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Arthashastra mein Sankhiki class 11 - NCERT: अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल नौ पाठ हैं, साथ ही साथ परिशिष्ट का भाग भी किताब के अंत में दिया है। अर्थशास्त्र में व्यक्ति और समाज अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तथा समाज के विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपभोग हेतु वितरित करने के लिए इसका चुनाव कैसे करे कि वैकल्पिक प्रयोग वाले अल्प संसाधनों का प्रयोग विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में हो सके, यह अर्थशास्त्र में अध्ययन किया है।

Ashutosh Maharaj: Mahayogi ka Maharasya (Bloomsbury Revelations Ser.)

by Mr Sandeep Deo

Mahayogi Ashutosh Maharaj: The Master and the Mystic is about Shri Ashutosh Maharaj Ji, whose disciples have a firm conviction that he entered the state of samadhi on 28 January 2014. The medical world considers him to be clinically dead but his disciples strongly believe that Maharaj Ji will return to his body at a stipulated time; the reason being, before going into samadhi, he himself had revealed that he will be entering into this state. Not only this, even after assuming this state, he has revealed this fact to his disciples by manifesting in their inner, divine visions a number of times. That's why the disciples of Shri Ashutosh Maharaj Ji have preserved his body in a deep freezer for the last two years. It is an undeniable truth that Ashutosh Maharaj Ji is a secret-revealer, who unveils the divine light of the Supreme Lord within the inner being of his disciples by opening their Third Eye. He initiates his disciples into Brahm Gyan, which has been mentioned in the Vedas and the Upanishads. After all, who is not familiar with the Third Eye of Lord Shiva! Ashutosh Maharaj Ji clearly states that 'first behold God with your own eye (Third Eye), then repose your faith in any Guru.' Today, he has millions of followers all across the world. This is the first book written on Ashutosh Maharaj Ji. This book will reveal to the world as to who is this man who has once again brought into discussion the Vibhutipaad section of the Patanjali Yoga Sutras. The Vibhutipaadsection of the Patanjali Yoga Sutras talks about the different vibhutis (spiritual powers) acquired by a supreme yogi after he exercises his control on nature. One of these powers is the ability to renounce one's body for a long time. This book is an attempt to present the vivid persona of Shri Ashutosh Maharaj ji along with a lucid explanation of the same ancient knowledge, which is soon becoming extinct.

Autism & Multiple Disability: स्वालीनता एवं बहु - विकलांगता (बहु - दिव्यांगता)

by Susheel Kumar

यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।

Awara Masiha - Novel: आवारा मसीहा - उपन्यास

by Vishnu Prabhakar

‘आवारा मसीहा’ यह किताब लेखक विष्णु प्रभाकरजी ने मार्च 1974 में प्रकाशित की। इस पुस्तक में शरतचन्द्र चटर्जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। ‘आवारा मसीहा’ यह किताब का अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक में उनके अपने चरित्र के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली कुछ और कथाएँ बताई गई है। शरतचन्द्र भारत के सर्वप्रिय उपन्यासकार थे। उन्हें बंगाल में जितनी ख्याति और लोकप्रियता मिली, उतनी ही हिन्दी में तथा गुजराती, मलयालम तथा अन्य भाषाओं में भी मिली। उनकी रचनाओं की विशिष्टता के कारण उनको देशभर से बहुत प्यार मिला।

Azadi Ke Baad Ka Swarnim Bharat Bhag 2 class 12 - RBSE Board: आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत (भाग- 2) कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में आझादी मिलने के बाद भारत में हुए बदलाव के बारे में सहज और सुबोध भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास किया है। इस पुस्तक में देश की गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन से जूझ रहे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजीव गांधीजी ने दिए हुए अनमोल योगदान के बारे में बताया गया है। भारतीय राजनीति की प्रमुख प्रवृत्तियों एवं उपलब्धियों का ऐसा ज्ञान है जिस पर प्रत्येक भारतीय को नाज होना स्वाभाविक है।

Badalte Gaon, Badalta Dehat: Nayi Samajikta ka Uday

by Satendra Kumar

Everyday life in contemporary rural India is characterized by an increased sense of mobility, inequality, and uncertainty. Ordinary villagers often find themselves caught between the promises and failures of democracy and development. This ethnographic study of the village of Khanpur (in Uttar Pradesh, north India) is an attempt to grasp everyday life in rural India. Drawing on descriptions of village life, interspersed with theoretical analyses, the author examines how ordinary people construct their own sense of their lives and their futures in everyday activities: working on farms, attending college, searching for non-farm employment, celebrating religious rituals, and dealing with local elections and democracy. The villagers confront growing economic and moral uncertainty; they creatively harmonize public discourse and local practice; and sometimes they resolve incoherence and unease through the use of irony. In so doing, they perform everyday village and caste ethics and re-create transient political, economic, and moral communities at a time of massive social dislocation. Satendra Kumar in this lucid book shows, in no uncertain terms, that villages in Uttar Pradesh and elsewhere have been and continue to be vibrant grounds for the production of culture, sociality, hope, politics, and persons. He also addresses anthropology's forfeiture of the village as a subject of study in an era of globalization.

Bahu Mange Insaaf - Novel: बहू मांगे इंसाफ - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

दहेज सदियों से भारतीय समाज का अभिशाप रहा है और दुर्भाग्य से यह अभी भी युवा दुल्हनों की खुशियों को निगल रहा है और वह दुल्हन बन जाएगा। सत्तर और अस्सी के दशक के दौरान, भारत में दहेज हत्याओं की अधिकता दर्ज की गई थी। ये ऐसे मामले थे जिनमें संबंधित बहू पर उसके ससुराल वालों द्वारा हत्या का संदेह किया गया था क्योंकि उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए शादी में पर्याप्त दहेज नहीं लाया था। इनमें से ज्यादातर मौतें रसोई घर में जलने से हुई हैं, क्योंकि शायद बहू के लिए अपने वैवाहिक घर की रसोई में काम करना स्वाभाविक माना जाता है और उसके कपड़े गलती से गैस के चूल्हे की आग को पकड़ नहीं पाते हैं। कुछ असामान्य। और इस प्रकार हत्या करने वाले ससुराल वालों के पास यह साबित करने से बचने का एक अच्छा मौका था कि युवती का जलना केवल एक घरेलू कुप्रथा थी।

Bal Mahabharat Katha class 7 - NCERT: बाल महाभारत कथा कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल महाभारत कथा-कक्षा 7 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक - महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है। व्यास जी ने महाभारत की यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को कंठस्थ कराई थी और बाद में अपने दूसरे शिष्यों को । मानव-जाति में महाभारत की कथा का प्रसार महर्षि वैशंपायन के द्वारा हुआ। वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे। ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया। इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे। सूत जी ने समस्त ऋषियों की एक सभा बुलाई। महर्षि शौनक इस सभा के अध्यक्ष हुए। एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।

Bharat Ava Vishva Ka Bhugol: भारत एवं विश्व का भूगोल

by माजिद हुसेन

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने वर्ष 2013 में सिविल सेवा मुख्य परीक्षा हेतु अपने परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम को पुनरीक्षित किया था। वर्ष 2011 में प्रारंभिक परीक्षा के आकार और पैटर्न में भी परिवर्तन किया गया था। पुनरीक्षित पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों से प्राप्त उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के आलोक में “भारत एवं विश्व का भूगोल” पुस्तक को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी प्रकाशनों से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों और सूचनाओं को ध्यानपूर्वक सम्मिलित कर पुनरीक्षित और अद्यतन किया गया है। इस पुनरीक्षित संस्करण में भूगोल, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तथा आपदा प्रबंधन के लगभग सभी विषयों को शामिल किया गया है, जोकि प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र—II, III और —IV में निर्धारित हैं।

Bharat Bhautik Paryavaran Class 11 - RBSE Board

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत भौतिक पर्यावरण कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, इस पाठ्यपुस्तक में चार खंड और दिए गए है। पाठ्यपुस्तक में खंड 1 प्रस्तावना में स्थिति-विश्व में भारत का स्थान एवं आंतरिक संबंध, खंड 2 - भूआकृति विज्ञान में संरचना एवं उच्चावच; भूआकृतिक विभाजन; अपवाह तंत्र; जल विभाजक संकल्पना; हिमालय और प्रायद्वीपीय, खंड 3 - जलवायु, वनस्पति एवं मृदा में मौसम एवं जलवायु - तापमान, वायुदाब, पवन और वर्षा का स्थानिक एवं कालिक वितरण; भारतीय मानसूनः क्रियाविधि, आरंभ एवं परिवर्तिता - स्थानिक एवं कालिक; जलवायु प्रकार; प्राकृतिक वनस्पति-वनों के प्रकार एवं वितरण, वन्य जीवन संरक्षरण, जीव मंडल निचय, मृदा-प्रमुख प्रकार एवं विभाजन, मृदा अवकर्षण एवं संरक्षण और खंड 4 - प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ: कारण, परिणाम तथा प्रबंध में बाढ़ तथा सूखा; भूकंप तथा सुनामी; चक्रवात; भू-स्खलन आदी के विषय पर चर्चा की गई है।

Bharat Evam Vishva Ka Bhugol-civil Service

by Majid Hussain

जब हम इस पुस्तक का सूक्ष्म अध्ययन करने की कोशिश करते हैं,तो पाते हैं कि इसमें अपने देश भारत के अतिरिक्त विश्व के विविध पहलुओं को समाहित कर उसकी विश्लेषणात्मक रूप से चर्चा की गयी है जिन्हें सिविल सेवा एवं हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस में पूर्णतया स्थान दिया गया है।इसके प्रत्येक अध्याय में निहित विषय वस्तु को और अधिक पठनीय एवं ग्राह्य बनाने हेतु यथासम्भव मानचित्रों / चार्टों /तालिकाओं का उपयोग किया गया है ताकि अभ्यर्थियों / पाठकों को इस विषय को पढ़ने में आनंद की अनुभूति हो, क्योंकि मानचित्र भूगोल की आत्मा होती है तथा इसके बिना कोई भी भौगोलिक अध्ययन अधूरा है।

Bharat Ka Itihas (C. 1206-1550) BA (Hons) Sem-III Ranchi University N.P.U.

by A. K. Mittal

Bharat Ka Itihas (C. 1206-1550) text book for B.A (Hons.) Sem-III from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Bharat Ka Itihas Part 1 class 12 - RBSE Board: भारत का इतिहास भाग 1 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत का इतिहास इस पाठ्यपुस्तक मे भारत के ऐतिहासिक व राष्ट्रीय गौरव, भारतीय इतिहास व संस्कृति के वैभवशाली अतीत, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक, कलात्मक एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों, महान् शासकों व महापुरुषों का तथ्यात्मक विवरण, मौर्य और गुप्त वंश के शासकों की गौरवमयी उप्लाब्धीया, राजस्थान के स्वाधीनता आन्दोलन का विवरण देते हुए किसान एवं जनजातीय आन्दोलनों के माध्यम से आम आदमी के संघर्ष को निकट से दिखाया है।

Bharat Ka Itihas Part 2 class 12 - RBSE Board: भारत का इतिहास भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारत का इतिहास इस पाठ्यपुस्तक मे भारत के ऐतिहासिक व राष्ट्रीय गौरव, भारतीय इतिहास व संस्कृति के वैभवशाली अतीत, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक, कलात्मक एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों, महान् शासकों व महापुरुषों का तथ्यात्मक विवरण, मौर्य और गुप्त वंश के शासकों की गौरवमयी उप्लाब्धीया, राजस्थान के स्वाधीनता आन्दोलन का विवरण देते हुए किसान एवं जनजातीय आन्दोलनों के माध्यम से आम आदमी के संघर्ष को निकट से दिखाया है।

Bharat Ka Itihas (Prarambh Se 1200 E. Tak) F.Y.B.A. M.P. University

by A. K. Mittal Dr R. Agarwal

भारत का इतिहास (प्रारंभ से 1200 ई. तक)भारत का इतिहास मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी.ए. (इतिहास) प्रथम वर्ष के प्रथम प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित नए वार्षिक पद्धाति के अनुसार पाठ्यक्रम पर आधारित है। नवीनतम् जानकारी व सरल भाषा होने के साथ-साथ पुस्तक में स्पष्ट मानचित्रा (Maps) व तालिकाआ (Charts) के द्वारा क्लिष्ट विषयों को भी विद्यार्थियों को समझने के अनुकूल बनाया गया है। पुस्तक पूर्णतया नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप है। प्रत्येक अध्याय से सम्बन्धित लघु एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी दिए गये हैं।

Bharat ka Prachin Itihas

by Ram Sharan Sharma

Beginning with a discussion on frameworks of writing history, the volume sheds light on the origins and growth of civilizations, empires, and religions. It covers the geographical, ecological, and linguistic backgrounds, and looks at specific cultures of the Neolithic, Chalcolithic, and Vedic periods, as well as the Harappan civilization. The author discussed the rise of Jainism and Buddhism, Magadha, and the beginning of territorial states. The period of Mauryas, Central Asian countries, Satavahanas, Guptas, and Harshvardhana are also analysed. He highlights important phenomena such as the varna system, urbanization, commerce and trade, developments in science and philosophy, and cultural legacy. He also examines the process of transition from ancient to medieval India and addresses topical issues such as the origin of the Aryan culture. This engaging and lucid text, by one of the best-known scholars of ancient India, will be indispensable for students and teachers of ancient Indian history. This book is the Hindi translation of the English edition.

Bharat ka Sanvidhan (Oxford Bharat Sankshipt Parichay)

by माधव ख़ोसला

Giving identity to over a billion people, the Indian Constitution is one of the world's great political texts. Drafted over six decades ago, its endurance and operation have fascinated and surprised many. In this short introduction, Madhav Khosla brings to light its many features, aspirations, and controversies. How does the Constitution separate power between different political actors? What form of citizenship does it embrace? And how can it change? In answering questions such as these, Khosla unravels the document's remarkable and challenging journey, inviting readers to reflect upon the theory and practice of constitutionalism in the world's largest democracy.This is the Hindi edition translated from English.

Bharat Ki Khoj class 8 - NCERT: भारत की खोज कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत की खोज-जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक भारत की खोज का संक्षिप्त रूप,कक्षा 8 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए परिषद् उनके प्राचार्यों एवं उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। परिषद् माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देती है। व्यवस्थागत सुधारों और अपने प्रकाशनों में निरंतर निखार लाने के प्रति समर्पित एन.सी.ई.आर.टी. टिप्पणियों एवं सुझावों का स्वागत करेगी जिनसे भावी संशोधनों में मदद ली जा सके।

Bharat Ki Videsh Neeti M.A. - Ranchi University, N.P.U: भारत की विदेश नीति एम. ए. - रांची विश्वविद्यालय, निलांबर पितांबर विश्वविद्यालय

by S. C Sinhal

भारत की विदेश नीति समस्त भारतीय के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C.) के निर्धारित नवीन पाठ्यक्रमानुसार एम. ए. के छात्र-छात्राओं के लिए यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली को सीखने के दृष्टीकोन से प्रश्नो को स्थान दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक के विषय में विदेश नीति का प्रमुख उद्देश्य यह है की नीति निर्धारित करने व देश के अन्य व्यवहार में अपने हित के अनुसार परिवर्तन लाने हेतु इस पाठ्क्रम का समावेश किया गया है ।

Bharat ki Videsh Niti: Punravlokan avum Sambhavnayein

by सुमित गाँगुली

This book provides a fairly comprehensive account of the evolution of India's foreign policy from 1947 to the present day. It is organized primarily in the form of India's relations with its neighbours and with key states in the global order. All the chapters in this volume utilize the level of analysis approach, a well-established conceptual scheme in the study of international politics in organizing the substantive cases. They provide crisp and lucid accounts of its developments in various parts of the world. The book is significant because there are no other viable edited volumes on the evolution of Indian foreign policy. Each chapter follows a common conceptual framework using the level of analysis approach. This framework looks at the evolution of India's foreign policy from the standpoints of systemic, national, and decision-making perspectives. In the introductory chapter, the editor carefully spells out the intellectual antecedents of the level of analysis framework in straightforward, lucid, and discursive prose, and applies to the substantive chapters in the volume. This book is the Hindi edition translated from English.

Bharat Log Aur Arthavyavstha (Bhugol) class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भारत लोग और अर्थव्यवस्था (भूगोल) कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भारत लोग और अर्थव्यवस्था (भूगोल) कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं से अवगत किया है। इस पाठपुस्तक में सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी शिक्षा तथा विभिन्न मानचित्रों का समावेश किया गया है।

Bharat Me Manavadhikar Evam Usaki Prasangikata: भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता

by Anay Kumar Jaiswal

प्रस्तुत शोध प्रबंध भारत में मानवाधिकार एवं उसकी प्रासंगिकता की समीक्षा एवं विश्लेषण का प्रमुख उद्देश्य है। शिक्षा के माध्यम से सभी नागरिकों को सामाजिक चेतना के लिए जागरूक करना तथा नागरिकों के अधिकार की जानकारी प्राप्त करना तथा उनका अर्थात् अधिकारों को विश्लेषण करना। भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करने में मानवाधिकार की प्रासंगिकता का आकलन करना, मानवाधिकार के माध्यम से भारतीयों को अपने अधिकारों का ज्ञान बोध कराना।

Bharateey itihaas ke kuch vishay Bhag 1 Class 12 NCERT: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एनसीईआरटी.

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में ऐतिहासिक काल के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृती, उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति, धार्मिक जीवन, रीति-रिवाज, अर्थव्यवस्थाओं के विषय और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में बताया गया है।

Bhartiy Itihaas Main Mahilayen M.A. SEM-II Ranchi University, N.P.U: भारतीय इतिहास में महिलाएँ एम.ए. सेमीस्टर-II राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by K. L. Khurana S. S. Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक भारतीय इतिहास में महिलाएँ, डॉ. के. एल. खुराना और डॉ. एस. एस. चौहान द्वारा लिखित है, जो लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में बीस अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पुरुषों की तुलना में भारत में महिलाओं की संख्या कदाचित् कम नहीं है, इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी महिलाओंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है । समाज व देश के आदर्शों और उच्चतम मूल्यों का संरक्षण भी उन्होंने अत्यन्त सफलतापूर्वक किया है । उनके ही उदार दृष्टिकोण के कारण सामाजिक परम्पराएँ एवं मान्यताएँ जीवित हैं । महिलाओं के त्याग, प्रयास और ज्ञान के कारण विद्वानों की यह मान्यता है, कि समाज की वस्तुस्थिति और उसके स्तर की जानकारी, समाज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति से जानी व समझी जा सकती है। इस किताब में उन्हीं भारतीय महिलाओं के इतिहास बारे में बताया गया है।

Bhartiya Arthvyastha: भारतीय अर्थव्यवस्था

by संजीव वर्मा

यूपीएससी पाठ्यक्रम के नए पैटर्न के आधार पर पूरी तरह से संशोधित और अद्यतन संस्करण - अब 4 व्यापक खंडों में संरचित- ए। घरेलू अर्थव्यवस्था, बी। बाहरी क्षेत्र- बाहर की ओर, सी। ग्लोबल इकोनॉमी और आउटलुक और डी। इंडियन इकोनॉमी रिविजिटेड, आउटलुक और चुनौतियां। पुस्तक आर्थिक मुद्दे को महान वैचारिक स्पष्टता के साथ रेखांकित करने और आवेदन के हिस्से में लाने और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता का प्रयास है। नई पीढ़ी के छात्रों को अर्थव्यवस्था को सही परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास। निम्नलिखित अध्यायों में अर्थव्यवस्था में भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही नई अवधारणाओं, नीतियों और कार्यान्वयन को अद्यतन करने और जोड़ने के दौरान सीखने की आसानी को ध्यान में रखा गया है: 1. मुख्य विशेषताएं: नया भारत 2. गरीबी और सामाजिक क्षेत्र 3. सरकार फाइनेंसिंग और बैंकिंग 4. विदेश व्यापार नीति ... कुछ का नाम दिया जाना है निम्नलिखित वर्गों को नए संस्करण में डाला गया है: 1. भारतीय अर्थव्यवस्था तारकीय प्रदर्शन 2. भारत की अर्थव्यवस्था भर में फैले JAM 3. माल और सेवा कर: एक प्रगतिशील कर व्यवस्था 4 निति आयोग: द प्रीमियर पॉलिसी थिंक टैंक 5. स्टार्टअप इंडिया: विंग्स टू द स्काई ऊपर 6. डिमॉनेटाइजेशन पॉलिसी: काले धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ही समय में अवधारणा (ओं) को सीखने और समझने की सुविधा के लिए आरेखों के साथ समृद्ध किया गया है।

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