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Gandi Baat - Novel: गंदी बात - उपन्यास

by Shri. Kshitij Roy

क्षितिज रॉय लिखित गंदी बात इस किताब मे एक पूरी तरह से एक काल्पनिक कथा दिखाई है जिसमे यह दिखाया है की प्यार मे मजबूर इंसान का हाल क्या होता है

Jungal jahan shuru hota hai: जंगल जहाँ शुरू होता है

by Sanjeev

पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी लेखकों ने बहुधा अनछुए, परित्यक्त और वर्जित क्षेत्रों की यात्राएँ की हैं - जनजातियाँ, कोयला खदान, समुद्र, अन्तरिक्ष, तकनॉलॉजी और वे तमाम क्षेत्र जहाँ जिन्दगी साँस लेती है।

Phans: फांस

by Sanjeev

संजीव 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला, 7 वर्षों तक 'हंस' समेत कई पत्रिकाओं के सम्पादन और स्तम्भ-लेखन से जुड़े संजीव का अनुभव संसार विविधता से भरा हुआ है, साक्षी हंम उनकी प्रायः 150 कहानियाँ और 12 उपन्यास। इसी विविधता और गुणवत्ता ने उन्हें पाठकों का चहेता बनाया है। इनकी कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कई कहानियाँ और उपन्यास विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हैं। अपने समकालीनों में सर्वाधिक शोध भी उन्हीं की कृतियों पर हुए हैं। 'कथाक्रम', 'पहल', 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा', 'सुधा-सम्मान' समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... । नवीनतम है हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में से एक इफको का श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान-2013। अगर कथाकार संजीव की भावभूमि की बात की जाये तो यह उनके अपने शब्दों में ज्यादा तर्कसंगत, सशक्त और प्रभावी होगा-“मेरी रचनाएँ मेरे लिए साधन हैं, साध्य नहीं। साध्य है मानव मुक्ति।”

Sanjeev Ki Katha-Yatra Doosra Parav: संजीव की कथा-यात्रा-दूसरा पडाव

by Sanjeev

कैसे कहें कि कहानी सीप के कीड़े द्वारा मोती रचने जैसा कर्म है, कैसे कहें कि कहानी कुम्हार द्वारा घड़ा या मूर्तियाँ बनाने जैसा उद्यम है, कैसे कहें कि कहानी किसान द्वारा फसल पैदा करने या गायक द्वारा राग साधने जैसा श्रम है। कितने नदी-नालों, गड़हों, समुद्र या अन्य स्रोतों के जल-सा उसके अवयव अणु-अणु घटनाओं, पात्रों, चरित्रों, संवेदनाओं आदि रूप में बादलों की तरह आकार लेते हैं, कभी उड़ जाते हैं और कभी संघनित होकर बूंद-बूंद बरसते हैं, कभी कोहरा, कभी शबनम, कभी रिमझित तो कभी धार-धार...!

Sanjeev Ki Katha-Yatra Pahala Parav: संजीव की कथा-यात्रा पहला पड़ाव

by Sanjeev

प्रस्तुत कहानियाँ तीस वर्षों के आज़ाद भारतीय मानस के कैनवस पर उभरे आर्थिक, नैतिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक यथार्थ की शिनाख्त हैं। सच समझना बड़ा दुष्कर है, बोलना और भी दुष्कर और सच को झेलना सबसे दुष्कर। कहानी मेरे लिए मौज-मस्ती का अंग नहीं है जो गुदगुदा सके। जहाँ ज़ख्म और फफोले हैं, वहाँ सोच को भटकाना मैं जघन्य अपराध मानता हूँ अतः उस तरह के अफ़ीम के व्यापारियों से हमारी राह अलग है। अगर ज़ख्म रिसते हैं तो इस हक़ीक़त को छुपाना, कराह और आक्रोश के कण्ठस्वर को रोकना, आत्मघात और कायरता है। इसीलिए निदान के लिए सभी तरह के तर्कसंगत प्रयासों को जुबान देना मैंने अपना फ़र्ज़ समझा है।

Sanjeev Ki Katha-Yatra Teesra Parav: संजीव की कथा-यात्राः तीसरा पड़ाव

by Sanjeev

महाकाल और महाकाली मेरे लिए आस्तिकता के पर्याय नहीं, समय और शक्ति की द्वंद्वात्मकता के प्रतीक हैं, आततायियों के विनाश के बाद सूजन की ओर लौट चलने की अनुप्रेरणा ही मेरे लिए जीवन संघर्षों का सार है।

Sarkas: सर्कस

by Sanjeev

प्रतिपल कुछ टूट रहा है, मगर उसी तरह कुछ जुड़ भी रहा है क्या? अगर कुछ जुड़ रहा हो तो वह क्या और कितना है?

Sawdhan Neeche Aag Hai: सावधान नीचे आग है

by Sanjeev

चन्दनपुर के नीचे आग धधक रही है । लोगों में आग है, उनकी नसों के बिलकुल करीब...आग ही आग...लाल-सुर्ख. ..तपती हुई... । यह आग हो सकता है कि कभी किसी बड़े परिवर्तन का सूत्रपात करे लेकिन अभी तो वह सिर्फ लोगों को जला रही है । तिल-तिल करके जल रहे हैं वे, अपनी छोटी-छोटी अपूर्ण इच्छाओं के साथ । जिन्दगी बीभत्सता की हद तक सड़ी हुई...नर्क. .. । दलालों, सूदखोरों और गुंडों के बीच पिसते, कोयले की गर्द फाँकते, चन्दनपुर के खदान मजूदूर यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बजाय उनकी औरतों को ही पहले काम क्यों दिया जाता है । ' 'सच तो यह है कि जिनके हाथ में कानून और पावर है, सब चोर हैं । मेहनत, ईमानदारी की कोई कदर नहीं । जो लूट रहा है, लूट रहा है, जो बिला रहा है, बिला रहा है.. .यह समूचा इलाका ही बैठ जाएगा एक दिन जल-जल कर' ' -मेवा के इस कथन में आक्रोश के साथ लाचारी है, खीज है । संजीव की कहानियों में शुगरकोटेड यथार्थ नहीं होता और न ही मनोरंजन । समाज के जिस वर्ग की जिंदगी के बारे में वे लिखते हैं, उसकी पीड़ाओं की तह तक उतर जाते हैं । अब तक दर्जनों चर्चित कहानियों के लेखक संजीव के इस उपन्यास में विषय की गहराई, उसकी समझ और पकड़, शैली और शिल्प के अतिरिक्त जो प्रतिबद्धता है, हर पाठक को उसका कायल होना पड़ेगा ।

Sutradhar: सूत्रधार

by Sanjeev

अपनी रचनात्मक ज़मीन और लेखकीय दायित्व की तलाश करते हुए एक ईमानदार लेखक प्रायः स्वयं को भी रचने की कोशिश करता है। अनुपस्थित रहकर भी वह उसमें उपस्थित रहता है; और सहज ही उसे देश-काल को लाँघ जाता है जो आकर उसे देता रहा है। समकालीन कलाकरों में संजीव की मौजूदगी को कुछ तरह देखा जाता है। आकस्मिक नहीं कि हिंदी की यथार्थ कथा-परम्परा को उन्होंने लगातार आगे बढ़ाया है।

Aazadi Before Marriage - Novel: आजादी बिफोर मैरिज - उपन्यास

by Shri. Dipak Satya

दिपक सत्य लिखित आजादी बिफोर मैरिज इस किताब मे एक प्रेम कहानी के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों एवं विकृतियों को उजागर करने की कोशिश की गई है। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के शोषण एवं उनकी दुर्दशा को ऐसे तथ्यों के माध्यम से रेखांकित किया गया है जिसकी तरफ हमारा ध्यान जाता ही नहीं है। यह इस किताब मे लेखक ने समझाया है।

Literary Vistas and Hard Times (Optional English) For B.A. Sem-III - Bangalore University

by Vasantha Series

As per the New CBCS Syllabus of III Sem. B.A. - Bangalore University. Also Useful for Semester Schemes of All Other Universities.

Vikas ki Chakki Mein Piste Log: Ikkiswi Sadi ke Bharat Mein Jatiya, Janjatiya, aur Vargiya Asamanta

by Alpa Shah Jens Lerche Richard Axelby Dalel Benbabaali Brendan Donegan Jayaseelan Raj Vikramaditya Thakur

Why has India's astonishing economic growth not reached the people at the bottom of its social and economic hierarchy? Travelling the length and breadth of the subcontinent, this book shows how India's 'untouchables' and 'tribals' fit into the global economy. India's Dalit and Adivasi communities make up a staggering one in twenty-five people across the globe and yet they remain amongst the most oppressed. Conceived in dialogue with economists, Ground Down by Growth reveals the impact of global capitalism on their lives. It shows how capitalism entrenches, rather than erases, social difference and has transformed traditional forms of identity-based discrimination into new mechanisms of exploitation and oppression. Through studies of the working poor, migrant labour, and the conjugated oppression of caste, tribe, region, gender, and class relations, the social inequalities generated by capitalism are exposed.

Swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) B.A. Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Nalin Sharma Keshri Kumar

swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) textbook for B.A. Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University In Hindi and Sanskrit.

Bharat ka Prachin Itihas

by Ram Sharan Sharma

Beginning with a discussion on frameworks of writing history, the volume sheds light on the origins and growth of civilizations, empires, and religions. It covers the geographical, ecological, and linguistic backgrounds, and looks at specific cultures of the Neolithic, Chalcolithic, and Vedic periods, as well as the Harappan civilization. The author discussed the rise of Jainism and Buddhism, Magadha, and the beginning of territorial states. The period of Mauryas, Central Asian countries, Satavahanas, Guptas, and Harshvardhana are also analysed. He highlights important phenomena such as the varna system, urbanization, commerce and trade, developments in science and philosophy, and cultural legacy. He also examines the process of transition from ancient to medieval India and addresses topical issues such as the origin of the Aryan culture. This engaging and lucid text, by one of the best-known scholars of ancient India, will be indispensable for students and teachers of ancient Indian history. This book is the Hindi translation of the English edition.

Itihaas lekhan Avadharana, Vidhi Evam Sadhan M.A. - Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड

by Rashmi Sharma Prof. Mahabir Singh Tyagi

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रदत्त मॉडल पाठ्यक्रमानुसार Choice Based Credit सेमेस्टर प्रणाली (CBCS) पर आधारित लोकप्रिय तथा छात्रोपयोगी पुस्तक है। इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन यह पुस्तक कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा झारखंड की एम. ए. की कक्षाओं के नवीनतम् पाठ्यक्रमानुसार लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर सहित है। इस पुस्तक में सम्पूर्ण नवीनतम् पाठ्यक्रम, गत वर्षों के सोल्वड पेपर्स, सरल प्रश्नोत्तर रूप और अधुनातम् क्रमबद्ध विषय-सामग्री दी गई है।

Bahu Mange Insaaf - Novel: बहू मांगे इंसाफ - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

दहेज सदियों से भारतीय समाज का अभिशाप रहा है और दुर्भाग्य से यह अभी भी युवा दुल्हनों की खुशियों को निगल रहा है और वह दुल्हन बन जाएगा। सत्तर और अस्सी के दशक के दौरान, भारत में दहेज हत्याओं की अधिकता दर्ज की गई थी। ये ऐसे मामले थे जिनमें संबंधित बहू पर उसके ससुराल वालों द्वारा हत्या का संदेह किया गया था क्योंकि उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए शादी में पर्याप्त दहेज नहीं लाया था। इनमें से ज्यादातर मौतें रसोई घर में जलने से हुई हैं, क्योंकि शायद बहू के लिए अपने वैवाहिक घर की रसोई में काम करना स्वाभाविक माना जाता है और उसके कपड़े गलती से गैस के चूल्हे की आग को पकड़ नहीं पाते हैं। कुछ असामान्य। और इस प्रकार हत्या करने वाले ससुराल वालों के पास यह साबित करने से बचने का एक अच्छा मौका था कि युवती का जलना केवल एक घरेलू कुप्रथा थी।

Darinda - Novel: दरिंदा - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

एक तरफ सिंगही का शिष्य वतन था, दूसरी तरफ विजय और अलफांसे का शिष्य विकास। दोनों के टकराव की महागाथा है यह उपन्यास और यह उपन्यास भी यही है जिसमें बताया गया है कि विकास को दरिंदा क्यों जाने लगा।

Lallu - Novel: लल्लू - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

एक ऐसा हैरतअंगेज किरदार जिसे लल्लू कहते थे। पुलिस इंस्पेक्टर केकड़ा के इलाके में घटने वाली घटनाओं को ताड़ने में कामयाब रहा जिन्हें 'एडवांस' में सूंघने में केकड़ा को महारथ हासिल थी। भारत के सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक का नया शाहकार – लल्लू

Rohatasmath: रोहतासमठ

by Shree Babu Durgaprasad Khatri

जमानिया तिलिस्म के राजा गोपालसिंह बडे बहादुर लेकिन नेक और सज्जन व्यक्ति थे । किन्तु उनकी रानी बड़ी ही धूर्त और ऐयाश थी जिसने धोखा देकर उन्हें कैद में डाल दिया और उन्हें मरा मशहूर करके उनके राज्य और तिलिस्म पर कब्जा कर लिया । किन्तु राजा गोपालसिंह के एक तेज ऐयार ने उनका पता लगाकर उन्हें छुड़ाया । उसके बाद उन्होंन कैसे अद्भुत काम किये और किस तरह तिलिस्म को तोड़ कर वहां की दौलत और अद्भुत वस्तुओं पर कब्जा किया, ये सनसनीखेज कथा इस उपन्यास में पढ़िये ।

Hayaat Shehar Aur Ek Nazm Ladki - Novel: हयात शहर और एक नज्म लडकी - उपन्यास

by Shri. Dr. Subhash Jonwal

डॉ. सुभाष जोनवाल लिखित हयात शहर और एक नज्म लडकी इस किताब मे लेखक ने अपने डॉक्टर होने का ख्वाब हयात शहर मे आकर कैसे पुरा किया और उन्हे कैसे मुश्कील हालतो से गुजरना पाडा, कॉलेज जीवन मे उनकी मुश्किले और तजुर्बा क्या था, निशिथा जो वो लडकी जिसके साथ उन्होने जीने-मरणे के सपने देखे थे उसके बारे मे लेखक ने इस किताब मे बताया है।

Santaptbhumi Berunda Rachna - Arnayam Ka Rakshak: संतप्तभूमि बेरुंडा रचना: एर्यनम का रक्षक

by Bhanupratap Yadav 'Shubharambh'

रामायण काल की एक घटना जो इतिहास के पन्नों से मिट चुकी है, जिसने क्रूरता और षड्यंत्र की सारी सीमाएँ लांघकर रच दिया था एक रक्त रंजित इतिहास। यह कहानी है इतिहास के अंधकार में खो चुके एक विशाल साम्राज्य की। एक घटना और जिसके पीछे छिपा हुआ है भयावह रहस्य जो आने वाले समय में शापित भूमि एर्यनम को फिर से पुनर्जीवित कर देने वाला था। इस सन्तप्तभूमि के उद्धार हेतु अवतरित हुआ वह योद्धा, जो कहलाया एर्यनम का रक्षक। जागृत हो चुके हैं ग्यारह हज़ार वर्षों तक मृत पड़े दानवीय योद्धा। तो क्या प्रारंभ हो चुका है एक और विध्वंस? लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न क्या एर्यनम का रक्षक कर पायेगा इन सभी दुष्टों का संहार और बचा पायेगा अपनी मातृभूमि को? एक महागाथा, संतप्तभूमि बेरुंडा रचना (चतुर्थांश) की पहली कड़ी- एर्यनम का रक्षक (विलुप्त एर्यनम साम्राज्य की महागाथा)

Tulsidas: तुलसीदास

by Aacharya Shukla

तुलसीदास यह पुस्तक हिंदी भाषा में श्री प्रकाशन ने प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में गोस्वामीजी का जीवनचरित भी गौण रूप में सम्मिलित किया गया है। यह पुस्तक अपने विशुद्ध आलोचनात्मक रूप में पाठकों के सामने रखी जाती है। इस पुस्तक में गोस्वामीजी के महत्त्व के साक्षात्कार और उनकी विशेषताओं के प्रदर्शन का लघु प्रयत्न समझाया गया है। इस प्रयत्न में कहाँ तक सफलता हुई है, इसका निर्णय तो गोस्वामीजी की कृतियों से परिचित और प्रभावित सहृदय समाज ही कर सकता है। किताब में तुलसी की भक्तिपद्धति और काव्यपद्धति को समझाया है ।

Bhramargeet Saar (Aalochanatmak Evam Vyakhyatmak Sankalan) – Ranchi University N.P.U: भ्रमरगीत सार (आलोचनात्मक एवं व्याख्यात्मक संकलन) - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by Acharya Shukla

'Bhramargeet' is an essence gem inside the Sursagar. Due to not having a good version of the overall sun ocean, very few people take up the labor of entering within the unique rasadhara emanating from the heart of 'Sur'. In 1920, I assembled a good selection of illusory verses and organized to publish them; But due to many reasons the book could not be published at that time. Printed forms were lying for many years. After so many days, today 'Bhramgrit Saar' is kept in front of the society.

Rajneeti Vigyan B.A. First Year - M.P. University: राजनीति विज्ञान बी.ए. प्रथम वर्ष – एम. पी. यूनिवर्सिटी

by J. Shyamsundram C. P. Sharma

राजनीति विज्ञान विषय की यह पुस्तक बी.ए. प्रथम वर्ष के लिए है, जिसे नये यू.जी.सी. के विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए एकीकृत पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। यह पुस्तक अन्य पुस्तकों की तुलना में कई दृष्टियों से भिन्न है, पुस्तक पूर्णतया नये विभिन्न विश्वविद्यालयों के एकीकृत पाठ्यक्रम पर आधारित है। पुस्तक की विषय-सामग्री को आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ाकर नया रूप दिया गया है। अध्ययन सामग्री को सन्तुलित रखा गया है, अर्थात् न बहुत अधिक और न बहुत कम। पुस्तक में उस समस्त सामग्री का उपयोग किया गया है, जो इस पर प्राप्त है।

India's Foreign Policy Challenge and Strategy: भारत की विदेश नीति चुनौती और रणनीति

by Rajiv Sikri Chinmay Dharkhan

पुस्तक एक रणनीतिक और नीति-उन्मुख दृष्टिकोण से भारत की वर्तमान और बढ़ती विदेशी नीति चुनौतियों की जांच करती है। यह देश के विदेश नीति निर्माण को निर्धारित करने वाले दीर्घकालिक कारकों और रुझानों का विश्लेषण करता है। यदि यह जटिल और तेजी से विकसित होने वाली 21 वीं सदी की दुनिया में एक प्रमुख खिलाड़ी बनना है, तो लेखक भारत के दृष्टिकोण का पुन: मूल्यांकन करने का आग्रह करता है।

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