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Rohatasmath: रोहतासमठ
by Shree Babu Durgaprasad Khatriजमानिया तिलिस्म के राजा गोपालसिंह बडे बहादुर लेकिन नेक और सज्जन व्यक्ति थे । किन्तु उनकी रानी बड़ी ही धूर्त और ऐयाश थी जिसने धोखा देकर उन्हें कैद में डाल दिया और उन्हें मरा मशहूर करके उनके राज्य और तिलिस्म पर कब्जा कर लिया । किन्तु राजा गोपालसिंह के एक तेज ऐयार ने उनका पता लगाकर उन्हें छुड़ाया । उसके बाद उन्होंन कैसे अद्भुत काम किये और किस तरह तिलिस्म को तोड़ कर वहां की दौलत और अद्भुत वस्तुओं पर कब्जा किया, ये सनसनीखेज कथा इस उपन्यास में पढ़िये ।
RPWD Act - Hindi-2016: आरपीडब्ल्यूडी ॲक्ट - हिंदी-2016
by Rpwd Actदिव्यांगजनों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों को प्रभावी बनाने के लिए अधिनियम दिए गए है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, 13 दिसम्बर, 2006 को दिव्यांगजनों के अधिकारों पर उसके अभिसमय को अंगीकृत किया था, और पूर्वोक्त अभिसमय दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए सिद्धांत अधिकथित करता है।
Saahity Sujas Bhag 2 class 12 - RBSE Board: साहित्य सुजस भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसाहित्य सुजस भाग 2 कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में राजस्थानी साहित्य के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में गद्य, पद्य, व्याकरण, राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति का दर्शन होता है।
Samaj Ka Bodh 1 class 11 - NCERT - 23: समाज का बोध ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमाज का बोध कक्षा 11 वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में हम सामाजिक संरचना, सामाजिक स्तरीकरण एवं सामाजिक प्रक्रियाओं की अवधारणाओं को जानकर इस संबंध को बेहतर तरीके से समझने का प्रयास करेंगे। हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि व्यक्ति समूहों की सामाजिक संरचना में कहाँ स्थान पाते हैं और वे किस तरह कार्य करते और सामाजिक प्रक्रियाओें को प्रवर्तित करते हैं। वे किस प्रकार सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष करते हैं? वे भिन्न प्रकार के समाज में सहयोग, प्रतियोगिता और संघर्ष भिन्न प्रकार से क्यों करते हैं? समाजशास्त्र के मूल प्रश्नों के उपागम को आगे बढ़ाते हुए पहली पाठ्यपुस्तक में हमने इन प्रक्रियाओं को उनके स्वाभाविक और अपरिवर्तनीय रूप में नहीं देखा पर उन्हें सामाजिक रूप में बनते हुए देखा। हम उदारवादियों की इस व्याख्या को स्वीकार नहीं करते कि मानव स्वभाव से ही प्रतियोगी और संघर्ष प्रवृत्ति का होता है।
Samaj Shastra class 12 - RBSE Board: समाजशास्त्र कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसमाजशास्त्र इस पाठ्यपुस्तक में भारतीय समाज में परिवर्तन एवं चुनौतियाँ, पश्चिमौकरण, आधुनिकीकरण, संस्कृतीकरण एवं धर्मनिरपेक्षीकरण को सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाओं के रूप में अध्ययन किया गया तथा पंचायती राज, राजनैतिक दल एवं दबाब समूह को सामाजिक परिवर्तन के उपकरण के रूप में देखा गया। अत : राजस्थान में जो आन्दोलन हुए उनमें से किसान, जनजाति एवं पर्यावरण आन्दोलन का राष्ट्रीय महत्त्व है । इन आन्दोलनों के प्रमुख मुद्दे, उद्देश्य, सम्बंधित घटनाक्रम एवं प्रभाव को भी प्रासंगिकता को दृष्टि से प्रस्तुत किया है ।
Samajik Aur Rajnitik Jeevan 2 class 7 - NCERT: सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन 2 कक्षा 7 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसामाजिक एवं राजनीतिक जीवन माध्यमिक शाला स्तर पर समाज विज्ञान के पाठ्यक्रम में पुराने चले आ रहे विषय, नागरिक शास्त्र की जगह लेने वाला एक नया विषय है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 में यह ज़ोर देकर कहा गया है कि नागरिक शास्त्र को छोड़ देना ज़रूरी है और उसकी जगह लेने वाले नए विषय में सरकारी संस्थाओं और उनके कार्यों को दिए जाने वाले महत्त्व को संतुलित किया जाना चाहिए। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है; इस विषय में आज के भारत के सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक जीवन के मुद्दों को केंद्र में रखा जाएगा।
Samajik Aur Rajnitik Jeevan class 8 - NCERT: सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन कक्षा 8 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकक्षा 8 के लिए पाठ्यपुस्तक, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक विकास समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद्, सामाजिक विज्ञान सलाहकार समूह के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हरि वासुदेवन, पाठ्यपुस्तक समिति की मुख्य सलाहकार शारदा बालगोपालन और सलाहकार दिप्ता भोग की विशेष आभारी हैं। इस पाठ्यपुस्तक के निर्माण में कई शिक्षकों ने योगदान दिया। इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री और सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। हम माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मोरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति ( मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देते हैं।
Samajik Vidnyan class 9 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान कक्षा 9 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.Samajik Vidnyan text book for 9th standard from Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad, Raipur, C.G. in Hindi.
Samajik Vigyan Bhugol Bhag 2 class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग-2 (पृथ्वी : हमारा आवास) कक्षा 6 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में नो अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पुस्तक में सौरमंडल में पृथ्वी, ग्लोबः अक्षांस एवं देशांतर, पृथ्वी की गतियाँ, मानचित्र, पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल, पृथ्वी के प्रमुख स्थलरुप, भारत देश, भारत में जलवायु, वनस्पती तथा वन्य प्राणी आदि के बारे में बताया गया है।
Samajik Vigyan Bhugol Bhag 2 class 7 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 कक्षा 7 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में दस अध्याय दिए गए है, इसमें पर्यावरण, हमारी पृथ्वी के अंदर और हमारी बदलती पृथ्वी, वायु, जल, प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन, मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार, मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश, शीतोष्ण घासस्थलों में जीवन, रेगिस्तान में जीवन और परिशिष्ट आदी के बारे में बताया गया है। सामाजिक भूगोल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के चयनित संदर्भो की चर्चा पाठ्यपुस्तक में की गई है।
Samajik Vigyan class 10 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक कक्षा 10 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में अध्ययन इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल और अर्थशास्त्र जैसी अलग-अलग इकाईयों के रूप में न होकर समग्र सामाजिक विज्ञान के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। पाठ्यपुस्तक में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के चार शैक्षिक स्तंभों की प्रमुख अवधारणाओं को रेखांकित किया गया है जो विद्यार्थियों में रचनात्मक, ज्ञान एवं कौशल को बढ़ावा देते हैं। सामाजिक विज्ञान से हमें मानवीय मूल्यों और विश्व के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और पूर्व में घटित घटनाओं को न दोहराते हुए उससे सीख लेने की शिक्षा मिलती है। देश की अर्थ व्यवस्था में हमारी भागीदारी सुनिश्चित करने का व्यापक दृष्टिकोण तथा सुशासन व्यवस्था की समझ विकसित करने का कार्य सामाजिक विज्ञान करता है। पाठ में प्रयोगात्मक और परिवेशीय आयामों को सम्मिलित किया गया है।
Samajik Vigyan Hamare Ateet Bhag 3 class 8 - NCERT: सामाजिक विज्ञान हमारे अतीत 3 कक्षा 8 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकक्षा 8 के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तक, यह पुस्तक बहुत सारे इतिहासकारों, शिक्षाविदों और शिक्षकों की सामूहिक कोशिशों का फल है। इन अध्यायों के लेखन और संशोधन में कई माह लगे हैं। ये अध्याय कार्यशालाओं में हुई चर्चाओं और ई-मेल पर हुए विचारों के आदान-प्रदान से उपजे हैं। इस प्रक्रिया में प्रत्येक सदस्य ने प्रकारांतर से अपनी क्षमता के अनुरूप योगदान दिया है। बहुत सारे व्यक्तियों और संस्थानों ने इस किताब को तैयार करने में मदद दी। प्रोफेसर मुजफ्फर आलम और डॉ. कुमकुम रॉय ने इसके मसविदे पढ़े और बदलाव के लिए कई अहम सुझाव दिए। किताब में दिए गए चित्रों के लिए हमने कई संस्थाओं के संग्रहों का इस्तेमाल किया। दिल्ली शहर और 1857 की घटनाओं के बहुत सारे चित्र अल्काज़ी फ़ाउंडेशन फ़ॉर दि आर्ट्स से लिए गए हैं। ब्रिटिश राज के बारे में लिखी गयी उन्नीसवीं सदी की बहुत सारी सचित्र पुस्तकें इंडिया इंटरनैशनल सेंटर के बहुमूल्य इंडिया कलेक्शन का हिस्सा थीं।
Samajik Vigyan Itihas Aur Nagrik Shastra Bhag 1 class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान इतिहास और नागरिकशास्त्र भाग 1 कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.सामाजिक विज्ञान इतिहास और नागरिकशास्त्र भाग 1 पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक के दो भाग किये गये है, इतिहास और नागरिकशास्त्र। इतिहास के अंतर्गत विषय सापेक्ष छत्तीसगढ़ के इतिहास को जोड़कर तथ्यात्मक संदर्भो को प्रस्तुत किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के पुराकालिक वैभव से सतत् ऐतिहासिक संदर्भो सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ वर्तमान का भी समावेश है। नागरिकशास्त्र के अंतर्गत वर्तमान के जनजीवन के प्रमुख एवं प्रभावी बिन्दुओं का समावेश किया गया है, कई उद्धरणों में विचारात्मक प्रश्न देकर छात्रों की जिज्ञासा व चिंतन को जागृत करने का प्रयास किया गया है।
Samajik Vigyan Itihas Aur Nagrik Shastra Bhag 1 class 7 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान इतिहास और नागरिकशास्त्र भाग 1 कक्षा 7 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.सामाजिक विज्ञान भाग 1 (इतिहास और नागरिकशास्त्र) पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में प्रत्येक पाठ का पूर्व के पाठों से संबंध है। पाठों में मूल्य शिक्षा, सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण तथा राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को बताने का सार्थक प्रयास किया गया है। छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर एवं सामाजिक व सांस्कृतिक परंपराओं का यथोचित समावेश किया गया है। सामाजिक भूगोल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के चयनित संदर्भो की चर्चा की गई है।
Samajik Vigyan Sansadhan Avam Vikas class 8 - NCERT: सामाजिक विज्ञान संसाधन एवं विकास कक्षा 8 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकक्षा 8 के लिए भूगोल की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हरि वासुदेवन और इस पाठ्यपुस्तक समिति की मुख्य सलाहकार विभा पार्थसारथी की विशेष आभारी है। इस पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान दिया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री और सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। हम माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देते हैं।
Samajshastra B.A. 2nd Year M.P. University
by Prof. M. L. Gupta Dr D. D. SharmaSamajshastra text book for B.A. 2nd Year According to the Latest Syllabus based on syllabus from M.P. University in Hindi
Samajshastra F.Y.B.A. M.P. University
by G. K. AgarwalSamajshastra text book for F.Y.B.A According to the Latest Syllabus based on syllabus from M.P. University in Hindi
Samashti Arthashastra class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन में अर्थशास्त्रियों द्वारा उपयोग किए गए अधिक जटिल विश्लेषणों से अवगत होंगे ।
Sanchayan Bhag 1 class 9 - NCERT: संचयन भाग 1 कक्षा 9 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसंचयन भाग 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह पाठ हैं – इस पुस्तक में आज देश में संप्रदाय और असहिष्णुता की प्रवृत्ति के कारण हम भारतीय जीवन-मूल्यों तथा अपनी समन्वयवादी सामासिक संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं । समुचित साहित्य की शिक्षा इस प्रवृत्ति को दूर करने और विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति स्वस्थ अभिरुचि विकसित करने में एक प्रेरक साधन बन सकती है । इस दृष्टि से पाठ्य-सामग्री के चयन और संयोजन में निम्नलिखित बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, पठन-सामग्री ऐसी हो जिसके माध्यम से विद्यार्थी लोक-परंपरा, साहित्य, कला, विज्ञान, समाज आदि के क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों और उसके प्रति उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो । विधागत पाठ्य-सामग्री के चयन में रोचकता और विविधता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है।
Sanjeev Ki Katha-Yatra Doosra Parav: संजीव की कथा-यात्रा-दूसरा पडाव
by Sanjeevकैसे कहें कि कहानी सीप के कीड़े द्वारा मोती रचने जैसा कर्म है, कैसे कहें कि कहानी कुम्हार द्वारा घड़ा या मूर्तियाँ बनाने जैसा उद्यम है, कैसे कहें कि कहानी किसान द्वारा फसल पैदा करने या गायक द्वारा राग साधने जैसा श्रम है। कितने नदी-नालों, गड़हों, समुद्र या अन्य स्रोतों के जल-सा उसके अवयव अणु-अणु घटनाओं, पात्रों, चरित्रों, संवेदनाओं आदि रूप में बादलों की तरह आकार लेते हैं, कभी उड़ जाते हैं और कभी संघनित होकर बूंद-बूंद बरसते हैं, कभी कोहरा, कभी शबनम, कभी रिमझित तो कभी धार-धार...!
Sanjeev Ki Katha-Yatra Pahala Parav: संजीव की कथा-यात्रा पहला पड़ाव
by Sanjeevप्रस्तुत कहानियाँ तीस वर्षों के आज़ाद भारतीय मानस के कैनवस पर उभरे आर्थिक, नैतिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक यथार्थ की शिनाख्त हैं। सच समझना बड़ा दुष्कर है, बोलना और भी दुष्कर और सच को झेलना सबसे दुष्कर। कहानी मेरे लिए मौज-मस्ती का अंग नहीं है जो गुदगुदा सके। जहाँ ज़ख्म और फफोले हैं, वहाँ सोच को भटकाना मैं जघन्य अपराध मानता हूँ अतः उस तरह के अफ़ीम के व्यापारियों से हमारी राह अलग है। अगर ज़ख्म रिसते हैं तो इस हक़ीक़त को छुपाना, कराह और आक्रोश के कण्ठस्वर को रोकना, आत्मघात और कायरता है। इसीलिए निदान के लिए सभी तरह के तर्कसंगत प्रयासों को जुबान देना मैंने अपना फ़र्ज़ समझा है।
Sanjeev Ki Katha-Yatra Teesra Parav: संजीव की कथा-यात्राः तीसरा पड़ाव
by Sanjeevमहाकाल और महाकाली मेरे लिए आस्तिकता के पर्याय नहीं, समय और शक्ति की द्वंद्वात्मकता के प्रतीक हैं, आततायियों के विनाश के बाद सूजन की ओर लौट चलने की अनुप्रेरणा ही मेरे लिए जीवन संघर्षों का सार है।
Sanshipt Budhcharit class 8 - NCERT: संक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसंक्षिप्त बुद्धचरित कक्षा 8 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक। यह पुस्तक विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा - 2000 और इस रूपरेखा के अनुरूप तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। एन.सी.ई.आर.टी. की कार्यकारिणी समिति की दिनांक 19 जुलाई 2004 को आयोजित बैठक में पाठ्यपुस्तकों की गुणवत्ता से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकों की शीघ्र ही समीक्षा की जाए। इस निर्णय का अनुपालन करते हुए एन.सी.ई.आर.टी. ने सभी पाठ्यपुस्तकों के परीक्षण के लिए 23 त्वरित समीक्षा समितियों का गठन किया। इन समितियों ने संकल्पनात्मक, तथ्यात्मक तथा भाषा संबंधी विविध अशुद्धियों की पहचान की। समीक्षा की इस प्रक्रिया में पहले किए गए पाठ्यपुस्तकों के मूल्यांकन को भी ध्यान में रखा गया। यह प्रक्रिया अब पूर्ण हो चुकी है और पाई गई अशुद्धियों का सुधार कर दिया गया है। हमें आशा है कि पुस्तक का यह संशोधित संस्करण शिक्षण व अधिगम का प्रभावी माध्यम सिद्ध होगा। इस पुस्तक की गुणवत्ता में और अधिक सुधार के लिए हमें आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।
Santaptbhumi Berunda Rachna - Arnayam Ka Rakshak: संतप्तभूमि बेरुंडा रचना: एर्यनम का रक्षक
by Bhanupratap Yadav 'Shubharambh'रामायण काल की एक घटना जो इतिहास के पन्नों से मिट चुकी है, जिसने क्रूरता और षड्यंत्र की सारी सीमाएँ लांघकर रच दिया था एक रक्त रंजित इतिहास। यह कहानी है इतिहास के अंधकार में खो चुके एक विशाल साम्राज्य की। एक घटना और जिसके पीछे छिपा हुआ है भयावह रहस्य जो आने वाले समय में शापित भूमि एर्यनम को फिर से पुनर्जीवित कर देने वाला था। इस सन्तप्तभूमि के उद्धार हेतु अवतरित हुआ वह योद्धा, जो कहलाया एर्यनम का रक्षक। जागृत हो चुके हैं ग्यारह हज़ार वर्षों तक मृत पड़े दानवीय योद्धा। तो क्या प्रारंभ हो चुका है एक और विध्वंस? लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न क्या एर्यनम का रक्षक कर पायेगा इन सभी दुष्टों का संहार और बचा पायेगा अपनी मातृभूमि को? एक महागाथा, संतप्तभूमि बेरुंडा रचना (चतुर्थांश) की पहली कड़ी- एर्यनम का रक्षक (विलुप्त एर्यनम साम्राज्य की महागाथा)