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Bhartiya Kavya Shastra Avam Pashchatya Sahitya Chintan B.A. SEM-V Ranchi University, N.P.U: भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन बी.ए. सेमीस्टर-V राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Sabhapati Mishra

प्रस्तुत पुस्तक ‘भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन’ डॉ. सभापति मिश्र द्वारा लिखित है, जो जयभारती प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा चतुर्थ संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पाठ्यपुस्तक में काव्यशास्त्र प्राचीन ज्ञाशशाखा है जो अद्यतन प्रवाहित है। इस शास्त्र की एक सुंदीर्घ परम्परा रही है जिसका प्रवर्तन आचार्य भरतमुनि के 'नाट्यशास्त्र' में दृष्टिगोचर होता है। इसी प्रकार अरस्तू ने 'पोइटिक्स' में काव्यशास्त्र के सिद्धान्तों का निरूपण किया है। काव्यशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य काव्य के तत्त्वों का विवेचन करना एवं काव्य के स्वरूप का निरूपण करना है। काव्यशास्त्र में अमिधा, लक्षणा और व्यंजना तीन शब्दशक्तियाँ मानी गयी हैं। काव्य सर्जन महाकाव्य, खण्डकाव्य, गीतिकाव्य आदि रूपों में होता है। काव्यशास्त्र के अन्तर्गत विविध काव्यभेदों के सिद्धान्त निरूपित किये गये हैं। काव्यभेदों के स्नान गद्य के भी भेद हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय काव्यशास्त्र के साथ-साथ पाश्चात्य साहित्य-चिन्तन का विवेचन किया गया है।

Bhautiki Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भौतिकी भाग 1 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भौतिकी भाग-1 कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में आठ अध्याय दिये गये है, भौतिकी की विशेष प्रकृति, धारणाओं की समझ के अलावा कुछ परिपाटियों का ज्ञान, आधारभूत गणितीय साधन, महत्त्वपूर्ण भौतिक स्थिरांकों के आंकिक मान, सूक्ष्म स्तर से गैलेक्सीन स्तर के परिसर तक उपयोगी मात्रकों की प्रणाली की अपेक्षा करती है। विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमने पुस्तक के अंत में परिशिष्ट A1 से A7 के रूप में आवश्यक साधन एवं डाटाबेस दिए हैं। अतिरिक्त जानकारी या किसी अध्याय विशेष में वर्णित विषय के उपयोग के लिए कुछ अध्यायों के अंत में भी कुछ परिशिष्ट दिए गए हैं।

Bhautiki Bhag 2 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भौतिकी भाग-2 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भौतिकी भाग-2 कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सात अध्याय दिये गये है, भौतिकी की विशेष प्रकृति, धारणाओं की समझ के अलावा कुछ परिपाटियों का ज्ञान, आधारभूत गणितीय साधन, महत्त्वपूर्ण भौतिक स्थिरांकों के आंकिक मान, सूक्ष्म स्तर से गैलेक्सीन स्तर के परिसर तक उपयोगी मात्रकों की प्रणाली की अपेक्षा करती है। विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमने पुस्तक के अंत में परिशिष्ट A1 से A9 के रूप में आवश्यक साधन एवं डाटाबेस दिए हैं। अतिरिक्त जानकारी या किसी अध्याय विशेष में वर्णित विषय के उपयोग के लिए कुछ अध्यायों के अंत में भी कुछ परिशिष्ट दिए गए हैं।

Itihas Darshan - Ranchi University, N.P.U

by Prof. Chaube

इतिहास मनुष्य का अध्ययन है, उसका अध्ययनकर्ता मनुष्य है और जिस मूल सामग्री पर वह आश्रित है वह मनुष्य द्वारा संचित निधि होती है। उपलब्ध स्रोत सामग्री की अपूर्णता के अतिरिक्त इतिहासकार समसामयिक परिस्थितियों की उपेक्षा नहीं कर सकता। अपूर्णताओं के बावजूद भी इतिहासकार सत्य की खोज के प्रति समॢपत होता है। इस कार्य के लिए जिस विशेष प्रकार के अध्ययन, चिन्तन और अनुशासन की आवश्यकता होती है, उसकी अपेक्षा एक प्रशिक्षित इतिहासकार से ही करनी चाहिए। स्रोत सामग्री के चयन, विश्लेषण और प्रस्तुतीकरण के कुछ आधारभूत सिद्धान्त सभी इतिहासकारों पर लागू होते हैं। इतिहास-दर्शन पर लिखित प्रस्तुत ग्रन्थ इस संदर्भ में एक बहुत बड़े अभाव का एक सराहनीय प्रयास है। इतिहास-दर्शन से सम्बन्धित प्राय: सभी विषयों का इस पुस्तक में विद्वत्तापूर्ण विवेचन किया गया है। इतिहास-दर्शन के व्यापक और गहन अध्ययन के लिए यह पुस्तक बड़ी उपयोगी होगी।

Jeev Vigyan class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: जीव विज्ञान कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

जीव विज्ञान कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में बाइस अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है और इस पाठपुस्तक में जीवन की उत्पत्ति, जैव-विविधता के विस्तार की उत्पत्ति, विभिन्न पर्यावासों में वनस्पति एवं प्राणियों का विकास आदि जैसे मूलभूत भाग समाविष्ट किये गये है ।

Jharkhand Itihas Evam Sanskruti M.A. SEM-II Ranchi University, N.P.U: झारखंड इतिहास एवं संस्कृति एम.ए. सेमीस्टर-II राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by B. Virottam

प्रस्तुत ग्रंथ “झारखंड : इतिहास एवं संस्कृति", डॉ. बी. वीरोक्तम, द्वारा लिखित है, जो भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा-विभाग) के शत-प्रतिशत अनुदान से बिहार हिंदी ग्रन्थ अकादमी द्वारा सप्तम् संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पाठपुस्तक में तेराह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । यह ग्रंथ इतिहास विषय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

Jharkhand Update (Samagra Jankari Ek Nazar Me)

by Baidhnath Upadhyay

स्पर्धा प्रकाशन जमशेदपुर, झारखण्ड के द्वारा इस पुस्तक के संशोधित तथा संवर्द्धित संस्करण को पूर्णतः समसामयिक करते हुए ‘झारखण्ड अपडेट (समग्र जानकारी : एक नजर में)’ नाम से हिन्दी पुस्तक लिखी हैं। झारखण्ड के बारे में सारी सूचनाएं एक पुस्तक में संग्रहित करके और झारखण्ड की धरती पर छिपे हुए अनेक धरोहरें अभ्यर्थियों के सामने प्रस्तुत करता है। विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु झारखण्ड राज्य से संबंधित सम्पूर्ण तथ्य संदर्भ में सम्पन्न परीक्षाओं में झारखण्ड से पूछे गये लगभग सभी प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में समाहित है। यही कारण है कि प्रतियोगिता परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को इसका समुचित लाभ प्राप्त हो सके। पाठकों के सुझावों के अनुरूप इसे और अधिक ज्ञानवर्द्धक एवं परीक्षोपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है।

Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग 1) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग - 1) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में आठ अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि कि गई है ।

Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 2 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग 2) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग – 2) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Mauritius Mathematics Grade 7 (Part-I) - MIE

by Mauritius Institute of Education

Mauritius Mathematics Grade 7 (Part-I) Textbook Mauritius Institute of Education.

Rajnitik Samajshastra - Ranchi University N.P.U: राजनीतिक समाजशास्त्र - रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by B. L. Fadia Pukhraj Jain

राजनीतिक समाजशास्त्र साहित्य भवन पब्लिकेशन्स : आगरा ने पुस्तक हिन्दी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में 'राजनीतिक समाजशास्त्र' को सहज और सुबोध भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास है । इसमें विषय से सम्बद्ध सभी पक्षों, यथा-राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक विकास, राजनीतिक भर्ती, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक समाजीकरण, राजनीतिक अभिजन, मतदान व्यवहार, राजनीतिक आधुनिकीकरण, राजनीतिक समाजशास्त्र का मार्क्सवादी उपागम, शक्ति, सत्ता एवं औचित्यपूर्णता की अवधारणा, राजनीतिक परिवर्तन या क्रान्ति आदि का विशद् विवेचन हुआ है ।

Rasayan Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: रसायन (भाग 1) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

रसायन (भाग-1) कक्षा 11 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में रसायन विज्ञान की मूल अवधारणाओं, परमाणु की संरचना, गुणधर्मों में आवर्तिता, रासायनिक आबंधन तथा विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं से अवगत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में सात अध्यायों का विवरण किया गया है।

Samajshastra F.Y.B.A. M.P. University

by G. K. Agarwal

Samajshastra text book for F.Y.B.A According to the Latest Syllabus based on syllabus from M.P. University in Hindi

Vigyan Evam Praudyogiki class 7 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी कक्षा 7 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में इक्कीस अध्याय दिये गए है। पाठ्यपुस्तक में हमारी पृथ्वी और पृथ्वी पर जीवन, जल, पदार्थ की संरचना और अम्ल क्षारक एवं लवण, मापन, सजीव जगत में संगठन, ऊष्मा तथा ताप और ऊष्मा का संचरण आदि के बारे में समजाया गया है। सजीवों में पोषण, सजीवों में श्वसन, रेशों से वस्त्र, प्रकाश का परावर्तन, सजीवों में परिवहन, उत्सर्जन, सजीवों में नियंत्रण एव समन्वय के बारे में पाठ्यपुस्तक में जानकारी दि है। स्थिर विद्युत, कंकाल जोड़ एवं पेशियाँ, मिट्टी, सजीवों में प्रजनन और विद्युत धारा ओर इसके प्रभाव आदि पुस्तक में स्पष्टीकरण दिया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में वैज्ञानिकों के चिंतन तथा वैज्ञानिक पद्धति से मानव जीवन में आए क्रांतीकारी परिवर्तनों का अध्ययन करेंगे।

Vishv Ki Prachin Sabhyataon Ka Itihaas

by Sushil Madhav Pathak

बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी हिंदी प्रांतों में स्थापित हिंदी ग्रंथ अकादमियों के समकक्ष है और इसे भी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा विभाग से प्रकाशन अनुदान प्राप्त होता है। अकादमी ने अनेक उत्कृष्ट पुस्तकों का सृजन तथा प्रकाशन किया है। प्रस्तुत ग्रंथ "विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का इतिहास", डॉ. सुशील माधव पाठक की मौलिक कृति का नवम् संस्करण है। डॉ. सुशील माधव पाठक जी इतिहास एवं पुरातत्त्व-विषय के विद्वान और अनुभवी लेखक हैं। आशा की जाती है कि यह ग्रंथ विश्वविद्यालय-स्तर के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों तथा सामान्य पाठकों के लिए रूचिकर होगा। इस ग्रंथ में विश्व की प्राचीन सभ्यताओं के इतिहास का सर्वेक्षण प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। स्नातकोत्तर कक्षाओं में पिछले उन्नीस वर्षों से इस विषय को पढ़ाने के अनुभव के आधार पर यह ग्रंथ लिखा गया है। हिंदी भाषा के माध्यम से एम. ए. कक्षाओं में इतिहास को पढ़ने की अभिरुचि विद्यार्थियों में बढ़ती जा रही है। ग्रंथ के मुद्रण-प्रकाशन में प्राप्त सभी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष सहयोग के लिए अकादमी आभार स्वीकार करती है।

Adhigam Ke Lie Maargadarshan-1 NES-103 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 1 में मानव जीवन में अधिगम का महत्वपूर्ण स्थान है और इसका योगदान औपचारिक शिक्षा अनुभवो से कही बढकर है। इस खंड में हम उस अधिगम प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है जो घर एवं विघालय में होती है। अधिगम एक सतत प्रक्रिया है तथा इस प्रक्रिया से गुजरते हुए जब बच्चे जटील समस्याओं का सामना करते है, तब उनके अधिगम को सुगम कैसे बनाया जाए इस बारे में विचार किया गया है।

Hindi class 10 - GSTB: हिंदी कक्षा 10 - जीएसटीबी

by Gstb

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક ધોરણ 10 ના હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે જેમાં ૨૩ પાઠ આપેલ છે.

Hindi class 11 - GSTB: हिन्दी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

આ પુસ્તક ધોરણ 11 નું હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે .

Hindi class 11 - GSTB: हिंदी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

साधो, देखो जग बौराना प्रस्तुत पद में कबीर ने अपने युग में व्याप्त हिन्दू-मुस्लिम धर्म की विसंगतियों तथा अन्तर्विरोधों, धार्मिक संकीर्णताओं, बह्यांडम्बरो आदि का खुलकर विरोध करते हुए धर्म के ठेकेदारों को आत्मज्ञान प्राप्ति की नसीहत दे रहे हैं | बापू की कुटिया में प्रस्तुत पाठ ‘बापू की कुतिया’ में लेखक को गांधीजी के जीवन-काल में उनसे न मिल पाने का रंज है तो दूसरी और उनकी अनुपस्थिति में कुटिया की हर वस्तु को आत्मसात करने का सुअवसर पाकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं पुरानी चीजों के पक्ष में | प्रस्तुत कविता में सच के साथ मनुष्यता को बचाये रखने के लिए निरंतर संघर्ष करता मिलता है | चन्द्रशेखर आज़ाद प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चन्द्रशेखर आज़ाद से जुडी हुई स्मृतियों के माध्यम से उनके जीवन व्यक्तित्व तथा उनकी निडरता पर ट्टष्टिपाट किया है शिक्षक के नाम पत्र यह पत्र अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा है- जिसमें अध्यापक के द्रारा किसी विधार्थी को ईमानदारी, विवेकशील, परिकश्रमी, धैर्यवान, आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ अपने विचार स्वयं बनाने पर बल दिया गया है |भारतमाता की जय प्रस्तुत लेख में अनपढ़ ग्रामीण लोग ‘भारतमाता की जय’ का नारा तो लगाते हैं किन्तु भारतमाता के सच्चे स्वरूप तथा उनकी वत्सलता से अनजान हैं |परशुराम – लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत अंश ‘रामचरितमानस’ के ‘बालकांड’ से लिया गया है | रामचन्द्र द्रारा शिवजी के धनुष तोड़े जाने पर परशुरामजी के क्रोध का वर्णन है पंचलाइट ‘पंचलाइट’ रेणुजी की गिनीचुनी प्रसिद्ध कहानियाँ में से एक है | पंच के न्याय दंड-जुरमाना, नयी चीज के आनेपर धर्म-ध्यान और कीर्तन के माध्यम से ग्रामजीवन का बखूबी चित्रण हुआ है; गाँव के अनपढ़ लोगों में अज्ञान जातिगत देष को उजागर किया है चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती यहाँ संकलित कविता ‘चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती’ में गाँव की अनपद लड़कियों और सामान्य-जन को नायकत्व प्रदान किया गया है |अजन्ता प्रस्तुत प्रवास वर्णन में अजन्ता की गुफाओं का परिचय मिलता है नीति के दोहे यहाँ ‘नीति के दोहों’ में आचरण की शुद्धता पर बल दिया है | जीवन का सत्य उजागर करनेवाले इन संकलित दोनों में शक्ति की महता, मैत्री, संगति का फल, वाणी का प्रभाव, योग्यता, बड़े-छोटे का भेद दरिद्रता, कृपण, जिहवा की विशेषता, एवं उदारता का मार्मिक चित्रण है | दु:ख, कदम मिलाकर चलना होगा , नन्हा–सा पौधा,बाज़ लोग, कल्पना-शक्ति,गज़ल, पहली चूक,डंका,दो लघु-कथाएँ .वगेरे पाठ भी सुन्दर तरीकेसे प्रस्तुत किये गये है.

Hindi class 9 - GSTB: हिंदी वर्ग 9 - जीएसटीबी

by Gstb

भाषाकीय नये अभ्यासक्रम का एक उदेश्य यह है, कि इस स्तर के छात्र व्यवहारिक भाषा का उपयोग करने के साथ-साथ अपनी भाषा-अभिव्यक्ति को विशेष प्रभावशाली बनाएँ । साहित्यिक स्वरूप एवं सर्जनात्मक भाषा का परिचय के साथ-साथ हिन्दी भाषा की खुबियों को समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । समझकर अपने स्व-लेखन में प्रयोग करना सिखें, इस लिए स्व-लेखन के लिए छात्रों को पूर्ण अवकाश दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक को रुचिकर, उपयोगी एवं क्षतिरहित बनाने का पूरा प्रयास मंडल द्वारा किया गया है, प्रस्तुत प्रार्थना मे 'सत्यं शिवं सुंदरम्' की भावना के साथ दीन-दुखियों की रक्षा करना, मानवता की उपासना करना, भेदभावों को दूर करना, बैरभाव से मुक्त हो कर विश्वबन्धुत्व की स्थापना करना-जैसे वैश्विक मूल्यों को हस्तान्तरण करने की प्रेरणा देनेवाली यह प्रार्थना मराठी से अनुदित है । प्रस्तुत निबंध में द्विवेदीजी ने यह समझाया है कि तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त अनाचार केवल बाहरी स्तर पर है ; वास्तव में आज भी लोगो में मानवीय मूल्यो के प्रति आस्था कायम है । अपने जीवन में घटित कुछ घटनाओं के द्वारा बताया है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए अपितु हमें जीवन के प्रति आस्थावान बने रहना चाहिए । प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में २४ प्रकरण है पूरक वांचन और स्वाध्याय भी दिये गे है.

NES-101- Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 3 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 3 इनमें शारीरिक एवं गामक विकास, संज्ञानात्मक एवं भाषा विकास तथा सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर चर्चा की गई है। इकाई 6 शारीरिक एवं गामक विकास पर है, इसमें शारीरक विकास की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया गया है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास से संबंधित इकाई 7 में विकास की अवस्थाओं के बारे में पियाजे ने जिन आधारभूत मान्यताओं की स्थापना की थी, उन पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इकाई 8 में बच्चों के सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर विचार किया गया है। यह दृष्टान्तों के प्रस्तुतीकरण द्वारा उनमें अन्तर्सम्बन्धों पर प्रकाश डालता है। प्रस्तुत किए गए दृष्टान्त के विश्लेषण से बच्चों में सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास के लक्षणों को समझने के लिए रोचक सहायता मिलती है। इन क्षेत्रों में विकास के प्रतिमान पर विस्तृत विचार किया गया है।

NES-103 - Adhigam Ke Lie Maargadarshan-2 -IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 2 में चार इकाई दि गई है, अधिगम प्रक्रिया सुगम बनाना अभिभावकों एवं शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण कार्य है। अधिगम की क्षमता मूलतः तीन महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है: खुद सीखने वाला, अधिगम-सामग्री तथा अधिगम विधियाँ। यह आवश्यक है कि हम सीखने वालों की अभिवृत्तियों तथा योग्यताओं, क्षमताओं तथा अक्षमताओं की पहचान करें। इस खंड में छात्रों की अधिगम संबंधी कुछ समस्याओं जैसे, अवधान, अभिप्रेरणा और अभिरुचि आदि की चर्चा करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें बच्चों की योग्यताओं तथा आवश्यकताओं को पहचानने एवं उनका मूल्यांकन करने तथा अधिगम की स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-1 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे बच्चों को प्यार, दुलार, स्नेह, मान्यता की आवश्यकता होती है। इन आवश्कताओं की पूर्ति बच्चों में सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना विकसित करती है। जब इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो बच्चों में असुरक्षा की भावना जागृत होती हैं एवं बच्चा परिवेश से समायोजन करने के कौशल नहीं सीख पाता है। इस खंड में हम बच्चों की सामान्य आवश्यकताओं एवं विभिन्न संवेगात्मक एवं आचरण संबंधी समस्याओं के बारे में अध्ययन करेंगे।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-2 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में ‘बच्चो के सामाजिक-संवेगात्मक विकास में मार्गदर्शन’ में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे वाक् दोष, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं लड़कियों की सामाजिक और संवेगात्मक समस्याएँ आदी के बारे में जानकारी दि गई है। बच्चों के सामाजिक एवं संवेगात्मक समस्याओं का विश्लेषण, उनकी आत्मधारणा, अभिभावकों की प्रवृत्ति और सामाजिक पूर्वाग्रह का अध्ययन भी किया गया है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 1 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक - एक अध्ययन खंड 1 इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बच्चो के शारीरिक, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं संवेगात्मक पहलुओं से संबंधित आवश्यताओं और समस्याओं को शिक्षक तथा अभिभावक को समझने की आवश्यताओं का विवेचन किया गया है। इसमें शैक्षिक निर्देशन संबंधित अनेक उन किर्याकलापों की चर्चा भी की गई है। जो बच्चो को घर तथा स्कूल में समायोजन के अवसर प्रदान करते है।

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