्ण सोचना या चिंतन करना, मनन करते हुए अपनी बात को प्रगट करना तार्किक चिंतन कहलाता है प्रस्तुत इकाई में तार्किक चिंतन के बहु आयामी सोच का विकास-विस्तार हो, ऐसे वैविध्यपूर्ण कुछ अभ्यास रखे गए हैं ।और अंत में पुनरावर्तन 1 और 2 है.

Hindi Semester 1 & 2 class 5 - GSTB: हिंदी सेमेस्टर 1 और 2 कक्षा 5 - जीएसटीबी

by Gstb

प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक को गुणवत्तायुक्त तथा छात्रभोग्य बनाने के लिए भरसक प्रयत्न किया गया है। अपने चतुरंगी स्वरूप के कारण छात्रों को विशेष तौर पर रसप्रद लगे, ऐसा लक्ष्य की रखा गया है। सेमिस्टर 1 और २ दोनों साथ में है १६ पाठ दिये गे हैय और ४ पुनरावर्तन दिये गये है.

G.K.Digest - Magazine: जी.के. डाइजेस्ट - पत्रिका

by Gradeup

जी.के. डाइजेस्ट इस किताब मे देश और विदेश मे वर्तमान मे हुई 250 से ज्यादा घटनाए विस्तार से बताई गई है, यह मंथली डाइजेस्ट अपडेट जून-2020" में हुई महत्वपूर्ण समाचार और घटनाओं का एक संग्रह है। इस फ़ाइल आगामी बैंकिंग, एसएससी, रेलवे परीक्षा और साक्षात्कार के लिए महत्वपूर्ण है। 9000 से जादा आनेवाले इम्तिहानो के सवालो के जवाब दिये गये है और देश विदेश मे कोविड 19 की परिस्थिती के बारे मे बताया गया है। बँक के इम्तीहानो मे आनेवाले सवालो का विश्लेषण दिया गया है।

Ministry Of Ayush: आयुष मंत्रालय

by Government of India Ministry of Ayush

COVID-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

Pashchatya Rajniti Vicharak (Western Political Thinkers) - Ranchi University, N.P.U

by Om Gauba

पाश्चात्य राजनीति-विचारक (Western Political Thinkers) पुस्तक राजनीति विज्ञान की स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए प्रस्तुत की गई है। प्रस्तुत पुस्तक में प्लेटो, अरस्तू, संत टॉमस एक्वीनास, मार्सीसियो ऑफ़ पेडुआ, मेकियावेली, हॉब्स, लॉक, रूसो, माण्टेस्क्यू, बेन्थम, जे. एस. मिल, हीगल, ग्रीन, कार्ल मार्क्स, लेनिन, माओ त्से तुंग, नव वामपथ, जॉन राल्स, नौजिक तथा ज्यां पॉल सात्र्र जैसे पाश्चात्य राजनीतिक विचारकों के चिन्तन का विस्तार से उल्लेख किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक का प्रयोजन बस यही है की विद्यार्थी को एक ही स्थान पर विविध बिखरी हुई सामग्री उच्च स्तर की पुस्तक में उपलब्ध हो जाये। पुस्तक की भाषा सरल शैली रोचक एवं बोधगम्य है ताकि हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को यह विषय बोझ प्रतीत न हो।

Rajneeti-Siddhant Ki Ruprekha (An Introduction to Political Theory) -Ranchi University, N.P.U

by O. P. Gauba

Rajneeti Siddhant Ki Ruprekha (An Introduction to Political Theory) text book According to the Latest Syllabus based on from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Rajniti Siddhant Ki Rooprekha-An Introduction To Political Theory

by O. P. Gauba

“राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा’ के सप्तम संस्करण के अंतर्गत जगह-जगह नए संशोधन-परिवर्धन किए गए हैं, और अद्यतन सामग्री का समावेश किया गया है। विवेच्य विषय के निरंतर विस्तारशील स्वरूप को ध्यान रखते हुए इसमें कई नए, महत्त्वपूर्ण प्रकरण जोड़े गए हैं। ‘विचारधारा की संकल्पना’ के अंतर्गत ‘नारीवाद’ (Feminism) का संक्षिप्त परिचय जोड़ा गया है। ‘राज्य का स्वरूप: विविध परिप्रेक्ष्य’ के अंतर्गत दो नए, विस्तृत प्रकरण जोड़े गए हैं: ‘नारीवादी परिप्रेक्ष्य’ (Feminist Perspective) और ‘बहुलवादी परिप्रेक्ष्य’ (Pluralist Perspective) फिर, ‘लोकतंत्र के समकालीन सिद्धांत’ के अंतर्गत यहां दो नए प्रकरण यथास्थान जोड़ दिए गए हैं: ‘विचारणात्मक लोकतंत्र का सिद्धांत’ (Theory of Deliberative Democracy) और ‘लोकतंत्र का विरोधाभास’ (Paradox of Democracy)। ‘न्याय की संकल्पना’ के अंतर्गत ‘समुदायवादी दृष्टिकोण’ (Communitarian View) से जुड़े प्रकरण का प्रचुर विस्तार किया गया है। इसमें समुदायवाद (Communitarianism) के मुख्य-मुख्य उन्नायकों के योगदान की चर्चा करते हुए ‘जॉन सल्स के न्याय-सिद्धांत की समुदायवादी समालोचना’ (Communitarian Critique of John Rawls’s Theory of Justice) पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है।

Western Political Thinkers: पाश्चात्य राजनीति विचारक

by O. P. Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है।

Yeh Darakti Zameen: Bharat ka Paristhitik Itihas

by Madhav Gadgil

This Fissured Land, first published in 1992, presents an interpretative history ecological history of the Indian subcontinent. It offers a theory of ecological prudence and profligacy, testing this theory across the wide sweep of South Asian history. The book especially focuses on the use and abuse of forest resources. In Part One, the authors present a general theory of ecological history. Part Two provides a fresh interpretative history of pre-modern India along with an ecological interpretation of the caste system. In Part Three, the authors draw upon a huge wealth of source material in their socio-ecological analysis of the modes of resource use introduced in India by the British. This book is the Hindi edition translated from English.

Rajniti Sidhanth Ki Rooprekha: राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा

by Om Gaba

"राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा' के सप्तम संस्करण के अंतर्गत जगह-जगह नए संशोधन-परिवर्धन किए गए हैं, और अद्यतन सामग्री का समावेश किया गया है। विवेच्य विषय के निरंतर विस्तारशील स्वरूप को। नए महत्त्वपूर्ण प्रकरण जोड़े गए हैं। 'विचारधारा की संकल्पना' के अंतर्गत 'नारीवाद' (Feminism) का संक्षिप्त परिचय जोड़ा गया है। 'राज्य का स्वरूप : विविध परिप्रेक्ष्य' के अंतर्गत दो नए, विस्तृत प्रकरण जोड़े गए हैं।

Rajneeti Vigyan B.A (Hons.) Sem-IV (Core 8, Core 9 & Core 10) -Ranchi University, N.P.U

by B. L. Fadiya

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A (Hons.) Sem-IV (Core 8, Core 9 & Core 10) from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Rajneeti Vigyan B.A (Hons.) Sem-V (Core Course 11, & Core Course 12) - Ranchi University N.P.U: राजनीति विज्ञान बी. ए. (ऑनर्स) (पंचम-सेमेस्टर) कोर-11 और कोर-12 – रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by B. L. Fadiya

राजनीति विज्ञान बी. ए. (ऑनर्स) प्रस्तुत पुस्तक रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी. ए. (ऑनर्स), सेमेस्टर V के नवीनतम संशोधित पाठ्यक्रम को आधार बनाकर तैयार की गयी है। पुस्तक में निम्नांकित दो प्रश्न - पत्रों को पाठ्यक्रमानुसार संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में कोर-11 में नौकरशाही (BUREAUCRACY), कोर-12 में तुलनात्मक राजनीतिक विश्लेषण (COMPARATIVE POLITICAL ANALYSIS) इन मुद्दो को विस्तार में समजाया गया है।

Rajnitik Samajshastra - Ranchi University N.P.U: राजनीतिक समाजशास्त्र - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by B. L. Fadia Pukhraj Jain

राजनीतिक समाजशास्त्र साहित्य भवन पब्लिकेशन्स : आगरा ने पुस्तक हिन्दी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में 'राजनीतिक समाजशास्त्र' को सहज और सुबोध भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास है । इसमें विषय से सम्बद्ध सभी पक्षों, यथा-राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक विकास, राजनीतिक भर्ती, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक समाजीकरण, राजनीतिक अभिजन, मतदान व्यवहार, राजनीतिक आधुनिकीकरण, राजनीतिक समाजशास्त्र का मार्क्सवादी उपागम, शक्ति, सत्ता एवं औचित्यपूर्णता की अवधारणा, राजनीतिक परिवर्तन या क्रान्ति आदि का विशद् विवेचन हुआ है ।

Kabeer (Kabeer Ke Vyaktitva, Sahitya Aur Darshanik Vicharonki Aalochana) – Ranchi University N.P.U: कबीर (कबीर के व्यक्तित्व, साहित्य और दार्शनिक विचारों की आलोचना) - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by Hazari Prasad Dwivedi

कबीर (कबीर के व्यक्तित्व, साहित्य और दार्शनिक विचारों की आलोचना) यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में कबीरदास जिस सहज-समाधि की बात कहते हैं वह योगमार्ग से असम्मत नहीं है। यहाँ यह भी कह रखना जरूरी है कि पुस्तक में भिन्न-भिन्न साधन-मार्गों के ऐतिहासिक विकास की ओर ही अधिक ध्यान दिया गया है। पुस्तक के अंत में उपयोगी समझकर ‘कबीर-वाणी’ नाम से कुछ चुने हुए पद्य संग्रह किए गए हैं। उनके शुरू के सौ पद श्री आचार्य क्षितिमोहन सेन के संग्रह के हैं। पुस्तक के इस संस्करण में यथासंभव संशोधन किया गया है। पुस्तक लंबी प्रतीक्षा के उपरांत पाठकों के समक्ष आ रही है।

स्वर्ग बनाम पुनर्जन्म कार्टून आधारित संस्करण: Presented In Honor Of Salo Wittmayer Baron (Studies In Economic History And Policy: Usa In The Twentieth Century Ser. #3)

by Dharma

स्वर्ग गर्भ, बचपन और भूतकाल का रूपक है। यह बचपन के उन खूबसूरत दिनों में वापस लौटने की उत्कंठा है जो पूर्णरूपेण चिंताओं से रहित और जिम्मेदारियों से विमुक्त व्यतीत हुए थे। हमारे परिजन हमारी देखभाल करते थे, हमें सुरक्षा प्रदान करते थे और उनसे हमें भरपूर प्रेम और स्नेह मिलता था। वे हमें भोजन कराते थे, कपड़े पहनाते थे और उनके द्वारा हम जीवन के खतरों से सुरक्षित थे; वस्तुतः हम अपने स्वप्निल संसार में आनंदमग्न थे। वहीं, पुनर्जन्म का अभिप्राय जीवन, वयस्कता और भविष्य से है। हम समय को पीछे नहीं ले जा सकते, हम भूतकाल में नहीं जी सकते। वास्तविक जीवन से भागना समाधान नहीं है। हमें 'घोंसले' से बाहर निकलना होगा और जीवन का सामना करना होगा। 'स्टारवार्स' मूवी में दिखाए गए भविष्य का जीवन एक दिन वास्तविकता होगी किंतु यह सब अपने आप ही नहीं हो जाएगा। इसके लिए हमें काम करना होगा, त्याग करने होंगे और सही चयन करने होंगे ताकि भविष्य के सपनों का संसार साकार हो सके। वे लोग जो आसमान मंे स्थित एक कपोल- कल्पित सेवानिवृत्ति का स्थान (स्वर्ग) चुनने की बजाय पुनर्जन्म अर्थात् वास्तविक जीवन को चुनंेगे, वही भविष्य की दुनिया का आनंद प्राप्त करेंगे। लेखक धर्मा को आपके विचार जानकर प्रसन्नता होगी। आप HeavenVsReincarnation@yahoo.com पर उनसे संपर्क कर सकते हैं।

Ashutosh Maharaj: Mahayogi ka Maharasya (Bloomsbury Revelations Ser.)

by Mr Sandeep Deo

Mahayogi Ashutosh Maharaj: The Master and the Mystic is about Shri Ashutosh Maharaj Ji, whose disciples have a firm conviction that he entered the state of samadhi on 28 January 2014. The medical world considers him to be clinically dead but his disciples strongly believe that Maharaj Ji will return to his body at a stipulated time; the reason being, before going into samadhi, he himself had revealed that he will be entering into this state. Not only this, even after assuming this state, he has revealed this fact to his disciples by manifesting in their inner, divine visions a number of times. That's why the disciples of Shri Ashutosh Maharaj Ji have preserved his body in a deep freezer for the last two years. It is an undeniable truth that Ashutosh Maharaj Ji is a secret-revealer, who unveils the divine light of the Supreme Lord within the inner being of his disciples by opening their Third Eye. He initiates his disciples into Brahm Gyan, which has been mentioned in the Vedas and the Upanishads. After all, who is not familiar with the Third Eye of Lord Shiva! Ashutosh Maharaj Ji clearly states that 'first behold God with your own eye (Third Eye), then repose your faith in any Guru.' Today, he has millions of followers all across the world. This is the first book written on Ashutosh Maharaj Ji. This book will reveal to the world as to who is this man who has once again brought into discussion the Vibhutipaad section of the Patanjali Yoga Sutras. The Vibhutipaadsection of the Patanjali Yoga Sutras talks about the different vibhutis (spiritual powers) acquired by a supreme yogi after he exercises his control on nature. One of these powers is the ability to renounce one's body for a long time. This book is an attempt to present the vivid persona of Shri Ashutosh Maharaj ji along with a lucid explanation of the same ancient knowledge, which is soon becoming extinct.

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