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Manav Paristhitiki Evam Pariwar Vigyan Bhag 2 class 11 - NCERT: मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 2 कक्षा 11 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक – आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अनुसार कपड़ों तथा पौशाकों के लिए प्रशिक्षण पाने वाले व्यक्तियों को वस्त्रोद्योग डिज़ाइन, वस्त्रोद्योग या फ़ैशन अथवा पौशाक उद्योग और उद्यमशीलता में भावी जीवनवृत्ति मिल सकती है ।
Mandakini class 12 - RBSE Board: मंदाकिनी कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमंदाकिनी कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के बारे में बताया गया है। इस पुस्तक में महापुरूषों के प्रेरक व्यक्तित्वों के पाठ सम्मिलित किए गये है।
Manovigyan class 12 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमनोविज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे बुद्धि और अभिक्षमता मानव व्यवहार के ज्ञानात्मक पक्षों जो उनकी क्षमता एवं अनुकूलता को प्रेषित करने का प्रयास है। अतः व्यक्तित्व का सारगर्भित अध्ययन और इस प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली में तनाव, मानवीय क्षमताएँ और खुशहाली एक दूसरे के विरोधाभासी प्रत्यय है लेकिन पुस्तक में इन्हें विहंगात्मक रूप से समझाने का सारगर्भित प्रयास किया गया है।
MASO 102 Samajshastriy Siddhant - IGNOU: MASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त - इग्नू
by Indira Gandhi Rashtriya Mukta VishvavidyalayaMASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस किताब में सत्ताईस परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही इसकी प्रकृति, निर्माण, प्रमुख प्रकारों तथा महत्त्व को स्पष्ट करना भी इस इकाई का उद्देश्य है। आशा है कि इस किताब में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की प्रकृति अथवा इसकी विशेषताओं की व्याख्या कर पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का निर्माण समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के प्रकारों की व्याख्या कर पाएँगे; तथा समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के महत्त्व को स्पष्टतया समझ पाएँगे।
Ministry Of Ayush: आयुष मंत्रालय
by Government of India Ministry of AyushCOVID-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
Pariyavaran Vigyan class 12 - RBSE Board: पर्यावरण विज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerपर्यावरण विज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे वायुमण्डल (Atmosphere), जैवमण्डल (Biosphere), स्थलमण्डल (Lithosphere) एवं जलमण्डल (Hydrosphere), पर्यावरण के ये चार घटक दिखाये है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, अम्ल वर्षा, जैव विविधता का ऱ्हास, सूखा, अकाल एवं बाढ़ जैसी पर्यावरणीय समस्याएं बताई है।
Piyush Prawah class 12 - RBSE Board: पीयूष प्रवाह कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerपीयूष प्रवाह इस पाठ्यपुस्तक मे हिन्दी गद्य की कहानी, आत्मकथा, रेखाचित्र, उपन्यास, यात्रावृत्त एवं जीवन-चरित विधाओं की श्रेष्ठ रचनाओं को सम्मिलित किया गया है। इन रचनाओं के चयन का आधार उनकी रोचकता, विषय-विविधता एवं बोधगम्यता है। गांधी जी की आत्मकथा "सत्य के प्रयोग" के संपादित अंश से पाठकों को बाहरी दिखावे से बचने, सहयोगी एवं स्वावलम्बी बनने तथा संस्कारों के साथ सादगीपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ‘गौरा' (महादेवी वर्मा) रेखाचित्र में लेखिका ने स्वयं द्वारा पालित गाय का अत्यंत करुणापूरित चित्र उकेरा है।
Pratinidhi Kahaniyan-Akhilesh
by Akhileshअखिलेश की कहानियाँ बातूनी कहानियाँ हैं . .गजब का बतरस है उनमें । वे अपने पाठकों से जमकर बातें करती हैं अपने सबसे प्यारे दोस्त की तरह गलबहियाँ लेकर वे आपको आगे और. आगे ले जाती हैं और उनमें उस तरहकी सभी बातें होती हैं जो दो दोस्तों के बीच घट सकती हैं । (कोई चाहे तो इसे कहानीपन भी कह सकता है ।) यही वजह है कि बेहद गम्भीर विषयों पर लिखते हुए भी अखिलेश की कहानियाँ . जबर्दस्ती की गम्भीरता कभी नहीं झड़ती हैं । पढ़ते हुए कई बार एक मुस्कान-सी ओठों पर आने को ही होती है । क्योंकि उनके यहाँ कोई बौद्धिक आतंक, सूचना का कोई घटाटोप या किसी और तरह का बेमतलब का जंजाल चक्कर नहीं काटता कि पाठक कहीं' और ही फँसकर रह जाए. । इन कहानियों की एक और खूबी येह भी है कि ये कहानियाँ पाठक से ही नहीं बात करती चलती बल्कि खुद उनके भीतर भी कई तरह के समानान्तर संवाद चलते रहते हैं 1 वे खुद भी अपने चरित्रों से बतियाते चलते हैं, उनके भीतर चल रही उठा- पटक को .अपने अखिलेशियन अन्दाज में' सामने लाते हुए । क्या है ये अखिलेशियन अन्दाज ! उसकी पहली पहचान यह है कि वह बिना मतलब गम्भीरता का ढोंग नहीं करते बल्कि उनकी कहानियाँ अपने पाठकों को भी थोपी हुई गम्भीरता से दूर ले जानेवाली कहानियाँ हैं. । उनकी कहानियों का गद्य मासूमियत वाले अर्थों में हँसमुख ? नहीं है बल्कि चुहल- भरा, शरारती पर साथ ही बेधनेवाला गद्य है ।
Pratinidhi Kahaniyan-Amarkant
by अमरकांतअमरकांत की कहानियों में मध्यवर्ग, विशेषकर निम्न-मध्यवर्ग के जीवनानुभवों और जिजीविषाओं का बेहद प्रभावशाली और अन्तरंग चित्रण मिलता है ! अक्सर सपाट-से नजर आनेवाले कथ्यों में भी वे अपने जिवंत मानवीय संस्पर्श के कारण अनोखी आभा पैदा कर देते हैं ! सहज-सरल रूपबंधवाली ये कहानियां जिंदगी की जटिलताओं को जिस तरह समेटे रहती हैं, कभी-कभी उससे चकित रह जाना पड़ता है ! लेकिन यह अमरकांत की ख़ास शैली है ! अमरकांत के व्यक्तित्व की तरह उनकी भाषा में भी एक ख़ास किस्म की फक्कड़ता है ! लोक-जीवन के मुहावरों और देशज शब्दों के प्रयोग से उनकी भाषा में माटी का सहज स्पर्श तथा ऐसी सोंधी गंध रच-बस जाती है जो पाठकों को किसी छदम उदात्तता से परे, बहुत ही निजी लोक में, ले जाती है ! उनमे छिपे हुए व्यंग्य से सामान्य स्थितियाँ भी बेहद अर्थव्यंजक हो उठती हैं ! अमरकांत के विभिन्न कहानी-संग्रहों में चरित्रों का विशाल फलक ‘जिन्दगी और जोंक’से लेकर ‘मित्र मिलन’ तक फैला हुआ है ! उन्ही संग्रहों की लगभग सब चर्चित कहानियां एक जगह एकत्र होने के कारण इस संकलन की उपादेयता निश्चित रूप से काफी बढ़ गई है !
Pratinidhi Kahaniyan-Geetanjali Shree
by गीतांजलि श्रीयह गीतांजलि श्री की कहानियों का प्रतिनिधि संचयन है। गीतांजलि की लगभग हर कहानी अपनी टोन की कहानी है और विचलन उनके यहाँ गभग नहीं के बराबर है और यह बात अपने आपमें आश्चर्यजनक है क्योंकि बड़े-से-बड़े लेखक कई बार बाहरी दबावों और वक़्ती ज़रूरतों के चलते अपनी मूल टोन से विचिलत हुए हैं। यह अच्छी बात है कि गीतांजलि श्री ने अपनी लगभग हर कहानी में अपनी सिग्नेचर ट्यून को बरकरार रखा है। लेकिन सवाल यह है कि गीतांजलि कीकहानियों की यह मूल टोन आखिर है क्या? एक अजीब तरह का फक्कड़पन, एक अजीब तरह की दार्शनिकता, एक अजीब तरह की भाषा और एक अजीब तरह की रवानी। लेकिन ये सारी अजीबियतें ही उनके कथाकार को एक व्यक्तित्व प्रदान करती हैं। यहाँ यह कहना ज़रूरी है कि यह सब परम्परा से हटकर है और परम्परा में समाहित भी।
Pratinidhi Kahaniyan-Hrishikesh Sulabh
by Hrishikesh Sulabh''अपनी कहानियों पर बात करना मेरे लिए कठिन काम है। बहुत हद तक अप्रिय भी। लिखी जा चुकी और प्रकाशित हो चुकी कहानियों से अक्सरहाँ मैं पीछा छुड़ाकर भाग निकलता हूँ, पर मुझे लगता है कि यह मेरा भ्रम ही है। मेरी कहानियों के कुछ पात्र लगातार मेरा पीछा करते हैं और अपनी छवि बदलकर, किसी लिखी जा रही नई कहानी में घुसने की बार-बार कोशिशें करते हैं। कई बार तो घुस भी आते हैं और मैं उन्हें न रोक पाने की अपनी विवशता पर हाथ मलते रह जाता हूँ। जैसे, 'वधस्थल से छलाँगÓ का रामप्रकाश तिवारी, जो 'यह गम विरले बूझे' या 'काबर झील का पाखी' जैसी कहानियों में घुस आया। मैंने अपनी कहानियों में प्रवेश के लिए किसी एक रास्ते का चुनाव नहीं किया। हर कहानी में प्रवेश के लिए मेरी राह बदल जाती है। कभी किसी पात्र की बाँह पकड़कर प्रवेश करता हूँ, तो कभी कोई घटना या व्यवहार या स्मृति या विचार कहानी के भीतर पैठने के लिए मेरी राहों की निर्मिति करते हैं। हमेशा एक अनिश्चय और अनिर्णय की स्थिति बनी रहती है। हर बार नई कहानी शुरू करने से पहले मेरा मन थरथर काँपता है। शायद यही कारण है कि बहुत कम कहानियाँ लिख सका हूँ। मेरे कुछ मित्रों का मानना है कि कहानी और नाटक लिखने के बीच आवाजाही के कारण मेरी कहानियों पर आलोचकों की नज़र नहीं पड़ी। पर यह सच है कि नाटक और कहानी के बीच मेरी यह आवाजाही मुझे बहुत प्रिय है। हर बार नौसिखुए की तरह अथ से आरम्भ करना मुझे पुनर्नवा करता है। मैं यह करते रहना चाहता हूँ।'' —भूमिका से
Pratinidhi Kahaniyan-Jogendra Paul
by Jogendra Paulपहली बार मैं जब जोगेंद्र पाल से मिला तो वो ठीक अपनी शक्ल, किरदार और आदतों के एतवार से एक मालदार जौहरी नजर आया | बाद में मुझे मालूम हुआ कि मेरा कयास ज्यादा गलत भी न था | वो जौहरी तो जरूर है, लेकिन हीरे-जवाहरात का नहीं; अफसानों का - और मालदार भी लेकिन अपनी कला में | - कृष्ण चंदर | एक परिचय : धरती का काल उर्दू कथा-साहित्य में जोगेंद्र पाल अपने रचनात्मक अनुभव के लिए नए-नए महाद्वीप खोजनेवाले कथाकार हैं-चंद उन कथाकारों में से एक जिन्होंने अपनी आँखे बाहर की और खोल राखी हैं और जो अपने दिल के रोने की आवाज पर भी कान धरते हैं...| - डॉ. अनवर सदीद औरक | लाहौर जोगेंद्र पाल के यहाँ कहानी बयान नहीं होती, बल्कि सामने जिंदगी के स्टेज पर घटित होती है | उनके चरित्र उस स्टेज से निकलकर हमारे हवास के इतने करीब आ जाते हैं कि हमें अपने वजूद में उनकी साँसों का उतार-चढाव महसूस होता है...| - डॉ. कमर रईस | जोगेंद्र अपल : फेन और शख्सियत जोगेंद्र पाल ने मुर्दा लफ्जों को नई जिंदगी अता करने की तख्लीकी (रचनात्मक) कोशिश की है ; उनमें आदम बू पैदा की है | उनकी रचनातमक भाषा जानने की जुबान नहीं, जीने की जुबान है | - निजाम सिद्दीकी
Pratinidhi Kahaniyan-Mithileshwar
by Mithileshwarजाने-माने कथाकार मिथिलेश्वर हिन्दी कथा-साहित्य में एक अलग महत्त्व रखते हैं । प्रेमचंद और रेणु के बाद हिन्दी कहानी से जिस गाँव को निष्कासित कर दिया गया था, अपनी कहानियों में मिथिलेश्वर ने उसी की प्रतिष्ठा की है । दूसरे शब्दों में, वे ग्रामीण यथार्थ के महत्त्वपूर्ण कथाकार हैं और उन्होंने आज की कहानी को संघर्षशील जीवन-दृष्टि तथा रचनात्मक सहजता के साथ पुन: सामाजिक बनाने का कार्य किया है । इस संग्रह में शामिल उनकी प्राय: सभी कहानियाँ बहुचर्चित रही हैं । ये सभी कहानियाँ वर्तमान ग्रामीण जीवन के विभिन्न अन्तर्विरोधों को उद्घाटित करती हैं, जिससे पता चलता है कि आजादी के बाद ग्रामीण यथार्थ किस हद तक भयावह और जटिल हुआ है । बदलने के नाम पर गरीब के शोषण के तरीके बदले हैं और विकास के नाम पर उनमें शहर और उसकी बहुविध विकृतियां पहुँची हैं । निस्सन्देह इन कहानियों में लेखक ने जिन जीवन-स्थितियों और पात्रों का चित्रण किया है, वे हमारी जानकारी में कुछ बुनियादी इजाफा करते हैं और उनकी निराडंबर भाषा-शैली इन कहानियों को और अधिक सार्थक बनाती हैं ।
Pratinidhi Kahaniyan-Rajkaml Chaudhry
by Rajkamal Choudharyप्रस्तुत संकलन की कहानियाँ रोटी, सेक्स एवं सुरक्षा के जटिल व्याकरण से जूझते आम जनजीवन की त्रासदी की कथा कहती हैं । राजकमल की मैथिली कहानियों के पात्र जहाँ सामाजिक मान्यताओं के व्यूह में फँसकर भी अपनी परंपराओं के मानदण्ड में परहेज से रहते हैं वहाँ इनकी हिन्दी कहानियों के पात्र महानगरीय जीवन के कशमकश में टूट-बिखर जाते हैं । यौन विकृतियाँ इनकी मैथिली एवं हिन्दी-दोनों भाषाओं की कहानियों का प्रमुख विषय है और दोनों जगह यह अर्थतंत्र द्वारा ही संचालित होती हैं । ये कहानियाँ कहानीकार की गहन जीवनानुभूति और तीक्ष्णतम अभिव्यक्ति का सबूत पेश करती हैं । राजकमल की कहानियाँ न केवल विषय के स्तर पर, बल्कि भाषा एवं शिल्प की अन्यान्य प्रविधियों के स्तर पर भी एक चुनौती है जो कई मायने में सराहनीय भी है और ग्रहणीय भी । इनकी कहानियों का सबसे बड़ा सच है कि जहाँ से इनकी कहानी खत्म होती है, उसकी असली शुरुआत वहीं से होती है ।
Pratinidhi Kahaniyan-Rangeya Raghav
by Rangeya Raghavप्रस्तुत संकलन में जिन दस कहानियों को प्रस्तुत किया है वे हैं :‘पंच परमेश्वर’, ‘नारी का विक्षोभ’,‘देवदासी’, ‘तबेले का धुँधलका’,‘ऊँट की करवट’, ‘भय’, ‘जाति और पेशा’,‘गदल’, ‘बिल और दाना’ तथा ‘कुत्ते की दुम और शैतान : नए टेकनीक्स’।
Pratinidhi Kahaniyan-Shekhar Joshi
by Shekhar Joshiशेखर जोशी की कहानियों में शिल्प और संवेदना के अंतर्संबंधो की सुरम्य रचना के साथ जीवन और समाज के सहज उन्नयन एवं परिवर्तनकारी दृष्टि के प्रति दायित्वबोध साफ़ दृष्टिगोचर होता है ! कथात्मक गठन में भाषा के सूक्ष्म उपयोग का उन जैसा आधुनिक बोध हिन्दी कहानी में अपरिचित है ! अत्यन्त सहज और ठंडी भाषा के माध्यम से ए कहानियाँ हमारे समक्ष जिस यथार्थ का उद्घाटन करती हैं, उसके पीछे समकालीन जन-जीवन की बहुविध विडम्बनाओं को महसूस किया जा सकता है ! सपनों की वास्तविकता से अपरिचित बच्चों की ख़ुशी हो या बिरादरी की दलदल में फँसे व्यक्ति की मनोदशा-लेखकीय दृष्टि उन्हें एक अर्थ-गाम्भीर्य से भर देती है ! उसके पास आदर्शवादी निर्णय हैं तो उनके सामने खड़ा कठोर और भयावह यथार्थ भी है ! वस्तुतः शेखर जोशी की ये कहानियाँ बिना किसी शोर-शराबे के हमारी सोच के विभिन्न स्तरों को स्पर्श और झंकृत करनेवाले रचनात्मक गुणों से परिपूर्ण हैं !
Prayogik Bhugol class 12 - RBSE Board: प्रायोगिक भूगोल कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रायोगिक भूगोल कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में छह अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गये है । इस पाठ्यपुस्तक में मानचित्र, आंकड़ों का निरूपण, आंकड़ें और आंकडों का एकत्रीकरण, समपटल सर्वेक्षण, क्षेत्रीय अध्ययन इन अध्यायो का विस्तार मे विविरण किया गया है ।
Rajneeti Vigyan class 12 - RBSE Board: राजनीति विज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerराजनीति विज्ञान इस पाठ्यपुस्तक में अनेक विचारकों व विद्वानों के मौलिक कथन एवं विश्लेषण को शामिल किया गया है। राजनीति विज्ञान विषय के विभिन्न सिद्धान्तों व विचारों को शामिल किया गया है। पुस्तक के प्रथम खण्ड 'अ' में प्रचलित अवधारणाओं का वर्तमान वैश्विक परिदृश्य के संदर्भ में विश्लेषण किया गया है। पुस्तक में 'धर्म' जैसे शाश्वत प्रत्यय के अतिरिक्त वैश्वीकरण और आतंकवाद के नवीन स्वरूप को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
Rajneetik Siddhant Class 11 - RBSE Board
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerराजनीतिक सिद्धांत कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, इस पाठ्यपुस्तक में पहले छात्र-छात्रएँ राजनीतिक विचार और सिद्धांतों से उदारवाद, मार्क्सवाद या फासीवाद जैसी विचारधाराओं के माध्यम से परिचित होते थे। स्वतंत्रता और समानता जैसी अवधारणाओं की चर्चा अप्रत्यक्ष रूप से और केवल तभी होती थी जब इन विचारधाराओं में उनका जिक्र आता था। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य कुछ उन विचारों और अवधारणाओं से परिचित करवाना है, जो विश्व की राजनीतिक विचारों की जीवंत परंपरा का हिस्सा है। इस पुस्तक रचना में एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें छात्र-छात्रओं को सीखने की प्रक्रिया में ज्ञान के ग्राहक और सृजक दोनों भूमिकाओं में जाँचा और विकसित किया है। इसका उद्देश्य छात्र-छात्रओं को ‘राजनीतिक सिद्धांत’करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
Rasayan Bhag 1 class 11 - NCERT: रसायन भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadरसायन भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के सात अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।
Rasayan Bhag 1 class 12 - NCERT: रसायन भाग 1 कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadरसायन भाग 1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के नौं अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। विद्यार्थी इन नियमों एवं सिद्धांतों पर प्रवीणता प्राप्त कर लेने के पश्चात प्रागुक्ति करने की स्थिति में पहुँच जाएंगे। ऐतिहासिक विकास और जीवन में उपयोग बताते हुए, विषय में उत्सुकता जाग्रत रखने का प्रयास किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।
Rasayan Bhag 2 class 11 - NCERT: रसायन भाग 2 कक्षा 11 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadरसायन भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के छह अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।
Rasayan Bhag 2 class 12 - NCERT: रसायन भाग 2 कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadरसायन भाग 2 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के नौं अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। विद्यार्थी इन नियमों एवं सिद्धांतों पर प्रवीणता प्राप्त कर लेने के पश्चात प्रागुक्ति करने की स्थिति में पहुँच जाएंगे। ऐतिहासिक विकास और जीवन में उपयोग बताते हुए, विषय में उत्सुकता जाग्रत रखने का प्रयास किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।
Rohatasmath: रोहतासमठ
by Shree Babu Durgaprasad Khatriजमानिया तिलिस्म के राजा गोपालसिंह बडे बहादुर लेकिन नेक और सज्जन व्यक्ति थे । किन्तु उनकी रानी बड़ी ही धूर्त और ऐयाश थी जिसने धोखा देकर उन्हें कैद में डाल दिया और उन्हें मरा मशहूर करके उनके राज्य और तिलिस्म पर कब्जा कर लिया । किन्तु राजा गोपालसिंह के एक तेज ऐयार ने उनका पता लगाकर उन्हें छुड़ाया । उसके बाद उन्होंन कैसे अद्भुत काम किये और किस तरह तिलिस्म को तोड़ कर वहां की दौलत और अद्भुत वस्तुओं पर कब्जा किया, ये सनसनीखेज कथा इस उपन्यास में पढ़िये ।
Saahity Sujas Bhag 2 class 12 - RBSE Board: साहित्य सुजस भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसाहित्य सुजस भाग 2 कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में राजस्थानी साहित्य के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में गद्य, पद्य, व्याकरण, राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति का दर्शन होता है।