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Bhaswati Dviteeyo Bhag class 12 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: भास्वती द्वितीयो भाग 12 वीं कक्षा एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भास्वती द्वितीयो भागः 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में वैदिक साहित्य के अनन्तर लौकिक साहित्य की परिगणना की गई है। इस पाठ्यक्रम में वाल्मीकि से लेकर वर्तमान काल तक संस्कृत साहित्य प्रवाह भाँति तथा महाकाव्य, गद्यकाव्य, चम्पूकाव्य एवं नाट्यसाहित्य का समावेश किया गया है।

Shashwati (Dviteeyo Bhag) class 12 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: शाश्वती द्वितीयो भाग 12 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

शाश्वती द्वितीयो भागः कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी । इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है ।

Ruchira Bhag 3 Sanskrit class 8 - NCERT: रुचिरा तृतीयो भाग संस्कृतपाठ्यपुस्तकम् अष्टमवर्गाय 8th NCERT

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

तृतीयो भागः अष्टमवर्गाय संस्कृतपाठ्यपुस्तकम्, रुचिरा पुस्तक शृङ्खला अपने नाम के अनुसार रुचिवर्धक सामग्री से विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा के प्रयोग में कुशलता तो देगी ही साथ ही संस्कृत भाषा तथा साहित्य के प्रति उनमें अपेक्षित अभिरुचि भी उत्पन्न करने में समर्थ होगी, ऐसा विश्वास है। इसी शृङ्खला का तृतीय पुष्प रुचिरा तृतीयो भागः संशोधित संस्करण 2017 छात्र-छात्राओं के लिए प्रस्तुत है। इसके निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि कक्षा में शिक्षक और विद्यार्थियों की अन्तःक्रिया प्रश्नोत्तर माध्यम से संस्कृत में ही हो जिससे विद्यार्थी सरल संस्कृत वाक्यों को समझने, बोलने, पढ़ने और लिखने का कौशल विकसित कर सकें। रुचिरा के इस भाग में कुल 15 पाठ हैं जिनमें छह पद्यात्मक तथा तीन संवादात्मक या नाट्यरूप हैं। शेष पाठ कथात्मक या निबन्धात्मक हैं।

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